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राजस्थान : कोरोना ने फ्लैगशिप योजनाओं पर लगाया ब्रेक, हो सकता है ये बड़ा असर

प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण का असर गहलोत सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को पर भी पड़ रहा है. कोरोना के चलते सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और उनके कामकाज की प्रगति थम गई है. इसे लेकर सरकार में भी अंदरखाने चर्चा जोरों पर है.

flagship yojana in rajasthan
कोरोना ने फ्लैगशिप योजनाओं पर लगाया ब्रेक
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Published : Apr 27, 2021, 11:00 AM IST

जयपुर. कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों ने आमजन के साथ-साथ प्रदेश सरकार को भी परेशान कर दिया है. इसका खासा असर गहलोत सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को पर भी पड़ रहा है. सूत्रों की मानें तो सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही उनके बजट में भी अब कटौती की जा सकती है. आमजन से जुड़ी इन फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रगति में में देरी हो सकती है. खास बात यह है कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस बात की ओर इशारा कर चुके हैं.

पढ़ें : चिकित्सा मंत्री का दावा- अप्रैल महीने में 81,964 रेमडेसिविर इंजेक्शन वितरित किए गए

प्रदेश की गहलोत सरकार 18 साल से अधिक उम्र के युवाओं को भी फ्री वैक्सीन लगाने की घोषणा कर चुकी है. सरकार के इस घोषणा के बाद करीब 3000 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त भार सरकार के ऊपर आएगा. सरकार ने भले ही कोरोना की विपदा में लोगों के लिए इस घोषणा को करके बड़ी राहत दी हो, लेकिन इसका असर अब सरकार की अन्य फ्लैगशिप योजनाओं पर पड़ेगा.

फ्लैगशिप योजनाओं के बजट में हो सकती है कटौती...

सूत्रों की मानें तो प्रदेश में गहलोत सरकार की ओर से तकरीबन डेढ़ दर्जन से अधिक फ्लैगशिप योजना संचालित हैं, जिनमें अधिकांश फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ भी समय-समय पर जनता को मिलता आ रहा है. लेकिन माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में सरकार की ओर से लिए गए फ्री वैक्सीनेशन के फैसले के बाद वैक्सीनेशन पर 3000 हजार करोड़ का खर्च होने के चलते सरकार पर 3000 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. जिसके बाद माना जा रहा है कि फ्लैगशिप योजनाओं के बजट में कटौती की जा सकती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इसके संकेत दे चुके हैं.

कलेक्टर स्तर पर होती है मॉनिटरिंग...

वहीं, दूसरी ओर सरकार की ओर से संचालित फ्लैगशिप योजनाओं की मॉनिटरिंग कलेक्टर के स्तर पर होती है. मुख्यमंत्री गहलोत भी लगातार फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन और कामकाज की प्रगति को लेकर लगातार जिला कलेक्टर्स से फीडबैक लेते रहते हैं. कई बार फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी होने पर मुख्यमंत्री गहलोत कई जिला कलेक्टरों को पूर्व में कड़ी फटकार भी लगा चुके हैं. सरकार की इन फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मिलने की बात कही जाती है.

प्रशासन गांव के संग अभियान स्थगित...

वहीं, 1 मई से शुरू होने वाले प्रशासन गांवों के संग अभियान को भी कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने स्थगित कर दिया है. बताया जाता है कि अभियान को शुरू करने के दौरान कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा था. जिसे देखते हुए सरकार ने इसे स्थगित कर दिया है. गहलोत सरकार ने प्रशासन गांवों के संग और शहरों के संग अभियान शुरू करने की घोषणा विधानसभा में की थी.

ये हैं सरकार की फ्लैगशिप योजनाएं...

प्रदेश में गहलोत सरकार की ओर से संचालित फ्लैगशिप योजनाओं में मुख्यमंत्री वृद्धजन एकल नारी विशेष योग्यजन पेंशन योजनाएं, मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री शुभ लक्ष्मी योजना, पशुधन निशुल्क दवा योजना, दुग्ध उत्पादक संबल योजना, ग्रामीण बीपीएल आवास योजना, शहरी बीपीएल आवास योजना, मुख्यमंत्री ब्याज मुक्ति फसल ऋण योजना, मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष, राजीव गांधी विद्यार्थी डिजिटल योजना, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना, मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, ग्रामीण सड़क विकास योजना, वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना, राजस्थान वृद्ध आश्रम योजना और शुद्ध के लिए युद्ध योजनाएं शामिल हैं.

जयपुर. कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों ने आमजन के साथ-साथ प्रदेश सरकार को भी परेशान कर दिया है. इसका खासा असर गहलोत सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को पर भी पड़ रहा है. सूत्रों की मानें तो सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही उनके बजट में भी अब कटौती की जा सकती है. आमजन से जुड़ी इन फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रगति में में देरी हो सकती है. खास बात यह है कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस बात की ओर इशारा कर चुके हैं.

पढ़ें : चिकित्सा मंत्री का दावा- अप्रैल महीने में 81,964 रेमडेसिविर इंजेक्शन वितरित किए गए

प्रदेश की गहलोत सरकार 18 साल से अधिक उम्र के युवाओं को भी फ्री वैक्सीन लगाने की घोषणा कर चुकी है. सरकार के इस घोषणा के बाद करीब 3000 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त भार सरकार के ऊपर आएगा. सरकार ने भले ही कोरोना की विपदा में लोगों के लिए इस घोषणा को करके बड़ी राहत दी हो, लेकिन इसका असर अब सरकार की अन्य फ्लैगशिप योजनाओं पर पड़ेगा.

फ्लैगशिप योजनाओं के बजट में हो सकती है कटौती...

सूत्रों की मानें तो प्रदेश में गहलोत सरकार की ओर से तकरीबन डेढ़ दर्जन से अधिक फ्लैगशिप योजना संचालित हैं, जिनमें अधिकांश फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ भी समय-समय पर जनता को मिलता आ रहा है. लेकिन माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में सरकार की ओर से लिए गए फ्री वैक्सीनेशन के फैसले के बाद वैक्सीनेशन पर 3000 हजार करोड़ का खर्च होने के चलते सरकार पर 3000 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. जिसके बाद माना जा रहा है कि फ्लैगशिप योजनाओं के बजट में कटौती की जा सकती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इसके संकेत दे चुके हैं.

कलेक्टर स्तर पर होती है मॉनिटरिंग...

वहीं, दूसरी ओर सरकार की ओर से संचालित फ्लैगशिप योजनाओं की मॉनिटरिंग कलेक्टर के स्तर पर होती है. मुख्यमंत्री गहलोत भी लगातार फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन और कामकाज की प्रगति को लेकर लगातार जिला कलेक्टर्स से फीडबैक लेते रहते हैं. कई बार फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी होने पर मुख्यमंत्री गहलोत कई जिला कलेक्टरों को पूर्व में कड़ी फटकार भी लगा चुके हैं. सरकार की इन फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मिलने की बात कही जाती है.

प्रशासन गांव के संग अभियान स्थगित...

वहीं, 1 मई से शुरू होने वाले प्रशासन गांवों के संग अभियान को भी कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने स्थगित कर दिया है. बताया जाता है कि अभियान को शुरू करने के दौरान कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा था. जिसे देखते हुए सरकार ने इसे स्थगित कर दिया है. गहलोत सरकार ने प्रशासन गांवों के संग और शहरों के संग अभियान शुरू करने की घोषणा विधानसभा में की थी.

ये हैं सरकार की फ्लैगशिप योजनाएं...

प्रदेश में गहलोत सरकार की ओर से संचालित फ्लैगशिप योजनाओं में मुख्यमंत्री वृद्धजन एकल नारी विशेष योग्यजन पेंशन योजनाएं, मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री शुभ लक्ष्मी योजना, पशुधन निशुल्क दवा योजना, दुग्ध उत्पादक संबल योजना, ग्रामीण बीपीएल आवास योजना, शहरी बीपीएल आवास योजना, मुख्यमंत्री ब्याज मुक्ति फसल ऋण योजना, मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष, राजीव गांधी विद्यार्थी डिजिटल योजना, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना, मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, ग्रामीण सड़क विकास योजना, वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना, राजस्थान वृद्ध आश्रम योजना और शुद्ध के लिए युद्ध योजनाएं शामिल हैं.

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