जयपुर. गहलोत को बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड कंपनी में पिछले कुछ दिनों से एफडीआई के विरोध में चल रही ट्रेड यूनियनों की हड़ताल तथा छत्तीसगढ़ में भारी बरसात के कारण कोयले के खनन पर असर पड़ा है. इसके चलते राज्य के विद्युत उत्पादन गृहों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
बैठक में बताया गया कि कोयले की कमी के कारण कोटा में 220 मेगावाट, सूरतगढ़ में 500 मेगावाट तथा छबड़ा के थर्मल पावर प्लांट में 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है. प्रतिदिन कोल इंडिया से 11 कोल रैक के स्थान पर चार से पांच रैक ही मिल पा रही है, साथ ही छत्तीसगढ़ स्थित कोल ब्लॉक पारसा-कांटा से भी 9 रैक के स्थान पर पांच रैक ही उपलब्ध हो रही है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोल इंडिया से वार्ता करके 11 रैक प्रतिदिन की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए.
पढ़ें : बिना अनुमति टेंडर आगे बढ़ाने पर भड़के विश्वेंद्र सिंह, अधिकारियों को लताड़ा
उन्होंने केन्द्रीय विद्युत उत्पादन गृहों से राज्य को मिल रही बिजली की स्थिति की भी समीक्षा की. अधिकारियों ने यह भी बताया कि कोयले की कम आपूर्ति के कारण प्रभावित हुए विद्युत उत्पादन की भरपाई सौर ऊर्जा एवं अन्य वैकल्पिक स्रोतों से कर उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई जा रही है. बैठक में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा कुंजीलाल मीणा सहित ऊर्जा विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे.