जयपुर. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं के बार-बार रद्द और स्थगित होने पर राज्य सरकार पर तीखी आलोचना की है. उन्होंने इसे बेरोजगार युवाओं के साथ भद्दा मजाक बताया और जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की मांग की है.
सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि चुनाव में प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के बड़े-बड़े वादे करके कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के बाद अपने किए वादों को भूल चुकी है. भाजपा की सरकार ने अपने कार्यकाल में अनेक विभागों में रोजगार सर्जन करते हुए अनेक भर्तियां निकाली थी. उनमें वर्तमान सरकार ने दो वर्ष पूर्ण होने के बाद भी आज तक नियुक्तियां नहीं कर पाई है.
राज्य सरकार की ढिलाई के कारण पिछले दो वर्ष में फार्मासिस्ट, एसीएफ, स्टेनोग्राफर, पटवारी और रीट सहित अनेक परीक्षाएं रद्द कर चुकी है. 6 दिसंबर को कराई गई जेईएन भर्ती परीक्षा तो पेपर लीक होने के कारण केंसिल की गई. चिकित्सा विभाग में मेडिकल ऑफिसर भर्ती परीक्षा को तो गड़बड़ियों के कारण दो बार स्थगित करना पड़ा, कई परीक्षाएं तो बिना कारण बताए ही रद्द कर दी गई.
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उल्लेखनीय बात यह है कि भर्ती परीक्षाओं के नाम पर अभ्यर्थियों से भारी भरकम फीस वसूलने के बाद यदि सरकार ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ परीक्षाएं आयोजित करने में असफल रहती है, तो इससे बड़ा मजाक और धोखा बेरोजगारों के साथ नहीं हो सकता.
सराफ ने कहा कि कोरोना काल में वैसे भी रोजगार के अवसर कम हैं, उस पर राज्य सरकार की असंवेदनशीलता के कारण भर्ती परीक्षाएं बार बार रद्द और स्थगित होने से डिग्रीधारी और काबिल युवाओं को नौकरी के लिए भटकना पड़ रहा है. जिससे उनमें निराशा उत्पन्न होती है और ऐसे में उनकी मनोदशा को समझा जा सकता है, लेकिन राज्य की निष्ठुर सरकार युवाओं के दर्द को समझना नहीं चाहती.
सराफ ने मांग करते हुए कहा कि बार-बार भर्ती परीक्षाएं रद्द के लिए जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार विभिन्न विभागों में भर्तियों की खामियों को दुरुस्त करके एक निश्चित कलेंडर जारी करे और बेहद सतर्कता और पारदर्शिता से परीक्षाएं आयोजित करने की व्यवस्था करे. जिससे राज्य के युवाओं को राजगार मिल सके.