जयपुर. महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर मंगलवार को राजस्थान कांग्रेस का विशेष अधिवेशन आयोजित हुआ. जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. इस दौरान एक बार फिर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच शब्दों के तीर चले.
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब अपनी बात रखने मंच पर पहुंचे तो उन्होंने कहा कि उन्हें 10 मिनट बोलने का समय दिया गया है और वो उसी समय में अपनी बात पूरी करेंगे. इसके बाद जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बोलने का अवसर आया तो पायलट भी पिछे नहीं रहे. पीसीसी चीफ ने अशोक गहलोत का नाम लेकर कहा कि वो जब तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं तब तक आप कितनी देर भी बोल सकते हैं.
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इसके आगे बोलते हुए पायलट ने कहा कि अगर पार्टी में कुछ सही नहीं चल रहा है तो ऐसे में मुझमें सुनने की और आप में बोलने की शक्ती होनी चाहिए. आप बोलने की ताकत नहीं रखते तो आप जनता की आवाज नहीं उठा सकते और अगर मैं सुन नहीं सकता हूं...इसके आगे बोलते हुए पायलट ने अपने पिता राजेश पायलट का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पिता से उन्होंने सीखा है कि जो मन में आए वो बोलना चाहिए और पद पर चिपके रहने की भावना किसी में नहीं होनी चाहिए. पायलट के इस बयान को एक बार फिर से पायलट-गहलोत के बीच चल रही रस्साकस्सी को सामने कर दिया है.