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Rajasthan Budget 2022 : राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने सरकार से की व्यापारियों के लिए बजट में योजनाएं बनाने की मांग

राजस्थान की गहलोत सरकार 23 फरवरी को राज्य का बजट पेश करेगी. बजट को लेकर राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने इंडस्ट्री एंड कॉमर्स डिपार्टमेंट व्यापारियों के (Industry and commerce department Rajasthan) उत्थान के लिए योजना बनाने की मांग रखी है.

Rajasthan Budget 2022
व्यापारियों के लिए बजट में योजनाएं बनाने की मांग
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Published : Feb 12, 2022, 9:36 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार 23 फरवरी को राज्य का बजट पेश करने जा रही है. बजट को लेकर हर तबके को कोई ना कोई उम्मीद जरूर है. क्योंकि बीते 2 साल में कोविड-19 संक्रमण के कारण हर सेक्टर प्रभावित हुआ है, ऐसे में सरकार के इस बजट को लेकर राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने भी कुछ मांगे सरकार के समक्ष रखी हैं. जिनमें इंडस्ट्री एंड कॉमर्स डिपार्टमेंट व्यापारियों के उत्थान (Industry and commerce department Rajasthan) के लिए योजना बनाने की मांग प्रमुख है.

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि कोरोना के कारण बीते 2 सालों में व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार इंडस्ट्री एंड कॉमर्स डिपार्टमेंट से जुड़े व्यापारियों के लिए इस बजट में कुछ योजनाएं बनाए. कोरोना के कारण कृषि उपज व्यापार पर भी काफी असर देखने को मिला है, ऐसे में कृषि उपज व्यापार से जुड़े व्यापारियों को सरकार इस बजट में राहत दे. व्यापार संघ की मांग है कृषि जिंसों के विपणन में शामिल व्यापारियों के 25 लाख तक के बैंक कर्ज को चुकाने का समय 1 साल तक बढ़ाया जाए.

व्यापारियों के लिए बजट में योजनाएं बनाने की मांग

यह भी पढ़ें- Prahlad Patel Jodhpur Visit : महंगाई के सवाल पर कन्नी काटते नजर आए केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल, बोले- पूंजीगत खर्च से ठीक होगी चीजें

व्यापारियों की प्रमुख मांगे

  • व्यापारियों के लिए सरकारी कर्मचारियों की तरह स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लाई जाए.
  • 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन योजना शुरू की जाए.
  • दिवालिया होने पर उन्हें सिक यूनिट मानकर सहायता दी जाए.
  • सरकार कि ओर से गठित समितियों में राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ को प्रतिनिधित्व दिया जाए.

यह भी पढ़ें- Strategy for MSP law : न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने के लिए ग्राम सभा बनेगी केंद्र-जाट

खाद्य पदार्थ व्यापार संघ में कृषि विपणन अधिनियम तथा नियम संबंधी सुझाव

  • आढ़तियों की आढ़त 2.5 प्रतिशत की जाए.
  • समर्थन मूल्य की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से की जाए.
  • वर्तमान डीएलसी दर की एक चौथाई राशि पर दुकानों का मालिकाना हक की मांग संघ ने की है.
  • व्यापार संघ ने सभी मंडियों में व्यापार भवन के लिए डीएलसी की 20 फीसदी राशि पर भूमि उपलब्ध कराने की मांग रखी है.

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का कहना है कि मौजूदा समय में जीएसटी लागू हो चुकी है. लेकिन अभी भी प्रदेश में अधिकारी वेट प्रणाली की तरह ही कार्य कर रहे हैं. ऐसे में जीएसटी प्रक्रिया में मिसमैच की समस्या खड़ी हो रही है, जिसे तुरंत दूर किया जाए. इसके अलावा भारत में उत्पादित तिलहन, तेल, मसालों पर जीएसटी हटाई जाए.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार 23 फरवरी को राज्य का बजट पेश करने जा रही है. बजट को लेकर हर तबके को कोई ना कोई उम्मीद जरूर है. क्योंकि बीते 2 साल में कोविड-19 संक्रमण के कारण हर सेक्टर प्रभावित हुआ है, ऐसे में सरकार के इस बजट को लेकर राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने भी कुछ मांगे सरकार के समक्ष रखी हैं. जिनमें इंडस्ट्री एंड कॉमर्स डिपार्टमेंट व्यापारियों के उत्थान (Industry and commerce department Rajasthan) के लिए योजना बनाने की मांग प्रमुख है.

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि कोरोना के कारण बीते 2 सालों में व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार इंडस्ट्री एंड कॉमर्स डिपार्टमेंट से जुड़े व्यापारियों के लिए इस बजट में कुछ योजनाएं बनाए. कोरोना के कारण कृषि उपज व्यापार पर भी काफी असर देखने को मिला है, ऐसे में कृषि उपज व्यापार से जुड़े व्यापारियों को सरकार इस बजट में राहत दे. व्यापार संघ की मांग है कृषि जिंसों के विपणन में शामिल व्यापारियों के 25 लाख तक के बैंक कर्ज को चुकाने का समय 1 साल तक बढ़ाया जाए.

व्यापारियों के लिए बजट में योजनाएं बनाने की मांग

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व्यापारियों की प्रमुख मांगे

  • व्यापारियों के लिए सरकारी कर्मचारियों की तरह स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लाई जाए.
  • 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन योजना शुरू की जाए.
  • दिवालिया होने पर उन्हें सिक यूनिट मानकर सहायता दी जाए.
  • सरकार कि ओर से गठित समितियों में राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ को प्रतिनिधित्व दिया जाए.

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खाद्य पदार्थ व्यापार संघ में कृषि विपणन अधिनियम तथा नियम संबंधी सुझाव

  • आढ़तियों की आढ़त 2.5 प्रतिशत की जाए.
  • समर्थन मूल्य की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से की जाए.
  • वर्तमान डीएलसी दर की एक चौथाई राशि पर दुकानों का मालिकाना हक की मांग संघ ने की है.
  • व्यापार संघ ने सभी मंडियों में व्यापार भवन के लिए डीएलसी की 20 फीसदी राशि पर भूमि उपलब्ध कराने की मांग रखी है.

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का कहना है कि मौजूदा समय में जीएसटी लागू हो चुकी है. लेकिन अभी भी प्रदेश में अधिकारी वेट प्रणाली की तरह ही कार्य कर रहे हैं. ऐसे में जीएसटी प्रक्रिया में मिसमैच की समस्या खड़ी हो रही है, जिसे तुरंत दूर किया जाए. इसके अलावा भारत में उत्पादित तिलहन, तेल, मसालों पर जीएसटी हटाई जाए.

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