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Termination Confirm : ग्रेटर नगर निगम से BVG कंपनी की विदाई तय, पेनल्टी के 90 करोड़ भी वसूले जाएंगे - BVG Termination Confirm From Greater Municipal Corporation Jaipur

जयपुर के ग्रेटर नगर निगम से भी बीवीजी कंपनी की विदाई तय है. राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से (BVG Case in High Court jaipur ) ग्रेटर निगम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी की रेट को खारिज कर दिया है. जिसके बाद कंपनी को टर्मिनेट करने का रास्ता खुल गया है.

BVG Case in High Court jaipur
ग्रेटर नगर निगम से BVG कंपनी की विदाई तय
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Published : Feb 2, 2022, 10:30 PM IST

जयपुर. बीवीजी कंपनी की अब ग्रेटर नगर निगम से भी विदाई होना तय है. बुधवार को हाई कोर्ट ने (BVG Case in High Court jaipur) निगम के पक्ष में फैसला सुनाया. जिसके बाद अब ग्रेटर नगर निगम भी कंपनी को टर्मिनेट करते हुए सफाई व्यवस्था को पूरी तरह अपने हाथों में लेगा. साथ ही इंडिपेंडेंट इंजीनियर्स की ओर से लगाई गई 90 करोड़ की पेनल्टी को भी वसूला जाएगा.

कोर्ट ने ग्रेटर निगम के पक्ष में सुनाया फैसला : जयपुर में 2017 से डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम कर रही बीवीजी कंपनी अब शहर से ही बाहर हो जाएगी. पहले हेरिटेज निगम और अब ग्रेटर नगर निगम ने भी हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद कंपनी को टर्मिनेट करने का मन बना लिया है. चूंकि ग्रेटर निगम ने टेंडर को एक्सटेंड नहीं किया था. निगम कुछ कार्रवाई करता, उससे पहले ही बीवीजी कंपनी कोर्ट में चली गई और कोर्ट ने स्टे लगा दिया था. हालांकि बुधवार को कोर्ट ने ग्रेटर निगम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी की रेट खारिज कर दिया है.

ग्रेटर नगर निगम से BVG कंपनी की विदाई तय

यह भी पढ़ें- Rajasthan High court : बीवीजी कंपनी के पक्ष में दिए स्टे को हटाया...याचिका को किया खारिज

ऐसे में अब ग्रेटर नगर निगम के कंपनी को टर्मिनेट करने का रास्ता खुल गया है. इसे लेकर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने कहा कि ग्रेटर निगम अपनी साधारण सभा में प्रस्ताव लाकर पहले ही कंपनी को टर्मिनेट करने का निर्णय ले चुका था. इसे लेकर टर्मिनेशन करने की तैयारी की जा रही थी. उसी दौरान बीवीजी कंपनी कोर्ट चली गई, और उन्हें स्टे मिल गया. जिसके कारण बीवीजी को हटा नहीं पाए. जबकि शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ने का एकमात्र कारण बीवीजी कंपनी है. अब बीवीजी कंपनी को टर्मिनेट किया जाएगा. साथ ही जयपुर ग्रेटर में सफाई व्यवस्था को लेकर आत्म निर्भर बनने की शुरुआत भी की जाएगी.

यह भी पढ़ें- Rajasthan High Court News: बीवीजी कंपनी मामले में हाईकोर्ट ने आर्बिट्रेशन को लेकर मांगी जानकारी

उपमहापौर ने कहा कि इंडिपेंडेंट इंजीनियर्स ने कंपनी पर 90 करोड़ से ज्यादा की पेनल्टी लगाई है उसकी भी वसूली की जाएगी. उधर, हेरिटेज नगर निगम ने 1 महीने पहले बीवीजी कंपनी को टर्मिनेट किया था. जिसके बाद अब जाकर सभी जोन में डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने के लिए अलग-अलग टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जा सकी है. बताया जा रहा है कि अब व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से मॉनिटरिंग के साथ-साथ स्वच्छता सर्वेक्षण के मानकों के अनुरूप हुपर्स की व्यवस्था की गई है.

जयपुर. बीवीजी कंपनी की अब ग्रेटर नगर निगम से भी विदाई होना तय है. बुधवार को हाई कोर्ट ने (BVG Case in High Court jaipur) निगम के पक्ष में फैसला सुनाया. जिसके बाद अब ग्रेटर नगर निगम भी कंपनी को टर्मिनेट करते हुए सफाई व्यवस्था को पूरी तरह अपने हाथों में लेगा. साथ ही इंडिपेंडेंट इंजीनियर्स की ओर से लगाई गई 90 करोड़ की पेनल्टी को भी वसूला जाएगा.

कोर्ट ने ग्रेटर निगम के पक्ष में सुनाया फैसला : जयपुर में 2017 से डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम कर रही बीवीजी कंपनी अब शहर से ही बाहर हो जाएगी. पहले हेरिटेज निगम और अब ग्रेटर नगर निगम ने भी हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद कंपनी को टर्मिनेट करने का मन बना लिया है. चूंकि ग्रेटर निगम ने टेंडर को एक्सटेंड नहीं किया था. निगम कुछ कार्रवाई करता, उससे पहले ही बीवीजी कंपनी कोर्ट में चली गई और कोर्ट ने स्टे लगा दिया था. हालांकि बुधवार को कोर्ट ने ग्रेटर निगम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी की रेट खारिज कर दिया है.

ग्रेटर नगर निगम से BVG कंपनी की विदाई तय

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ऐसे में अब ग्रेटर नगर निगम के कंपनी को टर्मिनेट करने का रास्ता खुल गया है. इसे लेकर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने कहा कि ग्रेटर निगम अपनी साधारण सभा में प्रस्ताव लाकर पहले ही कंपनी को टर्मिनेट करने का निर्णय ले चुका था. इसे लेकर टर्मिनेशन करने की तैयारी की जा रही थी. उसी दौरान बीवीजी कंपनी कोर्ट चली गई, और उन्हें स्टे मिल गया. जिसके कारण बीवीजी को हटा नहीं पाए. जबकि शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ने का एकमात्र कारण बीवीजी कंपनी है. अब बीवीजी कंपनी को टर्मिनेट किया जाएगा. साथ ही जयपुर ग्रेटर में सफाई व्यवस्था को लेकर आत्म निर्भर बनने की शुरुआत भी की जाएगी.

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उपमहापौर ने कहा कि इंडिपेंडेंट इंजीनियर्स ने कंपनी पर 90 करोड़ से ज्यादा की पेनल्टी लगाई है उसकी भी वसूली की जाएगी. उधर, हेरिटेज नगर निगम ने 1 महीने पहले बीवीजी कंपनी को टर्मिनेट किया था. जिसके बाद अब जाकर सभी जोन में डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने के लिए अलग-अलग टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जा सकी है. बताया जा रहा है कि अब व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से मॉनिटरिंग के साथ-साथ स्वच्छता सर्वेक्षण के मानकों के अनुरूप हुपर्स की व्यवस्था की गई है.

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