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Discrimination against opposition: अपने विधायकों को खुली छूट और विपक्षियों की गिरफ्तारी, सरकार कर रही है भेदभावपूर्ण तरीके से काम: शर्मा - Ramlal Sharma alleges discriminatory policy against opposition

भाजपा के प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने प्रदेश सरकार पर भेदभाव पूर्ण नीति अपनाने का आरोप (Ramlal Sharma targets Gehlot government) लगाया है. शर्मा ने कहा कि कांग्रेस विधायकों को सरकार ने खुली छूट दे रखी है, जबकि विपक्षी विधायकों को लोकतांत्रिक ​तरीके से विरोध दर्ज करवाने पर गिरफ्तार किया जा रहा है.

Ramlal Sharma targets Gehlot government
रामलाल शर्मा ने प्रदेश सरकार पर लगाया भेदभाव पूर्ण नीति अपनाने का आरोप
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Published : Apr 2, 2022, 5:01 PM IST

जयपुर. विपक्षी विधायकों पर भेदभाव पूर्ण कार्रवाई को लेकर बीजेपी ने गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान की सरकार भेदभाव पूर्ण कार्य कर रही है और यह बात अब जगजाहिर होने लगी है. सरकार अपने विधायकों को तो खुली छूट देती है और विपक्ष पर कार्रवाई (Ramlal Sharma alleges discriminatory policy against opposition) करती है.

लोकतांत्रिक विरोध पर भी मुकदमा दर्ज: राजस्थान के अंदर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अगर किसी आंदोलन में लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज करवाते हैं, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल की सलाखों के पीछे भेजने का काम करते हैं, लेकिन राजस्थान में यही कार्य कांग्रेस के विधायक करें, तो वह बेखौफ होकर सरेआम घूम सकते हैं. सरकार कानून के दायरे के अंदर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की मंशा नहीं रखती है. ऐसे एक नहीं अनेकों उदाहरण हैं.

रामलाल शर्मा ने प्रदेश सरकार पर लगाया भेदभाव पूर्ण नीति अपनाने का आरोप

पढ़ें: भाजपा प्रवक्ता रामलाल शर्मा का वार, सोनिया-राहुल देख लें हिंदू दर्शन में किसी को मारा नहीं जाता, विधायक अमीन खान के बयान को बनाया आधार

चितौड़गढ़, धौलपुर और कोटा सबके सामने उदाहरण: शर्मा ने कहा कि चित्तौड़गढ़ के एक विधायक ने एसएचओ को गालियां दी और एसएचओ के परिवाद दर्ज करवाने के बावजूद भी सरकार ने उस विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इसी तरीके से धौलपुर के एक विधायक ने बिजली विभाग के एईएन व जेईएन के साथ मारपीट की, लेकिन उसके विरुद्ध भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. जब भारतीय जनता पार्टी के शासन के दौरान कई विधायकों ने ऐसे कार्य करने का साहस किया था, तो पार्टी ने कार्रवाई करते हुए एक नजीर पेश की थी.

पढ़ें: गहलोत सरकार के मंत्रियों के बिगड़े बोल पर बीजेपी आक्रामक, प्रदेश प्रवक्ता ने कहा- CM कंट्रोल करें

गुंजल और भाटी पर की थी सख्ती: शर्मा ने कहा कि प्रदेश के अंदर प्रशासनिक तंत्र को बेखौफ होकर अपने कार्य को अंजाम देने का पूरा अधिकार है और अगर कोई व्यक्ति उसमें बाधा उत्पन्न करता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. उदाहरण के लिए कोटा के अंदर भी तत्कालीन विधायक प्रहलाद गुंजल की जब एक सीएमएचओ के साथ कहासुनी हुई थी, तो उन्हें पार्टी से निष्कासित किया था. देवी सिंह भाटी ने भी अपने ही सचिव से हाथापाई की थी, तो पार्टी ने उनको मंत्रिमंडल से हटा दिया था. शर्मा ने कहा कि एक नहीं अनेकों उदाहरण इस प्रकार के हैं कि भारतीय जनता पार्टी ऐसे कृत्यों को कभी भी सहन नहीं किया, लेकिन राजस्थान सरकार ने भेदभाव पूर्ण तरीके से विधायकों को इतनी खुली छूट दे रखी है कि उनके जो मन में आए करें, उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है.

जयपुर. विपक्षी विधायकों पर भेदभाव पूर्ण कार्रवाई को लेकर बीजेपी ने गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान की सरकार भेदभाव पूर्ण कार्य कर रही है और यह बात अब जगजाहिर होने लगी है. सरकार अपने विधायकों को तो खुली छूट देती है और विपक्ष पर कार्रवाई (Ramlal Sharma alleges discriminatory policy against opposition) करती है.

लोकतांत्रिक विरोध पर भी मुकदमा दर्ज: राजस्थान के अंदर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अगर किसी आंदोलन में लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज करवाते हैं, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल की सलाखों के पीछे भेजने का काम करते हैं, लेकिन राजस्थान में यही कार्य कांग्रेस के विधायक करें, तो वह बेखौफ होकर सरेआम घूम सकते हैं. सरकार कानून के दायरे के अंदर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की मंशा नहीं रखती है. ऐसे एक नहीं अनेकों उदाहरण हैं.

रामलाल शर्मा ने प्रदेश सरकार पर लगाया भेदभाव पूर्ण नीति अपनाने का आरोप

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चितौड़गढ़, धौलपुर और कोटा सबके सामने उदाहरण: शर्मा ने कहा कि चित्तौड़गढ़ के एक विधायक ने एसएचओ को गालियां दी और एसएचओ के परिवाद दर्ज करवाने के बावजूद भी सरकार ने उस विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इसी तरीके से धौलपुर के एक विधायक ने बिजली विभाग के एईएन व जेईएन के साथ मारपीट की, लेकिन उसके विरुद्ध भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. जब भारतीय जनता पार्टी के शासन के दौरान कई विधायकों ने ऐसे कार्य करने का साहस किया था, तो पार्टी ने कार्रवाई करते हुए एक नजीर पेश की थी.

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गुंजल और भाटी पर की थी सख्ती: शर्मा ने कहा कि प्रदेश के अंदर प्रशासनिक तंत्र को बेखौफ होकर अपने कार्य को अंजाम देने का पूरा अधिकार है और अगर कोई व्यक्ति उसमें बाधा उत्पन्न करता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. उदाहरण के लिए कोटा के अंदर भी तत्कालीन विधायक प्रहलाद गुंजल की जब एक सीएमएचओ के साथ कहासुनी हुई थी, तो उन्हें पार्टी से निष्कासित किया था. देवी सिंह भाटी ने भी अपने ही सचिव से हाथापाई की थी, तो पार्टी ने उनको मंत्रिमंडल से हटा दिया था. शर्मा ने कहा कि एक नहीं अनेकों उदाहरण इस प्रकार के हैं कि भारतीय जनता पार्टी ऐसे कृत्यों को कभी भी सहन नहीं किया, लेकिन राजस्थान सरकार ने भेदभाव पूर्ण तरीके से विधायकों को इतनी खुली छूट दे रखी है कि उनके जो मन में आए करें, उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है.

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