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अमेरिका: ईरान पर ट्रंप की हत्या की कोशिश कराने का आरोप, शूटरों की मदद से रची साजिश - IRANIAN PLOT KILL TRUMP

अमेरिका के पेनसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश करने वाले शख्स के खिलाफ आरोप दायर किए गए.

Pennsylvania Trump attack
पेनसिल्वेनिया में ट्रंप की हत्या की कोशिश करने वाले के खिलाफ आरोप दायर (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 9, 2024, 7:25 AM IST

Updated : Nov 9, 2024, 7:34 AM IST

वाशिंगटन: अमेरिकी न्याय विभाग ने शुक्रवार (स्थानीय समय) डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का प्रयास करने वाले शख्स के खिलाफ आरोप दायर किए. इसमें आरोप लगाया गया है कि ईरान द्वारा पेनसिल्वेनिया में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रची गई.

आरोपों में कहा गया है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के एक एजेंट ने एक अफगान नागरिक फरहाद शकेरी (51) को अक्टूबर में योजना बनाने का निर्देश दिया था. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है.

अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड ने कहा कि दुनिया में ऐसे बहुत कम देश हैं जो ईरान की तरह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं.

गारलैंड ने कहा कि न्याय विभाग ने एक ऐसे शख्स के खिलाफ आरोप दायर किया है जिसे ईरान ने अपने मंसूबों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भेजा था. इसमें ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की मदद से इसे अंजाम तक पहुंचाने का लक्ष्य था. उनके टारगेट में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल थे.

कथित हत्या के प्रयास ने साजिश के एक बड़े पैमाने को उजागर किया जहां न्यूयॉर्क शहर के निवासी कार्लिसेल रिवेरा (49) और जोनाथन लोडहोल्ट (36) ने शकेरी के साथ मिलकर अमेरिका स्थित एक पत्रकार की हत्या की साजिश रची. वह ईरान का मुखर आलोचक था. उस समय शकेरी ईरान में रह रहा था, रिवेरा और लोडहोल्ट ने पत्रकार का पीछा किया और उसे महीनों तक अपडेट किया.

एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा कि दायर आरोप पत्र ये दर्शाता है कि ईरान अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने का निरंतर प्रयास करता रहा है. इनमें डोनाल्ड ट्रंप और अन्य शामिल हैं. न्यूयॉर्क के एक जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ने कहा कि ईरान सरकार के इशारे पर अमेरिकी धरती ट्रंप सहित अन्य लोगों को निशाना बनाने के प्रयासों को रोकना होगा.

बयान के अनुसार ईरान इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) कुद्स फोर्स (आईआरजीसी-क्यूएफ) के तत्कालीन कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों को निशाना बना रहा है. कासिम सुलेमानी की 2020 के जनवरी में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी.

शकेरी ईरान इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स का एक सदस्य है जो बचपन में ही अमेरिका आ गया था. डकैती के आरोप में 14 साल जेल में रहने के बाद उसे 2008 के आसपास निर्वासित कर दिया गया था.

आगे कहा गया है कि हाल के महीनों में शकेरी ने उन आपराधिक सहयोगियों के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया जिससे वह जेल में मिला था. उन लोगों को ईरान इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की मदद से अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए कहा था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले 13 जुलाई को पेंसिलवेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के ऊपर गोलीबारी की घटना हुई थी. घटना के बाद ट्रंप को तुरंत अमेरिकी सीक्रेट सर्विस एजेंटों द्वारा मंच से उतार दिया गया.

ये भी पढ़ें- अमेरिका: डोनाल्ड ट्रंप पर हमले की साजिश ईरान ने रची, मिली खुफिया जानकारी

वाशिंगटन: अमेरिकी न्याय विभाग ने शुक्रवार (स्थानीय समय) डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का प्रयास करने वाले शख्स के खिलाफ आरोप दायर किए. इसमें आरोप लगाया गया है कि ईरान द्वारा पेनसिल्वेनिया में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रची गई.

आरोपों में कहा गया है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के एक एजेंट ने एक अफगान नागरिक फरहाद शकेरी (51) को अक्टूबर में योजना बनाने का निर्देश दिया था. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है.

अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड ने कहा कि दुनिया में ऐसे बहुत कम देश हैं जो ईरान की तरह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं.

गारलैंड ने कहा कि न्याय विभाग ने एक ऐसे शख्स के खिलाफ आरोप दायर किया है जिसे ईरान ने अपने मंसूबों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भेजा था. इसमें ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की मदद से इसे अंजाम तक पहुंचाने का लक्ष्य था. उनके टारगेट में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल थे.

कथित हत्या के प्रयास ने साजिश के एक बड़े पैमाने को उजागर किया जहां न्यूयॉर्क शहर के निवासी कार्लिसेल रिवेरा (49) और जोनाथन लोडहोल्ट (36) ने शकेरी के साथ मिलकर अमेरिका स्थित एक पत्रकार की हत्या की साजिश रची. वह ईरान का मुखर आलोचक था. उस समय शकेरी ईरान में रह रहा था, रिवेरा और लोडहोल्ट ने पत्रकार का पीछा किया और उसे महीनों तक अपडेट किया.

एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा कि दायर आरोप पत्र ये दर्शाता है कि ईरान अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने का निरंतर प्रयास करता रहा है. इनमें डोनाल्ड ट्रंप और अन्य शामिल हैं. न्यूयॉर्क के एक जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ने कहा कि ईरान सरकार के इशारे पर अमेरिकी धरती ट्रंप सहित अन्य लोगों को निशाना बनाने के प्रयासों को रोकना होगा.

बयान के अनुसार ईरान इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) कुद्स फोर्स (आईआरजीसी-क्यूएफ) के तत्कालीन कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों को निशाना बना रहा है. कासिम सुलेमानी की 2020 के जनवरी में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी.

शकेरी ईरान इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स का एक सदस्य है जो बचपन में ही अमेरिका आ गया था. डकैती के आरोप में 14 साल जेल में रहने के बाद उसे 2008 के आसपास निर्वासित कर दिया गया था.

आगे कहा गया है कि हाल के महीनों में शकेरी ने उन आपराधिक सहयोगियों के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया जिससे वह जेल में मिला था. उन लोगों को ईरान इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की मदद से अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए कहा था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले 13 जुलाई को पेंसिलवेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के ऊपर गोलीबारी की घटना हुई थी. घटना के बाद ट्रंप को तुरंत अमेरिकी सीक्रेट सर्विस एजेंटों द्वारा मंच से उतार दिया गया.

ये भी पढ़ें- अमेरिका: डोनाल्ड ट्रंप पर हमले की साजिश ईरान ने रची, मिली खुफिया जानकारी
Last Updated : Nov 9, 2024, 7:34 AM IST
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