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ट्टिड्डी प्रभावित जिलों का जायजा लेगा केंद्रीय अध्ययन दल, राज्य सरकार ने की 200 करोड़ के राहत पैकेज की मांग

टिड्डी प्रभावित क्षेत्र में मुआवजा के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 200 करोड़ के राहत पैकेज की है. इसके तहत केंद्रीय अध्ययन दल जोधपुर और बीकानेर संभाग के टिड्डी दल प्रभावित जिलों का 18 फरवरी से नुकसान का जायजा लेगा.

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Published : Feb 17, 2020, 6:36 PM IST

Central Study Team,  टिड्डी दल प्रभावित जिला,  Rajasthan News
केंद्रीय अध्ययन दल टिड्डी दल प्रभावित जिलों में नुकसान का लेगा जायजा

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत के आग्रह और लोकसभा में टिड्डी मामले उठने के बाद अब केंद्र सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नेतृत्व में केंद्रीय अध्ययन दल को प्रदेश में टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने के लिए भेजा है. ये अध्ययन दल प्रदेश में टिड्डी प्रभावित जिलों में रबी फसलों में हुए खराबे का जायजा लेने के लिए तीन भागों में काम करेगा. ये दल 18 फरवरी से बीकानेर और जोधपुर संभाग के जिलों में हुए नुकसान का जायजा लेगा.

केंद्रीय अध्ययन दल टिड्डी दल प्रभावित जिलों में नुकसान का लेगा जायजा

इस संबंध में सोमवार को सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में केंद्रीय अध्ययन एवं राज्य सरकार के कृषि सहित अन्य विभागों के साथ बैठक हुई है, जिसमें राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से 200 करोड़ रूपये की शीघ्र सहायता राशि दिलवाए जाने का आग्रह किया.

पढ़ें: कांग्रेस के घोषणापत्र के अनुरूप होगा प्रदेश सरकार का बजट : सचिन पायलट

मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने प्रदेश के टिड्डी प्रभावित जिलों में रबी की विभिन्न कॉमर्शियल फसलों में हुए खराब के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से पटवारी, तहसीलदार और उपखंड अधिकारियों के साथ कृषि विभाग के अधिकारियों की विभिन्न जिलों में संयुक्त टीमें गठित की गई हैं. टीमों द्वारा टिड्डी से फसलों में हुए खराबे और टिड्डी की रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी और जिला कलेक्टर्स से फीडबैक लिया गया. उन्होंने बताया कि इस क्रम में पिछले दिनों मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, प्रमुख शाासन सचिव और कृषि विभाग द्वारा टिड्डी प्रभावित जिलों का दौरा कर टिड्डी की रोकथाम के लिए बैठक आयोजित कर कारगर उपाय के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा इस क्रम में प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री और केंद्रीय कृषि विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर टिड्डी की रोकथाम और केंद्रीय सहायता राशि दिलाए जाने का आग्रह किया. केंद्रीय अध्ययन दल 18 फरवरी को जोधपुर, जैसलमेर, जालोर और बाड़मेर में जिला कलेक्टर के साथ ही पब्लिक प्रतिनिधियों से चर्चा कर टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमणकर नुकसान प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेगा.

पढ़ें: विधानसभा में पर्चे फाड़ने की घटना असभ्य, यह कोई यूपी-बिहार का सदन नहीं : उपमुख्य सचेतक

केंद्रीय अध्ययन दल टिड्डी प्रभावित जिलों का दो दिनों तक जायजा लेगा और 20 फरवरी को जोधपुर में बैठक आयोजित करेगा. बैठक में जालोर जिले के तत्कालीन जिला कलक्टर रहे महेंद्र सोनी द्वारा जालोर जिले में टिड्डी प्रभावित इलाकों में किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

केंद्रीय अध्ययन दल 18 फरवरी को जोधपुर, बाड़मेर और बीकानेर के बाद 19 फरवरी को जैसलमेर, जालोर और श्रीगंगानगर में जिला कलेक्टर्स एवं जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा करेगा. 20 फरवरी को केंद्रीय अध्ययन दल जोधपुर में टिड्डी प्रभावित जिलों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित करने के बाद दिल्ली लौटेगा. बैठक में कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय दिल्ली के संयुक्त सचिव अतिश चन्द्रा, सहायक आयुक्त ग्रामीण विकास मंत्रालय सहित केंद्र के अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ ही राज्य सरकार के प्रमुख शासन सचिव कृषि नरेश पाल गंगवार, शासन सचिव आपदा प्रबन्धन एवं नागरिक सुरक्षा सिद्धार्थ महाजन, पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. राजेश शर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त महेंद्र सोनी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत के आग्रह और लोकसभा में टिड्डी मामले उठने के बाद अब केंद्र सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नेतृत्व में केंद्रीय अध्ययन दल को प्रदेश में टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने के लिए भेजा है. ये अध्ययन दल प्रदेश में टिड्डी प्रभावित जिलों में रबी फसलों में हुए खराबे का जायजा लेने के लिए तीन भागों में काम करेगा. ये दल 18 फरवरी से बीकानेर और जोधपुर संभाग के जिलों में हुए नुकसान का जायजा लेगा.

केंद्रीय अध्ययन दल टिड्डी दल प्रभावित जिलों में नुकसान का लेगा जायजा

इस संबंध में सोमवार को सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में केंद्रीय अध्ययन एवं राज्य सरकार के कृषि सहित अन्य विभागों के साथ बैठक हुई है, जिसमें राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से 200 करोड़ रूपये की शीघ्र सहायता राशि दिलवाए जाने का आग्रह किया.

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मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने प्रदेश के टिड्डी प्रभावित जिलों में रबी की विभिन्न कॉमर्शियल फसलों में हुए खराब के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से पटवारी, तहसीलदार और उपखंड अधिकारियों के साथ कृषि विभाग के अधिकारियों की विभिन्न जिलों में संयुक्त टीमें गठित की गई हैं. टीमों द्वारा टिड्डी से फसलों में हुए खराबे और टिड्डी की रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी और जिला कलेक्टर्स से फीडबैक लिया गया. उन्होंने बताया कि इस क्रम में पिछले दिनों मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, प्रमुख शाासन सचिव और कृषि विभाग द्वारा टिड्डी प्रभावित जिलों का दौरा कर टिड्डी की रोकथाम के लिए बैठक आयोजित कर कारगर उपाय के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा इस क्रम में प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री और केंद्रीय कृषि विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर टिड्डी की रोकथाम और केंद्रीय सहायता राशि दिलाए जाने का आग्रह किया. केंद्रीय अध्ययन दल 18 फरवरी को जोधपुर, जैसलमेर, जालोर और बाड़मेर में जिला कलेक्टर के साथ ही पब्लिक प्रतिनिधियों से चर्चा कर टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमणकर नुकसान प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेगा.

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केंद्रीय अध्ययन दल टिड्डी प्रभावित जिलों का दो दिनों तक जायजा लेगा और 20 फरवरी को जोधपुर में बैठक आयोजित करेगा. बैठक में जालोर जिले के तत्कालीन जिला कलक्टर रहे महेंद्र सोनी द्वारा जालोर जिले में टिड्डी प्रभावित इलाकों में किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

केंद्रीय अध्ययन दल 18 फरवरी को जोधपुर, बाड़मेर और बीकानेर के बाद 19 फरवरी को जैसलमेर, जालोर और श्रीगंगानगर में जिला कलेक्टर्स एवं जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा करेगा. 20 फरवरी को केंद्रीय अध्ययन दल जोधपुर में टिड्डी प्रभावित जिलों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित करने के बाद दिल्ली लौटेगा. बैठक में कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय दिल्ली के संयुक्त सचिव अतिश चन्द्रा, सहायक आयुक्त ग्रामीण विकास मंत्रालय सहित केंद्र के अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ ही राज्य सरकार के प्रमुख शासन सचिव कृषि नरेश पाल गंगवार, शासन सचिव आपदा प्रबन्धन एवं नागरिक सुरक्षा सिद्धार्थ महाजन, पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. राजेश शर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त महेंद्र सोनी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

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