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देश की संस्कृति के लिहाज से शिक्षा और ज्ञान दिया जाता है तो हमें मदरसों से ऐतराज नहीं: सतीश पूनिया

मदरसों को वैधानिक दर्जा देने के मामले में बीजेपी नेताओं के लगातार बयान आ रहे हैं. पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के बाद अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि अगर देश की संस्कृति के लिहाज से शिक्षा और ज्ञान दिया जाता है तो हमें मदरसों से ऐतराज नहीं है.

Rajasthan Madrasa Board Bill, Satish Poonia Target Congress
मदरसा बोर्ड विधेयक 2020 को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का बयान
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Published : Aug 27, 2020, 4:55 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में हाल ही में मदरसों को वैधानिक दर्जा दिए जाने का विधेयक पारित हुआ, जिस पर अब सियासत गर्म है. भाजपा नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के इस मामले में आए विवादित बयान के बाद अब पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा है कि देश की संस्कृति के लिहाज से ऐसी शिक्षा और ज्ञान दिया जाता है, तो हमें ऐसे मदरसों से कोई एतराज नहीं है.

मदरसा बोर्ड विधेयक 2020 को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का बयान

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार मदरसों को भी वोट बैंक के नजरिए से देखती हैं. यही कारण है कि इस विधेयक के जरिए मदरसों को अपना सिलेबस और भर्तियां खुद ही करने की छूट दे दी. सतीश पूनिया के अनुसार खुद मोदी सरकार ने हजारों करोड़ रुपये मदरसों के उन्नति के लिए दिए हैं, इसलिए मदरसों को मजहब से जुड़कर ना देखा जाए. वहीं पूनिया ने स्टांप पंजीयन संशोधन विधेयक में सरचार्ज के रूप में गौशालाओं को मिलने वाले फंड को कोविड-19 व अन्य आपदा के लिए इस्तेमाल करने पर भी आपत्ति जताई है.

पढ़ें- ज्ञानदेव आहूजा ने मदरसा की शिक्षा नीति को लेकर दिया विवादित बयान

उन्होंने कहा कि सदन में 13 विधेयक बिना चर्चा के पास कर दिए गए. उन्होंने कहा कि सरकार को ये चाहिए था कि कोरोना के संकट काल के दौरान प्रदेश की गौशालाओं की स्थिति खराब है और सरकार खुद पहले की तुलना में अनुदान नहीं दे पा रही है. ऐसे में जो सरचार्ज के रूप में गौशालाओं के संवर्धन के लिए पैसा आ रहा था, कम से कम उसका उपयोग दूसरी जगह ना हो.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में हाल ही में मदरसों को वैधानिक दर्जा दिए जाने का विधेयक पारित हुआ, जिस पर अब सियासत गर्म है. भाजपा नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के इस मामले में आए विवादित बयान के बाद अब पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा है कि देश की संस्कृति के लिहाज से ऐसी शिक्षा और ज्ञान दिया जाता है, तो हमें ऐसे मदरसों से कोई एतराज नहीं है.

मदरसा बोर्ड विधेयक 2020 को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का बयान

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार मदरसों को भी वोट बैंक के नजरिए से देखती हैं. यही कारण है कि इस विधेयक के जरिए मदरसों को अपना सिलेबस और भर्तियां खुद ही करने की छूट दे दी. सतीश पूनिया के अनुसार खुद मोदी सरकार ने हजारों करोड़ रुपये मदरसों के उन्नति के लिए दिए हैं, इसलिए मदरसों को मजहब से जुड़कर ना देखा जाए. वहीं पूनिया ने स्टांप पंजीयन संशोधन विधेयक में सरचार्ज के रूप में गौशालाओं को मिलने वाले फंड को कोविड-19 व अन्य आपदा के लिए इस्तेमाल करने पर भी आपत्ति जताई है.

पढ़ें- ज्ञानदेव आहूजा ने मदरसा की शिक्षा नीति को लेकर दिया विवादित बयान

उन्होंने कहा कि सदन में 13 विधेयक बिना चर्चा के पास कर दिए गए. उन्होंने कहा कि सरकार को ये चाहिए था कि कोरोना के संकट काल के दौरान प्रदेश की गौशालाओं की स्थिति खराब है और सरकार खुद पहले की तुलना में अनुदान नहीं दे पा रही है. ऐसे में जो सरचार्ज के रूप में गौशालाओं के संवर्धन के लिए पैसा आ रहा था, कम से कम उसका उपयोग दूसरी जगह ना हो.

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