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जयपुर: पृथ्वीराज नगर पेयजल योजना में घटिया निर्माण का साया, तीन टंकियों के निर्माण में मिले क्रैक - rajasthan news

जयपुर में पृथ्वीराज नगर में पेयजल सप्लाई की योजना के तहत टंकियों के निर्माण का कार्य रोक दिया गया है. इन टंकियों के फाउंडेशन में क्रैक सामने आया है, जिसके बाद फर्म को नोटिस जारी किया गया है.

Bisalpur, Jaipur news
जयपुर के तीन टंकियों के निर्माण में मिले क्रैक
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Published : Jun 11, 2021, 10:51 PM IST

जयपुर. बीसलपुर योजना से वंचित जयपुर के बड़े इलाके पृथ्वीराज नगर में पेयजल सप्लाई की योजना पर घटिया निर्माण का साया मंडराने लगा है. निरीक्षण के दौरान पेयजल सप्लाई के लिए बनने वाली तीन टंकियों के फाउंडेशन में क्रैक सामने आए हैं. क्रैक सामने आने के बाद विभाग ने तीनों टंकियों का निर्माण कार्य रोक दिया है और फर्म को नोटिस जारी किया है.

जयपुर के तीन टंकियों के निर्माण में मिले क्रैक

पृथ्वीराज नगर पेयजल योजना में 19 टंकियों का निर्माण किया जाना है. पृथ्वीराज नगर के रजनी विहार, विजय नगर और विधि विहार में टंकियों का निर्माण किया जा रहा है. जब पीएचईडी के उच्च अधिकारियों ने इन टंकियों का निरीक्षण किया तो इनके फाउंडेशन में क्रैक सामने आए. इसके बाद उच्च अधिकारियों ने काम को रोकने का निर्देश दिया और फर्म को नोटिस जारी किया है. पीएचईडी विभाग की जांच में भी सैंपल फेल हो गए.

यह भी पढ़ें. SPECIAL : बीसलपुर बांध से होती है जयपुर में पेयजल व्यवस्था...शुद्धता के कई चरणों से गुजरता है पानी

प्रोजेक्ट विंग के अधीक्षण अभियंता शुभांशु दीक्षित ने अधिकारियों के साथ टंकियों का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान उन्हें टंकियों के फाउंडेशन में क्रैक मिले. इन टंकियों के निर्माण पर अब तक करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हो चुका है. अब ठेकेदार को अपने खर्चे पर ही फिर से ही टंकियों के लिए नया फाउंडेशन बनवाना होगा. शुभांशु दीक्षित ने कहा कि पृथ्वीराज नगर योजना की लागत 563 करोड़ रुपये हैं और इस योजना में 19 टंकियों का निर्माण किया जाना है. फर्म की ओर से 6 से 7 टंकियों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है.

यह भी पढ़ें. Petrol-Diesel पर कांग्रेस का हल्ला बोल...लेकिन क्या आप जानते हैं सबसे ज्यादा VAT वसूलता है राजस्थान?

शुभांशु दीक्षित ने कहा कि पहले टंकी का रिबाउंड हैमर टेस्ट और अल्ट्रासोनिक पल्स वेलोसिटी टेस्ट करवाया गया. दोनों ही टेस्ट के टंकी निर्माण की गुणवत्ता का पता नहीं चला. इसके बाद कंप्रेसिव स्ट्रैंथ टेस्ट करवाया गया और इसमें टंकी निर्माण के सैंपल फेल हो गए. सैंपल फेल होने के तुरंत बाद ही निर्माण कार्य को रोक दिया गया. नियमित जांच का ही परिणाम है कि यह खामी सामने आई है और आगे भी पृथ्वीराज नगर योजना की नियमित रूप से जांच की जाएगी. जब भी कोई खामी दिखेगी तो उसे लेकर फर्म के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फर्म को भी चेतावनी दी गई है कि वह इस तरह का घटिया निर्माण दोबारा ना करें.

यह भी पढ़ें. BJP की रीति-नीति और विचारधारा से सहमति रखने वाले का स्वागत, फिर चाहे पायलट हो या अन्य: रामलाल शर्मा

बता दें कि पृथ्वीराज नगर की पेयजल योजना में 563.93 करोड रुपए खर्च होंगे और अब तक 24 फीसदी काम पूरा हो चुका है. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद दो लाख से अधिक की आबादी को पीने के लिए पेयजल मिल सकेगा.

जयपुर. बीसलपुर योजना से वंचित जयपुर के बड़े इलाके पृथ्वीराज नगर में पेयजल सप्लाई की योजना पर घटिया निर्माण का साया मंडराने लगा है. निरीक्षण के दौरान पेयजल सप्लाई के लिए बनने वाली तीन टंकियों के फाउंडेशन में क्रैक सामने आए हैं. क्रैक सामने आने के बाद विभाग ने तीनों टंकियों का निर्माण कार्य रोक दिया है और फर्म को नोटिस जारी किया है.

जयपुर के तीन टंकियों के निर्माण में मिले क्रैक

पृथ्वीराज नगर पेयजल योजना में 19 टंकियों का निर्माण किया जाना है. पृथ्वीराज नगर के रजनी विहार, विजय नगर और विधि विहार में टंकियों का निर्माण किया जा रहा है. जब पीएचईडी के उच्च अधिकारियों ने इन टंकियों का निरीक्षण किया तो इनके फाउंडेशन में क्रैक सामने आए. इसके बाद उच्च अधिकारियों ने काम को रोकने का निर्देश दिया और फर्म को नोटिस जारी किया है. पीएचईडी विभाग की जांच में भी सैंपल फेल हो गए.

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प्रोजेक्ट विंग के अधीक्षण अभियंता शुभांशु दीक्षित ने अधिकारियों के साथ टंकियों का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान उन्हें टंकियों के फाउंडेशन में क्रैक मिले. इन टंकियों के निर्माण पर अब तक करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हो चुका है. अब ठेकेदार को अपने खर्चे पर ही फिर से ही टंकियों के लिए नया फाउंडेशन बनवाना होगा. शुभांशु दीक्षित ने कहा कि पृथ्वीराज नगर योजना की लागत 563 करोड़ रुपये हैं और इस योजना में 19 टंकियों का निर्माण किया जाना है. फर्म की ओर से 6 से 7 टंकियों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है.

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शुभांशु दीक्षित ने कहा कि पहले टंकी का रिबाउंड हैमर टेस्ट और अल्ट्रासोनिक पल्स वेलोसिटी टेस्ट करवाया गया. दोनों ही टेस्ट के टंकी निर्माण की गुणवत्ता का पता नहीं चला. इसके बाद कंप्रेसिव स्ट्रैंथ टेस्ट करवाया गया और इसमें टंकी निर्माण के सैंपल फेल हो गए. सैंपल फेल होने के तुरंत बाद ही निर्माण कार्य को रोक दिया गया. नियमित जांच का ही परिणाम है कि यह खामी सामने आई है और आगे भी पृथ्वीराज नगर योजना की नियमित रूप से जांच की जाएगी. जब भी कोई खामी दिखेगी तो उसे लेकर फर्म के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फर्म को भी चेतावनी दी गई है कि वह इस तरह का घटिया निर्माण दोबारा ना करें.

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बता दें कि पृथ्वीराज नगर की पेयजल योजना में 563.93 करोड रुपए खर्च होंगे और अब तक 24 फीसदी काम पूरा हो चुका है. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद दो लाख से अधिक की आबादी को पीने के लिए पेयजल मिल सकेगा.

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