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वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम की पालना नहीं करने पर अवमानना नोटिस जारी

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Published : Jul 6, 2020, 1:41 PM IST

वृद्ध नागरिकों के कल्याण के लिए साल 2017 में वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम लागू किया गया था. इस नियम के तहत सरकार को सभी जिलों में वृद्ध आश्रम का निर्माण और वरिष्ठ नागरिकों के लिए केयर होम का निर्माण करवाना था. लेकिन 2 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई काम नहीं किया गया. जिसे लेकर अब खण्डपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

राजस्थान न्यूज, jaipur news
हाईकोर्ट ने आदेशों की पालना नहीं करने पर जारी किया नोटिस

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम, 2017 के प्रावधानों की पालना नहीं करने पर प्रमुख सामाजिक न्याय सचिव, डीजीपी और जेडीसी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश लोक उत्थान संस्थान की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि वृद्ध नागरिकों के कल्याण के लिए साल 2017 में वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम लागू किया गया था. अधिनियम में साल 2018 में कई कल्याणकारी प्रावधान जोड़े गए. इसके तहत राज्य सरकार को सभी जिलों में वृद्ध आश्रम के निर्माण के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए केयर होम का निर्माण किया जाना था.

पढ़ें- जयपुर: कोरोना के चलते 47 थाना इलाकों के 191 चिन्हित स्थानों में आंशिक कर्फ्यू लागू

इस मामले में हाईकोर्ट ने 5 मई 2018 को राज्य सरकार को अधिनियम की पालना के निर्देश देते हुए सभी प्रावधानों को लागू करने के लिए एक साल का समय दिया था. अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश को दो साल से अधिक का समय बीतने के बाद भी अब तक आदेशों की पालना नहीं हुई है. ऐसे में दोषी अफसरों पर अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खण्डपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम, 2017 के प्रावधानों की पालना नहीं करने पर प्रमुख सामाजिक न्याय सचिव, डीजीपी और जेडीसी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश लोक उत्थान संस्थान की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि वृद्ध नागरिकों के कल्याण के लिए साल 2017 में वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम लागू किया गया था. अधिनियम में साल 2018 में कई कल्याणकारी प्रावधान जोड़े गए. इसके तहत राज्य सरकार को सभी जिलों में वृद्ध आश्रम के निर्माण के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए केयर होम का निर्माण किया जाना था.

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इस मामले में हाईकोर्ट ने 5 मई 2018 को राज्य सरकार को अधिनियम की पालना के निर्देश देते हुए सभी प्रावधानों को लागू करने के लिए एक साल का समय दिया था. अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश को दो साल से अधिक का समय बीतने के बाद भी अब तक आदेशों की पालना नहीं हुई है. ऐसे में दोषी अफसरों पर अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खण्डपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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