जयपुर. राज्य में लगातार बढ़ते कोरोना की चपेट में नौकरी पेशा लोग ज्यादा आ रहे हैं. इसी को देखते हुए एक बार फिर सहकारिता विभाग से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने सहकारी बैंक और पैक्स कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर (Demand To Declare Bank Employees As Frontline Workers) घोषित करने की मांग फिर शुरू कर दी है.
कोरोना की दूसरी लहर में भी सहकारिता विभाग से जुड़े कर्मचारी संगठन ने यह मांग की थी. खुद सहकारिता मंत्री ने इस मामले में वित्त विभाग और स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर आग्रह भी किया था. लेकिन अभी भी यह मांग फाइलों में ही अटक कर रह गई है.
कोरोना संक्रमण के कारण कई ग्राम सेवा सहकारी बैंक और पैक्स के कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. मृतक कर्मचारियों के पीड़ित परिजनों को सरकार से 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि भी नहीं मिल पाई. यही कारण है कि सहकारी बैंक के कर्मचारी, ऑफिसर संगठन के महासचिव सूरजभान सिंह आमेरा ने एक बार फिर संगठन के जरिए कर्मचारियों की इस मांग को बुलंद किया है.
सहकारी बैंक एंप्लाइज ऑफिसर्स संगठन के महासचिव सूरजभान सिंह आमेरा का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का संक्रमण काफी ज्यादा है. कई सहकारी बैंक और पैक्स कर्मी इसकी चपेट में आ गए हैं. ऐसे में सरकार इन्हें फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करें. विपरीत परिस्थितियों में भी कर्मचारी ग्रामीण इलाकों में जनता की सेवा के लिए ड्यूटी पर तैनात रहते हैं. जिसके चलते इनके संक्रमित होने की संभावना भी अधिक रहती है.