जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट से बसों को अनुमति नहीं मिलने पर जयपुर के बस ऑपरेटरों में आक्रोश व्याप्त हो गया हैं. उनका कहना है कि वह लगातार 10 दिन से कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें मजदूरों को दूसरे राज्यों में ले जाने की अनुमति नहीं दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि दूसरे रसूखदार बस ऑपरेटरों को लगातार अनुमति दी जा रही हैं.
जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में शुक्रवार को भी काफी संख्या में बस ऑपरेटर बसों की अनुमति लेने के लिए आए, लेकिन उन्हें शुक्रवार को भी अनुमति नहीं मिल पाई. इसके कारण उनमें आक्रोश फैल गया और बस ऑपरेटरों ने कहा कि हमें दूसरे राज्यों के कलेक्टरों से अनुमति लेने के लिए कहा जाएंगे, जबकि यह काम जिला प्रशासन का है.
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उन्होंने कहा कि हमने पूरे दस्तावेज मजदूरों की सूचियों सहित प्रशासन को दिए हुए हैं. इसके बावजूद भी हमें अनुमति नहीं दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि कुछ बस ऑपरेटर है, जो फर्जी तरीके से अनुमति प्राप्त कर रहे हैं. उन पर जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा, बल्कि हमारे जैसे सही तरीके से अनुमति लेने वाले बस ऑपरेटरों को अनुमति नहीं दी जा रही हैं. हम दूसरे राज्यों के कलेक्टरों से अनुमति कैसे प्राप्त करेंगे.
जो मजदूर अपने पैसे से बिहार और बंगाल जाना चाहते हैं, उन्हें तो कम से कम अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि मजदूर जो ट्रकों में बैठकर जा रहे हैं. वह गैरकानूनी तरीके से जा रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना नहीं की जा रही.
बस ऑपरेटरों ने कहा कि जिसके पास रसूख है, वह अपने रसूख के जरिए पास बनवा लेता है. हम लोगों के पास कोई रसूख नहीं है, इसलिए हम पिछले 10 दिन से जिला कलेक्ट्रेट के चक्कर काटने को मजबूर हैं. बस ऑपरेटरों ने कहा कि यदि अनुमति देनी ही है तो सभी बस ऑपरेटरों को अनुमति दी जाए, अन्यथा किसी को भी अनुमति नहीं दी जाए.
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राज्य में बस संचालन की मांग
जिला कलेक्ट्रेट में शुक्रवार को आए बस ऑपरेटरों ने मांग की कि राज्य में भी बस संचालन की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि जो बस अपने ड्राइवर और कंडक्टर की तनख्वाह दे रहे हैं, उनको थोड़ी राहत मिले.