जयपुर. प्रदेश में हर दिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. कोरोना की इस जंग में कोरोना वॉरियर्स अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन जहां आम लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं तो वहीं कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे प्रदेश के चिकित्सक भी वायरस से अछूते नहीं हैं.
प्रदेश में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सक और पुलिसकर्मी भी लगातार कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं. चिकित्सक ही नहीं अस्पताल में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभा रहे नर्सिंगकर्मी और वार्डबॉय में भी संक्रमण के मामले देखने को मिले हैं. प्रदेश में 53 कोरोना वॉरियर्स जो चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हुए हैं अभी तक पॉजिटिव सामने आए हैं. इसके अलावा एएनएम भी इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं.
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राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल से अभी तक सबसे अधिक चिकित्सक पॉजिटिव देखने को मिले हैं. यहां 8 चिकित्सक अभी तक पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें 7 रेजीडेंट चिकित्सक शामिल हैं. इसके अलावा अस्पताल से 4 नर्सिंगकर्मी और 2 वार्डबॉय भी पॉजिटिव पाया जा चुका है. इसके अलावा 5 पुलिसकर्मी भी पॉजिटिव पाए गए हैं.
आंकड़ों की बात करें तो जयपुर से 23, जोधपुर से 11, कोटा से 7, नागौर से 3 और भीलवाड़ा से 9 चिकित्सक और पुलिसकर्मी अभी तक प्रदेश में पॉजिटिव सामने आए हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों के पॉजिटिव आने से पहले एसएमएस मेडिकल कॉलेज में कैंटीन संचालक भी पॉजिटिव आया था, जिसके बाद अब अस्पताल के चिकित्सक पॉजिटिव आना शुरू हुए हैं.
बताया जा रहा है कि कैंटीन संचालक के कारण भी यह वायरस चिकित्सकों में फैला है. 50 लाख के मुआवजे की घोषणा इन चिकित्सकों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से की गई है. साथ ही इलाज के लिए पीपीई किट सरकार उपलब्ध करवा रही है. इसके अलावा अगर कोई चिकित्सक पॉजिटिव आ रहा है तो उसे अलग से क्वॉरेंटाइन में रखने की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से की गई है.
अगर कोई कोरोना वॉरियर्स चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या फिर संविदा पर लगा हो, ऐसे में सरकार ने घोषणा करते हुए कहा है कि कोरोना से अगर किसी कर्मचारी की मौत होती हैं तो उसके परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जाएगा.