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असंगठित क्षेत्र के कामगारों के कल्याण के लिए जल्द बनेगा बोर्ड: सीएम गहलोत

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Published : Aug 4, 2020, 9:33 PM IST

राजस्थान के मुखिया सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के लाखों कामगारों के कल्याण के लिए बड़ा निर्णय लिया है. उन्होंने इनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए 'स्टेट सोशल सिक्योरिटी बोर्ड फाॅर अनऑर्गनाइज्ड वर्कर्स' का गठन जल्द करने के निर्देश दिए हैं. यह बोर्ड इन श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की रूपरेखा तैयार करेगा.

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प्रदेश में जल्द बनेगा कामगारों के कल्याण के लिए बनेगा बोर्ड

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रम तथा कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग की समीक्षा बैठक ली. बैठक में सभी जिला कलेक्टर और संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से जुडे़.

इस दौरान वंचित निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के लिए अभियान चलाना, मुख्यमंत्री ने वंचित पात्र निर्माण श्रमिकों का भवन और अन्य संन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीयन करने के लिए प्रदेश भर में अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं. ताकि हर पात्र श्रमिक को बोर्ड के माध्यम से संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने निर्देश दिए कि श्रम विभाग के अधिकारी चैखटी तथा निर्माण स्थलों पर जाकर वंचित श्रमिकों को पंजीयन कराने के लिए प्रेरित करें.

प्रदेश में जल्द बनेगा कामगारों के कल्याण के लिए बनेगा बोर्ड

उद्योगों की मांग के अनुरूप हो कौशल विकास

कौशल, नियोजन और उद्यमिता विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित करना जरूरी है. इसके लिए वृहद स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं. उन्होंने निर्देश दिए कि कौशल विकास के लिए वर्तमान में कई तरह की योजनाएं चल रही हैं. इन योजनाओं को एकीकृत और सरल बनाया जाए. ताकि युवाओं को इनका लाभ लेने में आसानी हो.

जिला रोजगार अधिकारी अब जिला रोजगार एवं कौशल विकास अधिकारी

सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस दौर में रोजगार का बड़ा संकट पैदा हुआ है. ऐसे में युवाओं और श्रमिकों को रोजगार से जोड़ने के लिए उनका कौशल विकास किया जाना जरूरी है. उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए तैयार किए राजकौशल पोर्टल का जिला कलेक्टर बेहतर उपयोग सुनिश्चित करवाएं. उन्होंने कहा कि रोजगार एवं कौशल विकास एक-दूसरे के पूरक हैं. ऐसे में जिला रोजगार अधिकारी का पदनाम अब जिला रोजगार एवं कौशल विकास अधिकारी किया जाए. श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए बोर्ड के रूप में मुख्यमंत्री ने एक बड़ी पहल की है. निश्चित रूप से इसका फायदा लाखों श्रमिकों और उनके परिवारों को मिल सकेगा.

यह भी पढ़ेंः गहलोत सरकार बहुमत साबित कर पाएगी या नहीं ? अब फ्लोर टेस्ट पर टिकी सबकी निगाहें

कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा कि प्रदेश में 229 सरकारी और 1700 से अधिक निजी आईटीआई का बड़ा नेटवर्क मौजूद है. इनका कौशल विकास में बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि इन संस्थानों में इण्स्ट्री और बाजार की जरूरतों के मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार किए जाएं. साथ ही इनकी गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया जाए और नियमित निरीक्षण किया जाए.

यह भी पढ़ेंः विधायक भंवरलाल शर्मा की चारों याचिकाओं पर 13 अगस्त को सुनवाई, महेश जोशी से कोर्ट ने मांगा जवाब

विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतीकरण देते हुए शासन सचिव, श्रम, नियोजन, कौशल एवं उद्यमिता विभाग नीरज के पवन ने बताया कि बीते डेढ़ साल में एक लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है. युवाओं को इंग्लिश, आईटी और पर्सनालिटी डेवलपमेंट का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. राज कौशल पोर्टल पर 52 लाख 54 हजार श्रमिकों का पंजीयन किया गया है. इस मौके पर मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रबंध निदेशक आरएसएलडीसी विष्णु चरण मल्लिक, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी और श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रम तथा कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग की समीक्षा बैठक ली. बैठक में सभी जिला कलेक्टर और संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से जुडे़.

इस दौरान वंचित निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के लिए अभियान चलाना, मुख्यमंत्री ने वंचित पात्र निर्माण श्रमिकों का भवन और अन्य संन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीयन करने के लिए प्रदेश भर में अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं. ताकि हर पात्र श्रमिक को बोर्ड के माध्यम से संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने निर्देश दिए कि श्रम विभाग के अधिकारी चैखटी तथा निर्माण स्थलों पर जाकर वंचित श्रमिकों को पंजीयन कराने के लिए प्रेरित करें.

प्रदेश में जल्द बनेगा कामगारों के कल्याण के लिए बनेगा बोर्ड

उद्योगों की मांग के अनुरूप हो कौशल विकास

कौशल, नियोजन और उद्यमिता विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित करना जरूरी है. इसके लिए वृहद स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं. उन्होंने निर्देश दिए कि कौशल विकास के लिए वर्तमान में कई तरह की योजनाएं चल रही हैं. इन योजनाओं को एकीकृत और सरल बनाया जाए. ताकि युवाओं को इनका लाभ लेने में आसानी हो.

जिला रोजगार अधिकारी अब जिला रोजगार एवं कौशल विकास अधिकारी

सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस दौर में रोजगार का बड़ा संकट पैदा हुआ है. ऐसे में युवाओं और श्रमिकों को रोजगार से जोड़ने के लिए उनका कौशल विकास किया जाना जरूरी है. उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए तैयार किए राजकौशल पोर्टल का जिला कलेक्टर बेहतर उपयोग सुनिश्चित करवाएं. उन्होंने कहा कि रोजगार एवं कौशल विकास एक-दूसरे के पूरक हैं. ऐसे में जिला रोजगार अधिकारी का पदनाम अब जिला रोजगार एवं कौशल विकास अधिकारी किया जाए. श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए बोर्ड के रूप में मुख्यमंत्री ने एक बड़ी पहल की है. निश्चित रूप से इसका फायदा लाखों श्रमिकों और उनके परिवारों को मिल सकेगा.

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कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा कि प्रदेश में 229 सरकारी और 1700 से अधिक निजी आईटीआई का बड़ा नेटवर्क मौजूद है. इनका कौशल विकास में बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि इन संस्थानों में इण्स्ट्री और बाजार की जरूरतों के मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार किए जाएं. साथ ही इनकी गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया जाए और नियमित निरीक्षण किया जाए.

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विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतीकरण देते हुए शासन सचिव, श्रम, नियोजन, कौशल एवं उद्यमिता विभाग नीरज के पवन ने बताया कि बीते डेढ़ साल में एक लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है. युवाओं को इंग्लिश, आईटी और पर्सनालिटी डेवलपमेंट का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. राज कौशल पोर्टल पर 52 लाख 54 हजार श्रमिकों का पंजीयन किया गया है. इस मौके पर मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रबंध निदेशक आरएसएलडीसी विष्णु चरण मल्लिक, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी और श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

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