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Cyber fraud in Jaipur: बैंक पॉलिसी पर लोन और जॉब दिलवाने के नाम पर ठगी, दो शातिर साइबर ठग गिरफ्तार - Cyber fraud arrested

जयपुर पुलिस ने साइबर ठगी करने के मामले में सोमवार को दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया (Cyber fraud arrested) है. अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार आरोपियों ने जयपुर के लोगों को ठगा है. आरोपी महिला वैष्णवी जॉब दिलाने के नाम पर ठगी करती थी और अन्य आरोपी अजय पॉलिसी पर लोन दिलवाने के बहाने लोगों को झांसे में लेकर ठगी की वारदात को अंजाम देता था.

Cyber fraud arrested by Jaipur police from UP
बैंक पॉलिसी पर लोन और जॉब दिलवाने के नाम पर ठगी, दो शातिर साइबर ठग गिरफ्तार
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Published : Jun 21, 2022, 12:11 AM IST

जयपुर. प्रदेश में बड़े पैमाने पर साइबर ठग सक्रिय होकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इसी कड़ी में साइबर थाना पुलिस ने सोमवार को ठगी के दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई करते हुए दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में अजय और वैष्णवी सिंह उर्फ ऐशू है. आरोपी वैष्णवी ने नौकरी डॉट कॉम का अधिकारी बनकर जॉब दिलवाने के नाम पर ठगी की थी. आरोपी अजय ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से पॉलिसी पर लोन दिलवाने के नाम पर ठगी की थी.

आरोपी अजय पीड़ितों से ठगी करके राशि को अपने बैंक खातों में डलवाकर एटीएम से विड्रोल कर लेता था और वहीं आरोपी वैष्णवी सिंह साइबर ठगों को बैंक खाते कमीशन पर उपलब्ध करवाती थी. पुलिस ने आरोपी अजय को गाजियाबाद उत्तर प्रदेश से और आरोपी महिला वैष्णवी को लखनऊ उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया (Accused of fraud arrested from UP) है. आरोपियों में अजय ने जयपुर की रहने वाली सीमा बागड़ा के साथ ठगी की थी. सीमा की ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में पॉलिसी मैच्योर होने के बाद पॉलिसी पर लोन देने का झांसा दिया गया था. झांसा देकर आरोपियों ने सीमा से अलग-अलग टैक्स और शुल्क के नाम पर करीब 8 लाख रुपए की ठगी कर ली थी.

पढ़ें: राजस्थानः एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाले चार गिरफ्तार, 183 एटीएम कार्ड बरामद...6 राज्यों के 36 वारदातों का खुलासा

वहीं आरोपी महिला वैष्णवी ने अपने गिरोह के सरगना के साथ मिलकर डॉक्टर कमल डावर के साथ ठगी की थी. आरोपियों ने साइट के जरिए कमल से संपर्क कर एक बड़े नामी हॉस्पिटल में नौकरी लगाने का झांसा दिया था. कमीशन के रूप में महिला आरोपी ने अपने आका के कहने पर कमल डावर से करीब 1.20 लाख रुपए ठग लिए थे. मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस मामले में 6 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपी वैष्णवी और अजय फरार चल रहे थे, जिन्हें सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है.

पढ़ें: विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट का खुलासा, दस गिरफ्तार

साइबर थाने के हेड कांस्टेबल संजय डांगी को आरोपियों के लखनऊ और गाजियाबाद में होने की सूचना मिली थी. सूचना पर पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से दोनों आरोपियों को दबोच लिया. पूछताछ में सामने आया है कि वैष्णवी ठगी करने के लिए अपने आका के कहने पर लोगों से अकाउंट के दस्तावेज मुहैया कराती थी. इसके लिए लोगों को अपने प्रेम और दोस्ती के जाल में फंसाकर शिकार बनाती और फिर अपने आका को यह अकाउंट उपलब्ध करा देती.

जयपुर. प्रदेश में बड़े पैमाने पर साइबर ठग सक्रिय होकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इसी कड़ी में साइबर थाना पुलिस ने सोमवार को ठगी के दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई करते हुए दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में अजय और वैष्णवी सिंह उर्फ ऐशू है. आरोपी वैष्णवी ने नौकरी डॉट कॉम का अधिकारी बनकर जॉब दिलवाने के नाम पर ठगी की थी. आरोपी अजय ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से पॉलिसी पर लोन दिलवाने के नाम पर ठगी की थी.

आरोपी अजय पीड़ितों से ठगी करके राशि को अपने बैंक खातों में डलवाकर एटीएम से विड्रोल कर लेता था और वहीं आरोपी वैष्णवी सिंह साइबर ठगों को बैंक खाते कमीशन पर उपलब्ध करवाती थी. पुलिस ने आरोपी अजय को गाजियाबाद उत्तर प्रदेश से और आरोपी महिला वैष्णवी को लखनऊ उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया (Accused of fraud arrested from UP) है. आरोपियों में अजय ने जयपुर की रहने वाली सीमा बागड़ा के साथ ठगी की थी. सीमा की ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में पॉलिसी मैच्योर होने के बाद पॉलिसी पर लोन देने का झांसा दिया गया था. झांसा देकर आरोपियों ने सीमा से अलग-अलग टैक्स और शुल्क के नाम पर करीब 8 लाख रुपए की ठगी कर ली थी.

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वहीं आरोपी महिला वैष्णवी ने अपने गिरोह के सरगना के साथ मिलकर डॉक्टर कमल डावर के साथ ठगी की थी. आरोपियों ने साइट के जरिए कमल से संपर्क कर एक बड़े नामी हॉस्पिटल में नौकरी लगाने का झांसा दिया था. कमीशन के रूप में महिला आरोपी ने अपने आका के कहने पर कमल डावर से करीब 1.20 लाख रुपए ठग लिए थे. मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस मामले में 6 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपी वैष्णवी और अजय फरार चल रहे थे, जिन्हें सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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साइबर थाने के हेड कांस्टेबल संजय डांगी को आरोपियों के लखनऊ और गाजियाबाद में होने की सूचना मिली थी. सूचना पर पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से दोनों आरोपियों को दबोच लिया. पूछताछ में सामने आया है कि वैष्णवी ठगी करने के लिए अपने आका के कहने पर लोगों से अकाउंट के दस्तावेज मुहैया कराती थी. इसके लिए लोगों को अपने प्रेम और दोस्ती के जाल में फंसाकर शिकार बनाती और फिर अपने आका को यह अकाउंट उपलब्ध करा देती.

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