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गहलोत का पायलट को जवाबः जीत में सब भागीदार, हार में कोई नहीं...सरकार जाती है तो सीएम पर क्या बीतती है वही जानता है

राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की ओर से सरकार रिपीट नहीं होने को लेकर बार-बार उठाए जा रहे सवालों पर सीएम अशोक गहलोत (Gehlot reply to pilot) ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि 'जीत में सब भागीदारी निभाना चाहते हैं ,लेकिन हार में कोई भागीदार नहीं बनता'. गहलोत ने संगठन को लेकर भी नेताओं को सीख दी है.

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गहलोत का पायलट को जवाब
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Published : Jun 2, 2022, 3:34 PM IST

Updated : Jun 2, 2022, 9:45 PM IST

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट लगातार यह बात उठा रहे हैं कि प्रदेश में उन कारणों को जानकर ठीक करना होगा, जिसके चलते प्रदेश में तीन दशक से एक बार भाजपा की ओर एक बार कांग्रेस की सरकार बनती है. हर बार इशारों में सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत पर सवाल खड़े करते रहे हैं. लेकिन गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इशारों में सचिन पायलट को (Gehlot reply to pilot) जवाब दे दिया. सीएम गहलोत ने कहा कि अगर सरकार चली जाती है और आप 5 साल मुख्यमंत्री रहते हो, तो कोई भी समझ सकता है कि उस मुख्यमंत्री पर क्या बीती होगी ?.

उन्होंने 1 मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए कहा कि 'जीत में सब भागीदारी निभाना चाहते हैं ,लेकिन हार में कोई भागीदार नहीं बनता'. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार फिर से राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बने तभी 2024 का लोकसभा चुनाव हम फेस कर पाएंगे. इसके लिए हमें अभी से विधानसभा और लोकसभा की तैयारी मे जुटना होगा. गहलोत ने कहा कि हारे क्यों? जीते क्यों? यह सबको मालूम है इसकी चर्चा की आवश्यकता नहीं है. बस अब दमखम दिखा कर एकजुट होकर लगना ही एकमात्र उपाय है.

गहलोत का पायलट को जवाब

पढ़ें. Congress Political Fencing: आज से कांग्रेस की बाड़ेबंदी पार्ट 3, विधायकों को बुलाया गया 1 बजे मुख्यमंत्री आवास... वहीं से होगी उदयपुर रवानगी

ब्यूरोक्रेसी में परमानेंट लोग, सरकार स्टेबल तो साथ, नहीं तो फेरते हैं मुंहः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नौकरशाही पर अपने ही नेताओं की ओर से लगातार उठाए जा रहे सवालों का भी जवाब दिया. गहलोत ने कहा की यह तो परमानेंट लोग हैं ,जो अगर सरकार स्टेबल है तो आपके साथ हैं और अगर उन्हें पता चलता है कि सरकार जा रही है तो वह मुंह फेर लेते हैं. गहलोत ने कार्यकर्ताओं को सलाह देते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी तो घुड़सवार को देखती है, जिस पर सवारी हमें करनी है.

अगर कांग्रेस कार्यकर्ता जिला कांग्रेस और ब्लॉक कांग्रेस में बैठकर तय करेगा कि ब्यूरोक्रेसी में यह आदमी निकम्मा है तो 1 सेकंड लगेगा उसे बदलने में, लेकिन यह काम हम नहीं कर रहे हैं. हम तो हर जिले और ब्लॉक में 4-4,5-5 ग्रुप बनाकर बैठे हैं. उसी के कारण हमारी ऐसी स्थिति है ,और यही कारण है कि ब्यूरोक्रेसी हमारी सुनवाई नहीं करती हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर सरकार से यह शिकायत रहती है कि हमारी सुनवाई न तो कलेक्टर करता है और ना एसपी करता है. यह ठीक बात है लेकिन अगर हमारी स्थिति यही रहेगी तो कोई हमारी सुनवाई करेगा भी नहीं.

गहलोत ने कहा कि जिस दिन कांग्रेस कार्यकर्ता ने अपनी ताकत दिखा दी और जिले और ब्लॉक में हुई बैठकों से प्रस्ताव बनाकर ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस को भेज दिया. उस दिन उन पर कार्रवाई होगी. लेकिन दुख की बात है कि न जिले में इसे लेकर कोई चर्चा होती है और न ब्लॉक में.

पढ़ें. पायलट का गहलोत सरकार पर तंज...जनता हमें वोट देती है फिर भी सरकार रिपीट नहीं होती

भाजपा 2 से यहां पहुंच गई, कांग्रेस नेता बाप दादाओं की कमाई को खर्च कर रहा हैः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक के बाद एक कई सीख दी. गहलोत ने कहा की एक पार्टी जिसकी लोकसभा में केवल 2 सीट थी, कोई भी समझ सकता है कि उनके हालात क्या थे और आज स्थिति क्या हो गई है?. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि यह लड़ाई विचारधारा बचाने की है, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता की भी नैतिक जिम्मेदारी है. अगर हमने हमारा कर्तव्य नहीं निभाया और संघर्ष नहीं किया तो इतिहास हमें भी कभी माफ नहीं करेगा.

स्वीकार करना चाहिए कि पार्टी कमजोर हैः गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा था कि हमारा कनेक्शन पब्लिक से समाप्त हो गया है. आज डॉक्टर चंद्रभान ने भी कहा कि पार्टी कमजोर है, इसका मतलब हम सब को यह स्वीकार करना चाहिए की पार्टी कमजोर है. उन्होंने कहा कि हमारे बाप दादाओं कि जो कमाई थी उसे हम खाते गए और भरपाई नहीं की. उसी के चलते हमारे यह हालात हो गए. उन्होंने कहा कि पब्लिक में आज कांग्रेस के प्रति माहौल नहीं है.

कार्यकर्ता पूरे देश में डेमोरलाइज हैं. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि प्रदेश में कितने मुश्किल से मेंबरशिप करवाई होगी और पूरे देश में जितनी मेंबरशिप करवा सकते थे वह नहीं हो पाई. इन हालातों को हमें स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि स्वीकार करेंगे तभी सुधार कर सकेंगे. उन्होंने बड़े नेताओं को भी कहा कि चाहे मंत्री हो, मुख्यमंत्री हो या प्रदेश अध्यक्ष अगर कार्यकर्ता मीटिंग में कोई बात कह रहा है तो उसे सुनने का हममें माद्दा होना चाहिए. यह मानना चाहिए कि अगर कार्यकर्ता मीटिंग में बोल रहा है तो वह पार्टी के इंटरेस्ट में बोल रहा है किसी पूर्वाग्रह से नहीं.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट लगातार यह बात उठा रहे हैं कि प्रदेश में उन कारणों को जानकर ठीक करना होगा, जिसके चलते प्रदेश में तीन दशक से एक बार भाजपा की ओर एक बार कांग्रेस की सरकार बनती है. हर बार इशारों में सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत पर सवाल खड़े करते रहे हैं. लेकिन गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इशारों में सचिन पायलट को (Gehlot reply to pilot) जवाब दे दिया. सीएम गहलोत ने कहा कि अगर सरकार चली जाती है और आप 5 साल मुख्यमंत्री रहते हो, तो कोई भी समझ सकता है कि उस मुख्यमंत्री पर क्या बीती होगी ?.

उन्होंने 1 मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए कहा कि 'जीत में सब भागीदारी निभाना चाहते हैं ,लेकिन हार में कोई भागीदार नहीं बनता'. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार फिर से राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बने तभी 2024 का लोकसभा चुनाव हम फेस कर पाएंगे. इसके लिए हमें अभी से विधानसभा और लोकसभा की तैयारी मे जुटना होगा. गहलोत ने कहा कि हारे क्यों? जीते क्यों? यह सबको मालूम है इसकी चर्चा की आवश्यकता नहीं है. बस अब दमखम दिखा कर एकजुट होकर लगना ही एकमात्र उपाय है.

गहलोत का पायलट को जवाब

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ब्यूरोक्रेसी में परमानेंट लोग, सरकार स्टेबल तो साथ, नहीं तो फेरते हैं मुंहः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नौकरशाही पर अपने ही नेताओं की ओर से लगातार उठाए जा रहे सवालों का भी जवाब दिया. गहलोत ने कहा की यह तो परमानेंट लोग हैं ,जो अगर सरकार स्टेबल है तो आपके साथ हैं और अगर उन्हें पता चलता है कि सरकार जा रही है तो वह मुंह फेर लेते हैं. गहलोत ने कार्यकर्ताओं को सलाह देते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी तो घुड़सवार को देखती है, जिस पर सवारी हमें करनी है.

अगर कांग्रेस कार्यकर्ता जिला कांग्रेस और ब्लॉक कांग्रेस में बैठकर तय करेगा कि ब्यूरोक्रेसी में यह आदमी निकम्मा है तो 1 सेकंड लगेगा उसे बदलने में, लेकिन यह काम हम नहीं कर रहे हैं. हम तो हर जिले और ब्लॉक में 4-4,5-5 ग्रुप बनाकर बैठे हैं. उसी के कारण हमारी ऐसी स्थिति है ,और यही कारण है कि ब्यूरोक्रेसी हमारी सुनवाई नहीं करती हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर सरकार से यह शिकायत रहती है कि हमारी सुनवाई न तो कलेक्टर करता है और ना एसपी करता है. यह ठीक बात है लेकिन अगर हमारी स्थिति यही रहेगी तो कोई हमारी सुनवाई करेगा भी नहीं.

गहलोत ने कहा कि जिस दिन कांग्रेस कार्यकर्ता ने अपनी ताकत दिखा दी और जिले और ब्लॉक में हुई बैठकों से प्रस्ताव बनाकर ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस को भेज दिया. उस दिन उन पर कार्रवाई होगी. लेकिन दुख की बात है कि न जिले में इसे लेकर कोई चर्चा होती है और न ब्लॉक में.

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भाजपा 2 से यहां पहुंच गई, कांग्रेस नेता बाप दादाओं की कमाई को खर्च कर रहा हैः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक के बाद एक कई सीख दी. गहलोत ने कहा की एक पार्टी जिसकी लोकसभा में केवल 2 सीट थी, कोई भी समझ सकता है कि उनके हालात क्या थे और आज स्थिति क्या हो गई है?. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि यह लड़ाई विचारधारा बचाने की है, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता की भी नैतिक जिम्मेदारी है. अगर हमने हमारा कर्तव्य नहीं निभाया और संघर्ष नहीं किया तो इतिहास हमें भी कभी माफ नहीं करेगा.

स्वीकार करना चाहिए कि पार्टी कमजोर हैः गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा था कि हमारा कनेक्शन पब्लिक से समाप्त हो गया है. आज डॉक्टर चंद्रभान ने भी कहा कि पार्टी कमजोर है, इसका मतलब हम सब को यह स्वीकार करना चाहिए की पार्टी कमजोर है. उन्होंने कहा कि हमारे बाप दादाओं कि जो कमाई थी उसे हम खाते गए और भरपाई नहीं की. उसी के चलते हमारे यह हालात हो गए. उन्होंने कहा कि पब्लिक में आज कांग्रेस के प्रति माहौल नहीं है.

कार्यकर्ता पूरे देश में डेमोरलाइज हैं. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि प्रदेश में कितने मुश्किल से मेंबरशिप करवाई होगी और पूरे देश में जितनी मेंबरशिप करवा सकते थे वह नहीं हो पाई. इन हालातों को हमें स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि स्वीकार करेंगे तभी सुधार कर सकेंगे. उन्होंने बड़े नेताओं को भी कहा कि चाहे मंत्री हो, मुख्यमंत्री हो या प्रदेश अध्यक्ष अगर कार्यकर्ता मीटिंग में कोई बात कह रहा है तो उसे सुनने का हममें माद्दा होना चाहिए. यह मानना चाहिए कि अगर कार्यकर्ता मीटिंग में बोल रहा है तो वह पार्टी के इंटरेस्ट में बोल रहा है किसी पूर्वाग्रह से नहीं.

Last Updated : Jun 2, 2022, 9:45 PM IST
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