जयपुर. शहर में सफाई को लेकर शहरी सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हाल ही में दिवाली पर्व को लेकर घरों में साफ-सफाई की गई. लेकिन घरों से निकला कचरा सड़कों पर नजर आ रहा है. सफाई कर्मचारियों की अनुपस्थिति बीवीजी कंपनी की टालमटोली और निगम की मॉनिटरिंग की कमी के चलते शहर में त्यौहार के दौरान सफाई व्यवस्था चरमराती दिखी.
बीते दिनों त्योहार को सेलिब्रेट करने के लिए लोगों ने अपने घरों में रंगरोगन किया और घर के कोने-कोने को साफ किया. इस दौरान घरों से निकलने वाले कचरे की क्वांटिटी भी बढ़ी जो नगर निगम प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. निगम की परेशानी का कारण सफाई कर्मचारियों का फील्ड से गायब होना है. यही नहीं बीवीजी कंपनी के हूपर भी सभी वार्डों में नहीं पहुंचे. इसकी वजह से रोड साइड कचरा डिपो बढ़ गए.
शहर की चरमराई हुई सफाई व्यवस्था का हेरिटेज निगम के मुनेश गुर्जर ने दीपावली के दिन भी जायजा भी लिया था. साथ ही लापरवाही बरतने पर एक सफाई कर्मचारी को एपीओ और चार कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए थे. साथ ही समय पर सड़क से कचरा डिपो उठाने के लिए बीवीजी के प्रतिनिधियों को पाबंद करने के लिए अधिकारियों को भी निर्देश दिए थे. हालांकि ये कार्रवाई और निर्देश दीपावली से लेकर भाई दूज तक 3 दिनों में हवा होते हुए दिखे. नतीजन शहर में जगह-जगह कचरा डिपो नजर आ रहे हैं. त्योहारी सीजन के बीच ये कचरा डिपो अब बीमारियों को भी न्योता दे रहे हैं.
कुछ यही हालात मथुरादासपुरा, लांगड़ियावास और सेवापुरा में बने डंपिंग स्टेशन के भी हैं. जहां निगम के कर्मचारियों के घुट्टी पर होने के चलते सड़कों पर कचरे ढेर लगे हैं. हालांकि निगम के अधिकारी और बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि शहर की बिगड़ी हुई सफाई व्यवस्था पर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच शहर फिलहाल कचरे के ढेर पर नजर आ रहा है.