जयपुर. संपर्क पोर्टल की तर्ज पर लोक सेवा गारंटी अधिनियम और सुनवाई का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाएगा. मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया और प्रशासनिक सुधार विभाग के अफसरों को इस बारे में निर्देश दिए हैं.
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि इन दोनों अधिनियमों के तहत आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के साथ ही अपील व्यवस्था को मजबूत करने और प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सोमवार को सभी जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करके लोक सेवाएं प्रदान करने और शिकायतों के निस्तारण संबंधी समीक्षा की.
इस दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को साफ तौर पर निर्देश दिए कि राज्य सरकार हर व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है, इसके लिए संपर्क पोर्टल विजिलेंस कमेटी के साथ विभिन्न कानून बनाकर व्यवस्थाएं स्थापित की गई हैं. उन्होंने कहा कि पूरी जवाबदेही और जिम्मेदारी के साथ काम करके ज्यादा गंभीरता दिखाने की जरूरत है. जिससे की लोगों को समय पर बेहतर सेवाएं मिल सकें. मुख्य सचिव ने लंबित प्रकरणों का तुरंत निस्तारण करने और हर प्रकरण को निर्धारित समय सीमा के अंदर ही निस्तारित करने के निर्देश दिए.
निरंजन आर्य ने समीक्षा बैठक के दौरान जिला कलेक्टरों को यह निर्देश भी दिए कि वे चुनिंदा लोगों से व्यक्तिगत चर्चा करके निस्तारित प्रकरणों को क्रॉस चेक भी करें, उन्होंने राजस्थान संपर्क पोर्टल पर पंजीकृत शिकायतों और लंबित प्रकरणों की जिलेवार समीक्षा की और प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अधीनस्थ कार्यालयों में ज्यादा प्रभावी सुनवाई हो जिससे की लोगों को पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाने की जरूरत ही नहीं पड़े.
उन्होंने पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए आमजन से जुड़े प्रमुख विभागों के प्रभावी मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए. इस दौरान प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख शासन सचिव अश्विनी भगत ने बताया कि लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के तहत 99 से ज्यादा प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है. इस बैठक में लोक सेवा विभाग के निदेशक एचएल अटल के साथ सभी जिलों के जिला कलेक्टर मौजूद रहे.