जयपुर. मुख्य सचिव उषा शर्मा का कहना है कि जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक आमजन के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण रखते हुए उनकी समस्याओं का निस्तारण करें और लोक सेवाओं की डिलीवरी बेहतर कर सुशासन का अहसास कराएं. उन्होंने कहा कि आपका एक नवाचारी कदम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है.
उषा शर्मा ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संभागीय आयुक्त, रेंज पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस आयुक्त, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ ‘सुशासन’ पर (CS discussion on good governance) चर्चा की. मुख्य सचिव ने कहा कि हम संवेदनशील रहकर हर व्यक्ति की मदद करें और उनकी परेशानी को कम करने की कोशिश करें. विशेष तौर से महिलाओं और समाज के कमजोर तबके के लोगों को सशक्त करें और उनको अहसास दिलाएं कि शासन-प्रशासन आपके साथ है.
उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की सुनवाई हो और उत्तरदायित्व के साथ उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो. उन्होंने मुख्यमंत्री की मंशा के मुताबिक सर्विस डिलीवरी व्यवस्था को मजबूत करने और जनसुनवाई और सम्पर्क पोर्टल पर आने वाले प्रकरणों का गुणवत्ता के साथ समय पर निस्तारण करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक स्वयं अपने स्तर पर प्रकरणों का निस्तारण करेंगे, तो निचले स्तर पर व्यवस्था अपने आप बेहतर होगी.
प्रभावी मॉनिटरिंग करें, पात्र व्यक्ति को लाभ मिले: शर्मा ने राज्य सरकार की फ्लेगशिप योजनाओं, बजट घोषणाओं, जन घोषणाओं और मुख्यमंत्री के निर्देशों की क्रियान्विति के लिए प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का सही मायने में पात्र व्यक्ति को लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें. उन्होंने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में शत प्रतिशत नागरिकों को कवर करने, कोविड राहत पैकेज के प्रकरणों का निस्तारण करने के निर्देश दिए.
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आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय’ की संकल्पना को करें साकार: मुख्य सचिव ने ‘आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय’ की संकल्पना को साकार करने के लिए राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था बनाने और आम नागरिक को भय मुक्त जीवन जीने का माहौल मुहैया कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था संबंधित कोई प्रकरण होने पर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक स्वयं मौके पर पहुंचे. महिलाओं के विरूद्ध अपराध और पॉक्सो प्रकरणों में विशेष संवेदनशीलता बरतते हुए त्वरित और कड़ी कार्रवाई करें. एससी-एसटी एक्ट संबंधी प्रकरणों में पीड़ितों को सुरक्षा और सहायता राशि समय पर दिलाना सुनिश्चित करें. पुलिस के ट्विटर हेंडल पर मिलने वाली शिकायतों पर तुरंत प्रभाव से प्रतिक्रिया व्यक्त करें.