जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का व्यक्तित्व एवं उनकी जीवनी युवा पीढ़ी को प्रेरित करने वाली है. आज के इस दौर में गांधीजी के सिद्धांत अधिक प्रासंगिक हो गए हैं. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा गांधी दर्शन को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गांधी दर्शन कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे. इससे गांधीजी के विचारों को छात्रों तक पहुंचाने का उचित प्लेटफॉर्म मिल सकेगा.
अशोक गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से शहीद दिवस के अवसर पर आयोजित पावन स्मरणांजलि कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जय नारायण व्यास विवि जोधपुर में नव स्थापित वाइल्ड लाइफ रिसर्च एण्ड कन्जर्वेशन अवेयरनेस सेन्टर एवं गांधी अध्ययन केंद्र के नवीनीकृत कार्यालय का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सोच है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा एवं सत्याग्रह के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाए. ताकि हमारे युवा उनके जीवन दर्शन को आत्मसात कर सकें.
सहायता कोष से मिलेंगे 5 लाख
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी अध्ययन केंद्र गांधीजी के विचारों को युवाओं में प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. उन्होंने इस केन्द्र के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रुपए देने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में पहले से स्थापित गांधी अध्ययन केन्द्रों को फिर से शुरू किया जाएगा और जहां यह केन्द्र नहीं खुले हैं वहां खोले जाएंगे.
गांधीजी के विचार प्रासंगिक
कार्यक्रम में प्रख्यात गांधीवादी विचारक डॉ. एन. सुब्बा राव ने कहा कि आज भाषा, मजहब एवं क्षेत्र की दीवारें हर तरफ खड़ी हो गई हैं. ऐसे में मनुष्य जाति को आपस में जोड़े रखने के गांधीजी के विचार बहुत प्रासंगिक हैं. सभी देशवासी मिलकर हिंसा मुक्त, बेरोजगारी एवं भूख मुक्त, नशा मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त गांधीजी के सपनों का भारत बनाने का प्रण लें.
गांधी विचारों पर डाला प्रकाश
कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने गांधीजी द्वारा प्रचारित सात सिद्धांतों का पालन करते हुए न्यूनतम आवश्यकता पर आधारित जीवन व्यतीत करने और मजबूत चरित्र पर जोर दिया. उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि गांधीजी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. जयनारायण व्यास विवि के कुलपति प्रोफेसर प्रवीण चंद त्रिवेदी, वाइल्ड लाइफ रिसर्च एण्ड कंजर्वेशन अवेयरनेस सेन्टर के निदेशक डॉ. हेमसिंह गहलोत ने अपने विचार रखे.