जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह कोरोना के चलते विवाह स्थलों के नवीनीकरण शुल्क में छूट के संबंध में दो सप्ताह में निर्णय लेकर अदालत में जानकारी पेश करे. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता एसोसिएशन के सदस्य नवीनीकरण शुल्क जमा कराते हैं तो उससे याचिका के निस्तारण पर कोई प्रभाव नहीं पडे़गा और जमा कराया शुल्क याचिका के निर्णयाधीन होगा. न्यायाधीश ने अशोक गौड ने यह आदेश राजस्थान टेंट डीलर्स एसोसिएशन की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने बताया कि याचिकाकर्ता ने पूर्व में विवाह स्थल संचालकों से कोरोना काल के दौरान नवीनीकरण शुल्क न वसूलने के संबंध में याचिका पेश की थी. लेकिन याचिका के लंबित रहने के दौरान राज्य सरकार ने कैंप आयोजित कर बिना छूट दिए संपूर्ण शुल्क जमा कराने के निर्देश दिए. जबकि नगर निगम की ओर से राज्य सरकार को पत्र लिखकर नवीनीकरण शुल्क में छह माह की छूट देने का प्रस्ताव दिया था.
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वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि किसी एक गतिविधि को छूट देने के संबंध में निर्णय लेना सरकार का पॉलिसी मैटर है. निगम ने छूट देने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन उस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को छूट देने के संबंध में निर्णय करने के लिए दो सप्ताह का समय देते हुए कहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से लाईसेंस फीस जमा कराने पर वह याचिका के निर्णयाधीन रहेगी.