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सहकारिता विभाग का मसाला मेला बना खास, दिव्यांग बच्चों ने भी लिया मेले का आनंद

जयपुर के जवाहर कला केंद्र में चल रहे सहकारिता विभाग का मसाला मेले आकर्षण का केन्द्र बना हुआ. आमजन के साथ आज राजकीय सेठ आनंदीलाल पोद्दार बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय के बच्चे भी इस मेले में सम्मलित हुए.

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Published : May 16, 2019, 11:16 PM IST

मूक-बधिर बच्चों ने किया विजिट

जयपुर . जवाहर कला केंद्र में चल रहा सहकारिता विभाग का मसाला मेला गुरुवार को खास बन गया. खास बनने की वजह थी मूक बधिर बच्चे. गुरुवार को राजकीय सेठ आनंदीलाल पोद्दार बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने मसाला मेले का विजिट किया. विभाग के इस पहल की सभी लोगों ने तारीफ भी की. स्कूल के बच्चों ने मसालों और मेले के प्रबंधन के बारे में जानकारी ली.दिव्यांग छात्रों ने मेले के आयोजन, प्रबंधन और व्यवसायिक गतिविधियों से रूबरू हुए.

सहकारिता विभाग का मसाला मेला बना खास

मेले में बच्चों को कुटीर उद्योग के संचालन प्रबंधन और विभिन्न प्रकार की हस्तकला के उत्पादों की प्रक्रिया की जानकारी दी गई. दिव्यांग विद्यार्थियों को मेले के विजिट के बाद उपहार भी दिए गए. अतिरिक्त रजिस्ट्रार प्रथम एवं मेला संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि इन बच्चों को मेले में लगी स्टालों का विजिट कराया गया है. उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से एक छोटा सा प्रयास है ताकि बच्चों का जुड़ाव हम लोगों से हो सके और हमारा जुड़ाव इन बच्चों के साथ हो सके. वहीं, छात्र अंकित ने बताया कि हम लोगों को विजिट करके बहुत अच्छा लगा. सभी लोगों ने हमारा बहुत सपोर्ट किया. हमने मसाले और मेला प्रबंधन की जानकारी भी ली.

विभाग का दावा 75 लाख रुपए की हुई बिक्री...

सहकारिता विभाग का दावा है कि 10 मई से शुरू हुए मसाले मेले में अब तक 75 लाख से अधिक की मसालों की बिक्री हो चुकी है. मेले में राजसमंद सहकारी भंडार द्वारा चैत्र मास में खिलने वाले गुलाब के फूलों का गुलकंद और शरबत भी उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही भीलवाड़ा भंडार द्वारा अचार की एक पूरी रेंज आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

जयपुर . जवाहर कला केंद्र में चल रहा सहकारिता विभाग का मसाला मेला गुरुवार को खास बन गया. खास बनने की वजह थी मूक बधिर बच्चे. गुरुवार को राजकीय सेठ आनंदीलाल पोद्दार बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने मसाला मेले का विजिट किया. विभाग के इस पहल की सभी लोगों ने तारीफ भी की. स्कूल के बच्चों ने मसालों और मेले के प्रबंधन के बारे में जानकारी ली.दिव्यांग छात्रों ने मेले के आयोजन, प्रबंधन और व्यवसायिक गतिविधियों से रूबरू हुए.

सहकारिता विभाग का मसाला मेला बना खास

मेले में बच्चों को कुटीर उद्योग के संचालन प्रबंधन और विभिन्न प्रकार की हस्तकला के उत्पादों की प्रक्रिया की जानकारी दी गई. दिव्यांग विद्यार्थियों को मेले के विजिट के बाद उपहार भी दिए गए. अतिरिक्त रजिस्ट्रार प्रथम एवं मेला संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि इन बच्चों को मेले में लगी स्टालों का विजिट कराया गया है. उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से एक छोटा सा प्रयास है ताकि बच्चों का जुड़ाव हम लोगों से हो सके और हमारा जुड़ाव इन बच्चों के साथ हो सके. वहीं, छात्र अंकित ने बताया कि हम लोगों को विजिट करके बहुत अच्छा लगा. सभी लोगों ने हमारा बहुत सपोर्ट किया. हमने मसाले और मेला प्रबंधन की जानकारी भी ली.

विभाग का दावा 75 लाख रुपए की हुई बिक्री...

सहकारिता विभाग का दावा है कि 10 मई से शुरू हुए मसाले मेले में अब तक 75 लाख से अधिक की मसालों की बिक्री हो चुकी है. मेले में राजसमंद सहकारी भंडार द्वारा चैत्र मास में खिलने वाले गुलाब के फूलों का गुलकंद और शरबत भी उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही भीलवाड़ा भंडार द्वारा अचार की एक पूरी रेंज आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

Intro:जयपुर। जयपुर के जवाहर कला केंद्र में चल रहा सहकारिता विभाग का मसाला मेला गुरुवार को खास बन गया। खास बनने की वजह थी मूक बधिर बच्चे। गुरुवार को राजकीय सेठ आनंदीलाल पोद्दार बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने मसाला मेले का विजिट किया।
विभाग के इस पहल की सभी लोगों ने तारीफ भी की। स्कूल के बच्चों ने मसालो औए मेले के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। इस दौरान बच्चे काफी खुश नजर आ रहे थे बच्चों के साथ स्कूल के टीचर भी साथ आए थे।


Body:दिव्यांग छात्रों ने मेले के आयोजन, प्रबंधन और व्यवसायिक गतिविधियों से रूबरू हुए। मेले में बच्चों को कुटीर उद्योग के संचालन प्रबंधन और विभिन्न प्रकार की हस्तकला के उत्पादों की प्रक्रिया की जानकारी दी गई। दिव्यांग विद्यार्थियों को मिले के विजिट के बाद गिफ्ट भी दिए गए। मेले का अवलोकन और गिफ्ट मिलने के बाद बच्चे काफी खुश नजर आ रहे थे।
अतिरिक्त रजिस्ट्रार प्रथम एवं मेला संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि इन बच्चों को मेले में लगी स्टालों का विजिट कराया गया है। शर्मा ने कहा कि बच्चों के साथ यह परिस्थिति किसी भी तरह से ठीक नहीं है। यह एक विभाग की तरफ से एक छोटा सा प्रयास है ताकि बच्चों का जुड़ाव हम लोगों से हो सके और हमारा जुड़ाव इन बच्चों के साथ हो सके।
छात्र अंकित ने बताया कि हम लोगों को मिला विजिट करके बहुत अच्छा लगा। सभी लोगों ने हमारा बहुत सपोर्ट किया। हमने मसाले और मेला प्रबंधन की जानकारी भी ली


Conclusion:विभाग का दावा 75 लाख रुपए की हुई बिक्री-
सहकारिता विभाग का दावा है कि 10 मई से शुरू हुए मसाले मेले में अब तक 75 लाख से अधिक की मसालों की बिक्री हो चुकी है। मेले में राजसमंद सहकारी भंडार द्वारा चैत्र मास में खिलने वाले गुलाब के फूलों का गुलकंद और शरबत भी उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही भीलवाड़ा भंडार द्वारा अचार की एक पूरी रेंज आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। भरतपुर भंडार द्वारा लाया गया पंछी का पेठा और अचार भी मेले में आने वाले लोगों को खूब भा रहा है। मेले में केरल की काली मिर्ची , लॉन्ग , बड़ी इलायची, छोटी इलायची, कलौंजी, नमकीन केले की चिप्स वापस पर नारियल का तेल भी यहां उपलब्ध कराया जा रहा है।

बाईट
1. मेला संयोजक एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार प्रथम विजय शर्मा
2. छात्र अंकित
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