जयपुर. हेरिटेज नगर निगम से बीवीजी कंपनी की विदाई (JMC terminated BVG company) के बाद यूडीएच मंत्री ने ग्रेटर निगम को भी नसीहत दी थी. हालांकि कानूनी बाध्यता के चलते बीवीजी कंपनी को फिलहाल टर्मिनेट नहीं किया जा सकता. लेकिन सोमवार को हुई सुनवाई के बाद 6 जनवरी को होने वाली सुनवाई में भी कोर्ट निगम के पक्ष में फैसला सुना सकता है. इसी के चलते निगम ने सफाई व्यवस्था को अपने हाथ में लेने की तैयारी भी कर ली है.
हेरिटेज निगम के बाद ग्रेटर निगम भी करे कार्रवाई : यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने शहर की सफाई व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि हेरिटेज निगम ने बीवीजी कंपनी पर कार्रवाई (Jaipur Heritage Municipal Corporation canceled BVG agreement) कर दी है, तो ग्रेटर निगम को भी देखना चाहिए. हालांकि मामला कोर्ट में होने के चलते फिलहाल ग्रेटर निगम के हाथ बंधे हुए हैं.
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ग्रेटर निगम की तैयारियां पूरी
महापौर शील धाभाई ने बताया कि हेरिटेज और ग्रेटर निगम में अंतर है. हेरिटेज निगम में बीवीजी कंपनी का टेंडर एक्सटेंड (Tender Extend of BVG Company) किया गया था, जिसे विड्रॉ करने का उनके पास अधिकार था. जबकि ग्रेटर निगम में टेंडर को एक्सटेंड नहीं किया गया था. निगम कुछ कार्रवाई करता, उससे पहले ही बीवीजी कंपनी कोर्ट में चली गई और कोर्ट ने स्टे लगा दिया. हालांकि कोर्ट 6 तारीख को ग्रेटर निगम के पक्ष में ही अपना फैसला सुना सकता है. बीवीजी कंपनी को हटाने से पहले ग्रेटर निगम ने अपनी तैयारियां भी पूरी कर ली है. जहां तक संसाधनों की बात है करीब 300 हूपर की व्यवस्था की गई है. साथ ही एसआई, सीएसआई से लेकर सफाई कर्मचारी तक सभी को अलर्ट कर दिया गया है.
नियमित काम करते रहने का आदेश
बता दें कि बीते साल 7 मई को राजस्थान हाईकोर्ट ने डोर टू डोर कचरा उठाने (Door To Door Garbage Collection) वाली बीवीजी कंपनी पर दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही अदालत ने कंपनी को नियमित काम करते रहने को कहा था. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने ये आदेश बीवीजी इंडिया लिमिटेड की याचिका पर दिए थे.