जयपुर. सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग की. इसके जरिए उन्होंने प्रदेश के औद्योगिक संगठनों, खाद्य पदार्थ और किराना संघों, सब्जी विक्रेता संघ, दवा एसोसिएशन, आढ़तिया व्यापार संघ, डेयरी संघ, होटल, खनन और ज्वैलरी व्यवसायी और बिल्डर्स से चर्चा कर रहे थे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के लिए प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा सर्वोपरि है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार लॉकडाउन के संबंध में उचित कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि कोराना महामारी से निपटने और लॉकडाउन में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चैन को सुचारू बनाए रखने में उद्यमियों और कारोबारियों ने सरकार का आगे बढ़कर सहयोग किया है.
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कोरोना से लड़ाई अभी जारी है. आशा है आगे भी सभी से इसी तरह का सहयोग मिलता रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार संकट की इस घडी में उद्यमियों के साथ खड़ी है. आवश्यक वस्तुओं से संबंधित ऐसे उद्योग जो लॉकडाउन में खोलने के लिए अनुमत थे, उन्हें अपना कार्य सुचारू रूप से संचालित करने में किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.
मुख्यमंत्री ने इन सभी से आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति, इसमें आ रही बाधाओं को दूर करने और लॉकडाउन खोलने को लेकर उनके सुझाव लिए. उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में ‘पास‘ को लेकर आ रही परेशानियों का समाधान भी जल्द कर दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में राजस्थान सरकार ने आगे बढ़कर निर्णय किए हैं. ‘कोई भी भूखा नहीं सोए‘ यह हमारा मूलमंत्र रहा है. इस संकल्प को पूरा करने में सामाजिक कार्यकर्ताओं, भामाशाहों के अलावा उद्यमियों और व्यापारी वर्ग सहित सभी लोगों ने खुले मन से सरकार को सहयोग किया है.
गहलोत ने कहा कि जिन उद्योगों में उत्पादन चल रहा है, वहां श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग और हैल्थ प्रोटोकॉल की पूरी पालना सुनिश्चित की जाए. फैक्ट्रियों में मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएं. साथ ही मंडियों में भी भीड़ एकत्र न हो, स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए.
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वीडियो कांफ्रेंस के दौरान उद्यमियों और व्यापारियों ने राजस्थान में कोरोना संक्रमण को रोकने और जरूरतमंदों को राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की मुक्तकंठ से सराहना की.
उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा हो रही है और कई राज्यों ने इसे अपनाया है. यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है. उद्यमियों और सभी संगठनों ने एक स्वर में कहा कि कोई भी निर्णय हो, जीवन की रक्षा पहली प्राथमिकता है. लॉकडाउन के संबंध में सरकार जो भी निर्णय करेगी, हम सभी उसकी पूरी पालना सुनिश्चित करेंगे.
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजस्थान ने सबसे पहले लॉकडाउन कर इस महामारी की रोकथाम की दिशा में जो पहल की उसी का परिणाम है कि हम इसकी कम्यूनिटी स्प्रेडिंग रोकने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की जीवन की रक्षा सर्वोपरि है.
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चर्चा के दौरान उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आपूर्ति श्रृंखला सुचारू रहने के कारण लोगों को आवश्यक वस्तुओं के लिए किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी गई. पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए लॉकडाउन को चरणबद्ध रूप से खोलने की दिशा में विचार किया जा सकता है.
खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप विभाग ने एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को निशुल्क गेहूं का रिकॉर्ड समय में वितरण किया है. मास्क और सैनिटाइजर को पीडीएस श्रेणी के तहत बेचने के लिए अनुमत किया गया है.
कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए कटाई और थ्रेशिंग कार्यों के लिए किराए पर निशुल्क उपकरण उपलब्ध करवाने, बिजली के बिल स्थगित करने सहित कई कदम उठाए हैं.
गौपालन मंत्री प्रमोद भाया ने कहा कि वे पंजीकृत गौशालाएं जिन्होंने सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर ली है, उन्हें तीन माह का तथा जिन पंजीकृत गौशालाओं ने सत्यापन नहीं कराया है, उन्हें एक माह का अनुदान उपलब्ध कराया गया है.
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि 15 अप्रेल से मण्डियों में चरणबद्ध रूप से कृषि जिन्सों की खरीद शुरू होगी. खरीद कार्य में सक्षम ग्राम सेवा सहकारी समितियों का भी सहयोग लिया जाएगा.