जयपुर. प्रदेश में मंगलवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. राजधानी की हर छत पर पतंगों के बीच पेच लड़ा रहे हैं. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की छत से पतंग उड़ाते हुए राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि एक ओर घुंघट हटाने की बात होती है तो दूसरी ओर अगर नवजात बच्चों की मौत पर जाने की परंपरा नहीं होती है तो ऐसी परंपरा को तोड़ा जाना चाहिए.
दरअसल, कोटा में हुई बच्चों की मौत को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने एक बयान में कहा था कि छोटे बच्चों की मौत होने पर उनके घर जाने का कोई तुक नहीं होता है. सीएम गहलोत के इस बयान पर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि एक ओर हम परंपराओं और गलत परीपाटी को खत्म करने की बात करते हुए कहते हैं कि घुंघट से परहेज करना चाहिए. ऐसे में मैं समझता हूं कि अगर किसी के घर में कोई मौत होती है तो उसका दुःख बांटने के लिए और उसके आंसू पोंछने के लिए अगर परंपराएं नहीं हैं तो ऐसी परंपराएं तोड़नी चाहिए.
पायलट ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी होती है कि अपने मतदाताओं का दुःख बांटने उनके घर जाए और छोटे बच्चों की मौत पर अगर तीये या तेहरवें की परंपरा नहीं होती है, तो भी उनके मां-बाप के आंसू पोंछने की जिम्मेदारी हम सब लोगों की है. जिसे हम सबको मिलकर निभाना चाहिए. साफ तौर पर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान को लेकर यह प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि छोटे बच्चों की मौत होने पर उनके परिवार में दुख का माहौल होता है. ऐसे में उनके घर जाने का कोई तुक नहीं है.