जयपुर. जिले में कोरोना संक्रमण पॉजिटिव के परिजनों को संदिग्ध मानकर क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रखा जा रहा है, इसके लिए जिले के बाहरी क्षेत्र में 7 सेंटर बनाए गए हैं. इनमें वाटिका स्थित पूर्णिमा यूनिवर्सिटी, सीतापुरा स्थित ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, अजमेर रोड स्थित मणिपाल यूनिवर्सिटी, जगतपुरा स्थित एसकेआईटी, सीतापुरा स्थित जेईसीआरसी, जगतपुरा ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी और जगतपुरा स्थित विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी है.
इन क्वॉरेंटाइन सेंटर पर जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने रविवार को एक आदेश जारी किया. इसमें नगर निगम, मेडिकल, पुलिस जेडीए के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसमें हर क्वॉरेंटाइन सेन्टर पर सिविल डिफेंस के 8-8 वालंटियर्स भी व्यवस्था संभालेंगे. इसमें वालंटियर्स को आवश्यकतानुसार सैनिटाइजर पीपीई किट, सुरक्षा के पूरे उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे.
कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए शुरुआत में सिविल डिफेंस के करीब 90 वालंटियर्स नगर निगम को दिए गए थे, लेकिन नगर निगम का रवैया ठीक नहीं होने के कारण अब वहां सिविल डिफेंस के वालंटियर्स की संख्या घटकर 28 रह गई है. नगर निगम की ओर से सिविल डिफेंस के वालंटियर्स को सैनिटाइजर, ग्लव्स और अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे. जिसके कारण वालंटियर्स ने वहां काम करने से इंकार कर दिया.
इससे पहले खाद्य सामग्री वितरण में भी सिविल डिफेंस को हटाकर नगर निगम को जिम्मेदारी दी गई है. अब खाद्य सामग्री बांटने की जिम्मेदारी नगर निगम को दे दी गई है और सिविल डिफेंस को हटा लिया गया है. खाद्य वितरण को लेकर सिविल डिफेंस के वालंटियर्स पर राजनेताओं ने कई तरह के आरोप भी लगाये थे.
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सिविल डिफेंस के वालंटियर्स में है रोष
कई मामलों को लेकर सिविल डिफेंस के वालंटियर्स में रोष व्याप्त है. उनका कहना है कि फील्ड में कोई भी अधिकारी, कर्मचारी उनके मन में जैसा आता है वैसा कह कर चला जाता है. उन्होंने कहा कि वे अपना पूरा काम बड़ी जिम्मेदारी से संभालते हैं. इसके बावजूद भी अधिकारियों द्वारा गाली-गलौज करना ठीक नहीं है. इस संबंध में वे अपने उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं. वे अब आगे आकर काम करना नहीं चाह रहे.