जयपुर. ग्रेटर नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह से मारपीट के मामले में निलंबित पार्षद शंकर शर्मा ने जयपुर शहर की निचली अदालत में सरेंडर कर दिया. जहां से अदालत ने आरोपी पार्षद की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया है. प्रकरण में तीन अन्य आरोपी पार्षद समर्पण के बाद जमानत पर चल रहे हैं.
ग्रेटर नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह से मारपीट के मामले में तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर (Soumya Gurjar) पहले से ही जमानत पर हैं. गौरतलब है कि निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह (Yagyamitra Singh) ने सौम्या गुर्जर, तत्कालीन पार्षद पारस जैन, अजय सिंह, शंकर शर्मा और रामकिशोर के खिलाफ मारपीट और अभद्रता करने का आरोप लगाया था.
इसके बाद मामला जयपुर के ज्योति नगर थाने में दर्ज किया गया. इस मामले की जांच कर पुलिस ने 1 जुलाई को आरोप पत्र (charge sheet) भी पेश कर दिया था. वहीं कोर्ट ने आरोप पत्र पर प्रसंज्ञान लेते हुए सौम्या गुर्जर के अलावा अन्य चारों पार्षदों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. इसके बाद सौम्या गुर्जर ने 13 जुलाई को कोर्ट में पेश होकर जमानत ली थी. जबकि तीनों आरोपियों ने अदालत में समर्पण किया था.
ये है मामला
गौरतलब है कि 4 जून को तत्कालीन महापौर सौम्या गुर्जर के चेंबर से विवाद की शुरुआत हुई थी. निगमायुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने चेंबर में खुद के साथ मारपीट होने और बदसलूकी करने का आरोप लगाया था.
साथ ही इसकी शिकायत राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) से करते हुए तीन पार्षदों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इसके बाद सरकार ने पूरे प्रकरण की जांच करते हुए महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया था.