जयपुर. सराफ ने कहा कि राज्य में 60+ उम्र के लगभग 37 लाख लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगनी बाकी है. जिसमें से लगभग 27 लाख लोग तो ऐसे हैं, जिन्हें पहली डोज लगे 40 दिन से अधिक हो चुके हैं. अर्थात उनकी दूसरी डोज ड्यू हो चुकी है, लेकिन राज्य के पास मात्र 2 लाख डोज ही उपलब्ध हैं.
ऐसे में दूसरी डोज लगवाने के लिए लाखों बुजुर्ग मारे-मारे फिर रहे हैं. इसी तरह 45+ वर्ष के लगभग 42 लाख लोंगों को भी दूसरी डोज लगना बाकी है. राज्य में 18+ वर्ष के लोगों का टीकाकरण भी शुरू हो चुका है. ऐसे में राज्य के पास उपलब्ध 2 लाख डोज से काम चलने वाला नहीं है. राज्य सरकार के कुप्रबंधन के कारण लाखों लोगों को समय पर टीकाकरण नहीं हो पाएगा. इससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि सरकार ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत में पहली डोज लगाते वक्त दूसरी डोज का स्टॉक सुरक्षित रखने का दावा किया था, लेकिन रखा ही नहीं. हकीकत यह है कि सरकारी लापरवाही के कारण राज्य का टीकाकरण अभियान पूरी तरह से गड़बड़ा गया है. 45+ एवं 60+ उम्र के लाखों लोग दूसरी डोज लगवाने के किए भटक रहे हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति में निश्चित समयावधि में उनका टीकाकरण होना सम्भव नहीं लगता.
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विशेषज्ञों के अनुसार देरी से दूसरी डोज लगने पर लोगों को टीकाकरण का फायदा कम होगा. महामारी से लड़ाई में टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है, जिससे कोरोना के प्रकोप से बचा जा सकता है. ऐसे में वैक्सीन को लेकर राज्य सरकार की यह लापरवाही लोगों के लिए घातक हो सकती है.
सराफ ने राज्य सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि 45+ आयु वाले जिन लोगों को पहली डोज लगे 40 दिन हो चुके हैं. उनका डाटा एकत्रित करके विधानसभा अनुसार सरकारी एवं निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन केंद्र निर्धारित किए जाएं और आवश्यक संख्या में वैक्सीन उपलब्ध करवाकर प्राथमिकता से निश्चित समयावधि में उन्हें दूसरी डोज लगाने की व्यवस्था की जाए, ताकि संक्रमण के खिलाफ उन्हें सुरक्षित सुरक्षा कवच मिल सके.