जयपुर. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विस्तारक बनाए थे. यह विस्तारक हर विधानसभा में पार्टी की रीति-नीति और क्षेत्र में पार्टी की कमियों की जानकारी से पार्टी आलाकमान को अवगत कराते थे. अब कांग्रेस ने भी राजस्थान में एक ऐसा कैडर तैयार करने का फैसला लिया है. इसके लिए कांग्रेस की ओर से प्रेरक बनाए जा रहे हैं.
यह प्रेरक वो ट्रेनर होंगे, जो पहले विधानसभा और फिर बूथ लेवल तक ट्रेनिंग देकर नए ट्रेनर तैयार करेंगे. बूथ लेवल तक बने ट्रेनर फिर सीधा जनता से संवाद करेंगे और उन्हें कांग्रेस की रीति-नीति से अवगत कराएंगे. साथ ही सरकार के काम के बारे में भी जनता को बताएंगे.
लोकसभा चुनाव में करारी हार ने कांग्रेस को अंदर से बेचैन कर दिया था और ऐसे में कांग्रेस को अपना कैडर तैयार करने की आवश्यकता महसूस हुई. इसी के चलते यह प्रेरक प्लान लाया गया है.
विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने 'मेरा बूथ, मेरा गौरव' अभियान चलाया था, जिसमें लोगों को ट्रेनिंग दी गई थी. 200 में से 198 विधानसभाओं में वह कार्यक्रम सफलतापूर्वक हुआ था और अब उसी से प्रेरणा लेते हुए यह प्रेरक बनाए जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें : पाली की लाइफलाइन 'कपड़ा उद्योग' को जिंदा रखने की कवायद शुरू, 5 जनवरी को जांच के लिए आएगी टीम
पहले 25 लोकसभा सीटों से 25 प्रेरक
शुरुआत में 25 लोकसभा सीटों से 25 प्रेरक बनाए जाएंगे. इनमें वह लोग शामिल होंगे, जो पार्टी की रीति-नीति को पहले से ही अच्छे से जानते होंगे, अनुभव रखते होंगे और स्वेच्छा से पार्टी के लिए पूरा समय निकाल सकते हों. फिलहाल, कांग्रेस की ओर से 14 जनवरी को होने वाले साक्षात्कार में करीब 70 कांग्रेसियों को छांटा गया है. इनमें से साक्षात्कार कर शुरुआत में 25 प्रेरकों को नियुक्त किया जाएगा. फिर यह 25 प्रेरक आगे सभी 200 विधानसभाओं के लिए प्रेरक बनाएंगे और फिर वह 200 विधानसभाओं में लगे प्रेरक कांग्रेस में ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षित प्रेरक तैयार करेंगे, जो आम जनता से सीधा संपर्क साधेंगे.
14 जनवरी को होगा प्रेरकों का साक्षात्कार
इन प्रेरकों का साक्षात्कार 14 जनवरी को होगा. ऑल इंडिया कांग्रेस के ट्रेनिंग विभाग के अध्यक्ष सचिन राव और सचिव महेंद्र जोशी को इस काम के लिए इंचार्ज बनाया गया है. महामंत्री अजीत सिंह शेखावत भी इस दौरान साथ रहेंगे.
प्रेरकों के जरिए मास बेस पार्टी के साथ ही कैडर बेस पार्टी
माना जाता है, कि भाजपा जहां एक कैडर बेस पार्टी है तो वहीं कांग्रेस मास बेस पार्टी है. लेकिन अब पुराने दौर की कांग्रेस की स्थिति में लौट आने के लिए यह प्रेरक प्लान तैयार हुआ है. जिससे बीजेपी के कैडर को चुनौती दी जा सके. कांग्रेस के लिए कैडर खड़ा किया जाना कोई नया नहीं है, पहले भी कांग्रेस में को-ऑर्डिनेटर और प्रेरक बनाए जाते थे.
बता दें कि उस दौर में अमेठी और रायबरेली में अरुण नेहरू और डी पी राय ट्रेनिंग समन्वयक हुआ करते थे. सबसे पहले अमेठी, रायबरेली में ही ट्रेनिंग सेंटर बना. जहां तैयार हुए को-ऑर्डिनेटर ने देशभर में ट्रेनिंग दी. इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी ने यह कैडर तैयार करवाया. बता दें, कि यह पद्धति उस समय कांग्रेस में कामयाब भी रही और प्रखंड नेताओं को इस को-ऑर्डिनेटर सिस्टम से खोजा गया.
यह भी पढ़ें : Exclusive: प्रियंका के राजस्थान दौरे पर धीरज गुर्जर की चुप्पी, शिशुओं की मौत को लेकर BJP पर बरसे
प्रेरकों को ट्रेनिंग में ये सिखाएंगे
- कांग्रेस का इतिहास, आजादी के आंदोलन में कांग्रेस का योगदान, राष्ट्र निर्माण और समाज के प्रति दायित्व
- गांधी की विचारधारा
- विभिन्न सियासी विचारधाराओं और कांग्रेस विचारधारा के बीच फर्क
- संगठनात्मक मजबूती के तौर तरीके
- चुनाव में और चुनाव के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता की भूमिका
- बूथ मैनेजमेंट
- मौजूदा राजनीतिक चुनौतियां और संभावनाएं
- मौजूदा राजनीतिक हालात में कांग्रेस कार्यकर्ता का दायित्व
- सांप्रदायिक संगठन से देश को खतरा
- सेकुलरिज्म और कम्युनल पॉलिटिक्स
- युवाओं की भूमिका
- महिला सशक्तिकरण
- पंचायती राज और ग्रामीण विकास
- जातिवाद और समरसता के विषय
- सोशल मीडिया की भूमिका
- कम्युनिकेशन स्किल्स और व्यक्तित्व विकास
- मीडिया की भूमिका
- केंद्र की मोदी सरकार के गलत फैसले