जयपुर. सीएए और एनआरसी के विरोध में सोमवार को विपक्षी दलों की दिल्ली में ऑल पार्टी मीटिंग होगी, जिसका बसपा सुप्रीमो मायावती बहिष्कार करेंगी. इसकी जानकारी मायावती ने ट्वीट कर दी. जिसमें साफ नजर आया कि राजस्थान के 6 बसपा विधायकों को कांग्रेस पार्टी में ज्वाइन कराने से मायावती कांग्रेस से बेहद नाराज हैं.
दरअसल, राजस्थान में बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस पार्टी ने अपनी सदस्यता ग्रहण करवा दी है. ऐसा राजस्थान में पहली बार नहीं हुआ है. साल 2008 में भी राजस्थान में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए बसपा के विधायकों को कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कराई गई थी, लेकिन इस बार इस मामले से बसपा सुप्रीमो मायावती खासी नाराज हो गई हैं.
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Bahujan Samaj Party (BSP) Chief Mayawati tweets, "BSP will not attend today's opposition parties meeting called by Congress". pic.twitter.com/G7nrwH2aD3
— ANI UP (@ANINewsUP) January 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Bahujan Samaj Party (BSP) Chief Mayawati tweets, "BSP will not attend today's opposition parties meeting called by Congress". pic.twitter.com/G7nrwH2aD3
— ANI UP (@ANINewsUP) January 13, 2020Bahujan Samaj Party (BSP) Chief Mayawati tweets, "BSP will not attend today's opposition parties meeting called by Congress". pic.twitter.com/G7nrwH2aD3
— ANI UP (@ANINewsUP) January 13, 2020
इसी नाराजगी का असर है कि वह लगातार प्रियंका गांधी पर हमले कर रही हैं. वहीं मायावती ने बिल्कुल साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस से क्यों नाराज हैं. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा कि राजस्थान में बाहर से समर्थन दिए जाने के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी ने उनके विधायकों को कांग्रेस में सम्मिलित किया. जो बसपा के साथ कांग्रेस का विश्वासघात है. ऐसे में ऑल पार्टी मीटिंग में शामिल होना राजस्थान के बसपा के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराएगा.
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ऐसे में बसपा ने निर्णय लिया है कि वह सीएए और एनआरसी के विरोध में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होगी. हालांकि उन्होंने साफ किया है कि वह सीएए और एनआरसी के विरोध में है और केंद्र सरकार से इस विभाजनकारी और असंवैधानिक कानून को वापस लेने की अपील करती हैं.
विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने से बसपा सुप्रीमो मायावती का इंकार साफ करता है कि मायावती कांग्रेस से सबसे ज्यादा नाराज इसलिए हैं क्योंकि बसपा के 6 विधायकों को उन्होंने अपनी पार्टी में शामिल करवाया है.