जयपुर. जिले के खोले के हनुमान मंदिर में विशाल अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया. 58 साल पहले 5 किलो अन्न के साथ अन्नकूट महोत्सव की शुरुआत हुई थी, जो कि अब लक्खी अन्नकुट में बदल गया है. अन्नकुट महोत्सव में हजारों की संख्या में भक्तों ने पहुंचकर पंगत प्रसादी पाई. इस अवसर पर मंदिर में परंपरागत झांकियों के साथ महाकाल की बर्फ की झांकी भी सजाई गई.
इस अवसर पर खोले के हनुमान जी मंदिर में विशेष झांकी सजाई गई. इसके साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. बता दें कि अन्नकूट महोत्सव कार्यक्रम वर्ष 2017 में 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में भी दर्ज हो चुका है. पंगत प्रसादी वितरण से पहले लक्ष्मण डूंगरी के खोले में विराजे रामजी, हनुमानजी, अन्नपूर्णा, गायत्री, वैष्णों माता, द्वादश ज्योतिर्लिंग सहित सभी देवालयों में 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया.
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श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि उत्सव के दौरान रविवार को खोले के हनुमान जी के फल-सब्जी की झांकी, आनंदेश्वर महादेव के अन्न की झांकी, सियाराम जी महाराज की छप्पन भोग की झांकी, श्री गणेश जी के लड्डू की झांकी, अन्नपूर्णा माता मंदिर में विभिन्न व्यंजनों की झांकी, अन्नकूट स्थल पर अमरनाथ शिवालय की बर्फ की झांकी सजाई गई है.
खोले के हनुमान मंदिर के पास स्थित हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी छप्पन भोग, अन्नकूट प्रसादी और चादर चढ़ाई गयी. इसके साथ ही वेद विद्यालय के छात्रों द्वारा वेद उच्चारण, हरिनाम संकीर्तन, संत महंतों द्वारा हनुमान जी की आरती, श्री नरवर आश्रम सेवा समिति की ओर से संत महंतों का सम्मान और भजन गायन के कार्यक्रम भी आयोजित किए गये.
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गिरधारीलाल शर्मा ने बताया कि खोले के हनुमान जी मंदिर में आयोजित 59वें अन्नकूट महोत्सव में डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. ब्रह्मलीन बाबा राधेलाल चौबे की स्थापित परंपराओं के अनुसार जात-पात, छोटे-बड़े, अधिकारी-कर्मचारी तथा राजनेता सभी एक ही पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण करते हुए नजर आए. साल 2017 में सीमित समय में सवा लाख भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की, जो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. अन्नकूट में मूंग, चोला, बाजरा, चावल, गड़मड़ सब्जी, कढ़ी के साथ हलवा और भुजिया भी प्रसादी में शामिल किया गया है.