जयपुर. प्रदेश में रिश्वतखोरी के खिलाफ राजस्थान एसीबी कितनी सजग और सतर्क है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि रिश्वतखोरी के प्रकरण में अपने ही एडिशनल एसपी को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी की ओर से तय सीमा से पहले कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई है.
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रिश्वतखोरी के प्रकरण में गिरफ्तार किए गए एडिशनल एसपी भैरू लाल मीणा को जमानत का लाभ ना मिल सके इसके लिए ही आला अधिकारियों के निर्देशन पर जांच अधिकारी की ओर से तय समय से पहले कोर्ट में चार्जशीट पेश कर रिश्वतखोरों को ना बख्शें जाने का संदेश दिया गया है.
दरअसल किसी भी आरोपी को रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार करने के 60 दिन के अंतराल में चार्जशीट पेश करनी होती है. यदि इस अवधि में चार्जशीट पेश नहीं की जाती है तो आरोपी को जमानत का लाभ मिल जाता है. एसीबी की ओर से 9 दिसंबर को सवाई माधोपुर एसीबी चौकी प्रभारी एडिशनल एसपी भैरू लाल मीणा रिश्वत राशि लेते हुए गिरफ्तार किया गया था.
इसके साथ ही रिश्वत राशि देने वाले सवाई माधोपुर के डीटीओ महेश चंद मीणा और डीईओ मधुसूदन सैनी को भी प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था. एसीबी की ओर से इस पूरे प्रकरण में तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट 60 दिन की तय सीमा से पहले ही पेश कर दी गई है. जिसके चलते आरोपियों को अब जमानत का लाभ नहीं मिल सकेगा.
दौसा घूसकांड प्रकरण में भी कागजी कार्रवाई की तेज
दौसा घूसकांड प्रकरण की जांच कर रही राजस्थान एसीबी ने प्रकरण में गिरफ्तार किए गए एसपी मनीष अग्रवाल, एसडीएम पिंकी मीणा और पुष्कर मित्तल के खिलाफ भी कागजी कार्रवाई को तेज कर दिया है. हालांकि प्रकरण में एसीबी की जांच अभी पूरी नहीं हुई है और कुछ अन्य पुलिस कर्मियों से भी प्रकरण में पूछताछ की जानी है.
दौसा जिले में हाईवे का करीब 60 किलोमीटर लंबा क्षेत्र आ रहा है जिसके लिए एसपी मनीष अग्रवाल और एसडीएम पिंकी मीणा और पुष्कर मित्तल की ओर से लाखों रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी.