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CM गहलोत ने बागी हुए पायलट समेत 2 मंत्रियों के विभागों का किया पुनर्गठन

राजस्थान में चल रहे सियासी महासंग्राम के बीच अब राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के दो अलग-अलग ध्रुव बन चुके हैं. इस बीच बगावत का दामन थाम रहे सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष के साथ ही ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग से बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं उनके सहयोगी कैबिनेट मंत्री रहे रमेश मीणा को खाद्य महकमें से और विश्वेंद्र सिंह को पर्यटन महकमे से बर्खास्त कर दिया.

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राजस्थान सियासी संग्रम...
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Published : Aug 7, 2020, 8:11 PM IST

जयपुर. राजस्थान में चल रहे सियासी महासंग्राम के बीच अब राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के दो अलग-अलग ध्रुव बन चुके हैं. एक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो दूसरा खेमा सचिन पायलट का. इस पूरे प्रकरण में जहां बगावत का दामन थाम रहे सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग से बर्खास्त कर दिया गया है.

वहीं उनके सहयोगी कैबिनेट मंत्री रहे रमेश मीणा को खाद्य महकमें से और विश्वेंद्र सिंह को पर्यटन महकमे से बर्खास्त कर दिया. ऐसे में अब इन चारों विभागों की सीधी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आ चुकी है. क्योंकि यह चारों विभाग सीधे जनता से जुड़े हुए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट, रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह के विभागों पर सीधा फोकस कर लिया है.

राजस्थान सियासी संग्रम...

जैसलमेर से जयपुर लौटते ही मुख्यमंत्री ने 2 अगस्त को खाद्य विभाग की बैठक ली. जिसमें उन्होंने कोरोना के समय में गरीब और जरूरतमंदों के लिए दूसरा सर्वे करने, एनएसए में वंचित पात्र लोगों के नाम केंद्र से जुड़वाने, वन नेशन वन राशन कार्ड के काम को गति देने सहित जिला रसद अधिकारियों के साथ संवाद किया. इसके बाद 5 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्यटन विभाग की बैठक ली.

पढ़ेंः BJP में नहीं होगा कोई प्रशिक्षण, कांग्रेस की बाड़ेबंदी से कोई लेना देना नहीं: कालीचरण सराफ

जिसमें उन्होंने नई पर्यटन नीति को लेकर अधिकारियों से फीडबैक लिया और जल्द ही यह पर्यटन नीति लाने की बात कही. वहीं 6 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट के विभाग ग्रामीण विकास और पंचायती राज की समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने बड़े निर्णय लेते हुए पंचायत सहायकों के मानदेय के लिए 100 करोड़ रुपए की स्वीकृति विधायकों के विधायक कोष के कामों की स्वीकृतिया 45 दिन में जारी करने और नई पंचायतों और पंचायत समितियों के लिए ग्राम विकास अधिकारियों और बीडीओ के पद जल्द से जल्द भरने के महत्वपूर्ण निर्णय लिए.

पढ़ेंः गहलोत कैंप के विधायकों की कॉल रिकॉर्डिंग की 'लिस्ट' हुई VIRAL

ऐसे में साफ है कि जब से उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट या कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को बर्खास्त करने के साथ ही उनके महकमों को भी मुख्यमंत्री ने तुरंत प्रभाव से अपने हाथ में ले लिया है. ताकि जनता से जुड़े इन महकमों में काम तुरंत प्रभाव से शुरू हो सके. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट के दूसरे महक में पीडब्ल्यूडी विभाग की भी बैठक लेनी शुक्रवार को होनी थी. लेकिन अब वह बैठक शनिवार को होगी.

जयपुर. राजस्थान में चल रहे सियासी महासंग्राम के बीच अब राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के दो अलग-अलग ध्रुव बन चुके हैं. एक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो दूसरा खेमा सचिन पायलट का. इस पूरे प्रकरण में जहां बगावत का दामन थाम रहे सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग से बर्खास्त कर दिया गया है.

वहीं उनके सहयोगी कैबिनेट मंत्री रहे रमेश मीणा को खाद्य महकमें से और विश्वेंद्र सिंह को पर्यटन महकमे से बर्खास्त कर दिया. ऐसे में अब इन चारों विभागों की सीधी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आ चुकी है. क्योंकि यह चारों विभाग सीधे जनता से जुड़े हुए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट, रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह के विभागों पर सीधा फोकस कर लिया है.

राजस्थान सियासी संग्रम...

जैसलमेर से जयपुर लौटते ही मुख्यमंत्री ने 2 अगस्त को खाद्य विभाग की बैठक ली. जिसमें उन्होंने कोरोना के समय में गरीब और जरूरतमंदों के लिए दूसरा सर्वे करने, एनएसए में वंचित पात्र लोगों के नाम केंद्र से जुड़वाने, वन नेशन वन राशन कार्ड के काम को गति देने सहित जिला रसद अधिकारियों के साथ संवाद किया. इसके बाद 5 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्यटन विभाग की बैठक ली.

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जिसमें उन्होंने नई पर्यटन नीति को लेकर अधिकारियों से फीडबैक लिया और जल्द ही यह पर्यटन नीति लाने की बात कही. वहीं 6 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट के विभाग ग्रामीण विकास और पंचायती राज की समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने बड़े निर्णय लेते हुए पंचायत सहायकों के मानदेय के लिए 100 करोड़ रुपए की स्वीकृति विधायकों के विधायक कोष के कामों की स्वीकृतिया 45 दिन में जारी करने और नई पंचायतों और पंचायत समितियों के लिए ग्राम विकास अधिकारियों और बीडीओ के पद जल्द से जल्द भरने के महत्वपूर्ण निर्णय लिए.

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ऐसे में साफ है कि जब से उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट या कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को बर्खास्त करने के साथ ही उनके महकमों को भी मुख्यमंत्री ने तुरंत प्रभाव से अपने हाथ में ले लिया है. ताकि जनता से जुड़े इन महकमों में काम तुरंत प्रभाव से शुरू हो सके. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट के दूसरे महक में पीडब्ल्यूडी विभाग की भी बैठक लेनी शुक्रवार को होनी थी. लेकिन अब वह बैठक शनिवार को होगी.

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