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अशोक गहलोत ने Tweet कर केंद्र से कहा- हेल्थ रिसर्च का खर्च बढ़ाकर कोविड पर करें व्यापक शोध

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से कोविड पर रिसर्च के लिए बजट बढ़ाने की मांग की है. गहलोत ने कहा कि कोविड से संक्रमित होने वाले मरीजों को अचानक डायबिटीज, हृदय एवं श्वास रोग हो रहे हैं. उन्हें थकावट महसूस होती है और उनकी याददाश्त कमजोर हो जाती है. इसलिए रिसर्च से ही इन सब परेशानियों का कारण एवं निवारण पता चलेगा.

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Published : Mar 8, 2021, 4:29 AM IST

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अशोक गहलोत ट्वीट

जयपुर. वैश्विक कोरोना महामारी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि, साधारणतया विशेषज्ञ ये बताते हैं कि कोविड से संक्रमित होने वाले मरीजों को अचानक डायबिटीज, हृदय एवं श्वास रोग हो रहे हैं. उन्हें थकावट महसूस होती है और उनकी याददाश्त कमजोर हो जाती है. इसलिए यह जरूरी है कि हम सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर स्वयं एवं दूसरों को संक्रमित होने से बचाएं.

पढ़ें: SPECIAL : जिस बेटी के जन्म पर पिता ने घर छोड़ा...उसी बेटी ने योग के जरिये बदली पिता और समाज की सोच

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की इन परेशानियों का कारण पता करने के लिए अमेरिका 1 बिलियन डॉलर और ब्रिटेन 18.5 मिलियन पाउंड खर्च कर रिसर्च कर रहे हैं. भारत सरकार ने बजट में हेल्थ रिसर्च के लिए सिर्फ 2663 करोड़ की राशि ही आवंटित की है. जो वित्त वर्ष 2020-21 के रिवाइज एस्टिमेट 4062 करोड़ से 34.4% कम है. कोविड अभी कितने समय तक रहेगा यह नहीं कहा जा सकता. इसलिए केंद्र सरकार को हेल्थ रिसर्च का खर्च बढ़ाकर कोविड पर व्यापक शोध करना चाहिए. यह रिसर्च ही इन सब परेशानियों का कारण एवं निवारण बता सकेगा.

कोविड महामारी के अनुभव को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इस बजट में वायरस जनित बीमारियों की जांच, उपचार और रिसर्च के लिए जयपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड वॉयरोलोजी की स्थापना करने का ऐलान किया है. इस संस्थान की स्थापना से भविष्य में ऐसी बीमारियों पर जल्दी काबू पाने में सहयोग मिलेगा.

जयपुर. वैश्विक कोरोना महामारी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि, साधारणतया विशेषज्ञ ये बताते हैं कि कोविड से संक्रमित होने वाले मरीजों को अचानक डायबिटीज, हृदय एवं श्वास रोग हो रहे हैं. उन्हें थकावट महसूस होती है और उनकी याददाश्त कमजोर हो जाती है. इसलिए यह जरूरी है कि हम सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर स्वयं एवं दूसरों को संक्रमित होने से बचाएं.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की इन परेशानियों का कारण पता करने के लिए अमेरिका 1 बिलियन डॉलर और ब्रिटेन 18.5 मिलियन पाउंड खर्च कर रिसर्च कर रहे हैं. भारत सरकार ने बजट में हेल्थ रिसर्च के लिए सिर्फ 2663 करोड़ की राशि ही आवंटित की है. जो वित्त वर्ष 2020-21 के रिवाइज एस्टिमेट 4062 करोड़ से 34.4% कम है. कोविड अभी कितने समय तक रहेगा यह नहीं कहा जा सकता. इसलिए केंद्र सरकार को हेल्थ रिसर्च का खर्च बढ़ाकर कोविड पर व्यापक शोध करना चाहिए. यह रिसर्च ही इन सब परेशानियों का कारण एवं निवारण बता सकेगा.

कोविड महामारी के अनुभव को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इस बजट में वायरस जनित बीमारियों की जांच, उपचार और रिसर्च के लिए जयपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड वॉयरोलोजी की स्थापना करने का ऐलान किया है. इस संस्थान की स्थापना से भविष्य में ऐसी बीमारियों पर जल्दी काबू पाने में सहयोग मिलेगा.

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