जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़ के साथ ही प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर दिल्ली पहुंच कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री संतोष से मुलाकात की. इस दौरान भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और राजस्थान से आने वाले दो केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल व कैलाश चौधरी भी मौजूद रहे. करीब सवा दो घंटे तक चली इस बैठक में संगठन से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन सबसे प्रमुख थी राजस्थान की 3 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी.
इन तीनों ही सीटों पर प्रदेश भाजपा की चुनावी रणनीति रहेगी कि किस प्रकार की तैयारी आगे की जानी है. इसको लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रभारी के साथ चर्चा हुई और आवश्यक सुझाव भी मांगे गए. बैठक के दौरान प्रदेश भाजपा नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को इस बात का भी यकीन दिलाया कि मौजूदा उपचुनाव में तीनों ही सीटों पर भाजपा की मजबूत पकड़ है और परिणाम भाजपा के पक्ष में ही आएंगे. वहीं, पिछले दिनों हुए पंचायत राज चुनाव में मिली सफलता को लेकर भी इस बैठक में प्रदेश नेतृत्व ने अपनी रिपोर्ट रखी. हालांकि, 50 निकायों के चुनाव में मिली असफलता को लेकर कई प्रकार के तर्क भी बैठक में दिए गए, जिसमें खास तौर पर राजनीतिक लिहाज से प्रदेश सरकार द्वारा किए गए वार्डों के परिसीमन का तर्क प्रमुख था.
पढ़ें : राजस्थान में सरकार नाम की कोई चीज नहीं...खुद को ठगा महसूस कर रहा किसान और बेरोजगार : राज्यवर्धन सिंह
फरवरी में आएंगे नड्डा, 15 जनवरी के बाद होगी प्रदेश कार्यसमिति...
आगामी 15 जनवरी के बाद प्रदेश भाजपा कार्यसमिति का एलान होगा और संभवत: 31 जनवरी ले पहले कार्यसमिति की बैठक बुला ली जाएगी. इसी कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के राजस्थान दौरे को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा. इस कार्यसमिति की बैठक में नोएडा के प्रवास को लेकर जो स्थान और समय तय किए जाएंगे उस आधार पर प्रदेश नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्षा से उनके प्रवास के लिए समय मांगेगा. प्रदेश नेतृत्व चाहता है कि फरवरी में जब नड्डा का राजस्थान प्रवास रखा जाए, ताकि उसके कुछ ही दिनों बाद 3 विधानसभा सीटों पर होने वाले संभावित उपचुनाव में इसका लाभ मिल सके.
पार्टी नेतृत्व को सौंपी प्रदेश की रिपोर्ट, नड्डा ने दिया एकजुटता का संदेश...
बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राजस्थान के सियासी घटनाक्रमों और संगठनात्मक मामलों को लेकर अपनी रिपोर्ट भी नड्डा को सौंपी है, जिसमें पिछले दिनों हुए निकाय चुनाव और पंचायत राज चुनाव सहित तमाम संगठनात्मक नियुक्ति और घटनाक्रम के बारे में जानकारी है. बताया यह भी जा रहा है कि बैठक के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर भी चर्चा हुई है, ताकि राजस्थान भाजपा के सभी नेताओं को एकजुट करके रखा जाए. हालांकि, नड्डा द्वारा प्रदेश भाजपा के कार्यक्रमों और सक्रियता के लिए पूनिया की पीठ भी थपथपाई गई, साथ ही प्रदेश भाजपा नेताओं को एकजुटता के साथ रहने का संदेश भी दिया. बताया जा रहा है कि इस दौरान जेपी नड्डा ने राजस्थान भाजपा नेताओं के बीच बाड़ाबंदी, मनमुटाव व गुटबाजी आदि की स्थिति ना रहे, इसको लेकर भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और यह भी कहा कि पार्टी राजस्थान में मजबूती के साथ काम कर रही है और एकमुखी होकर सबको इसमें जुटना है. बैठक में संभवत: कुछ पुराने नेताओं की राजस्थान में भाजपा परिवार में घर वापसी को लेकर भी चर्चा हुई, लेकिन इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका.
पढ़ें : राजनीतिक धरातल खो चुकी पार्टियां समस्या का समाधान नहीं होने देना चाहतीं : शेखावत
बैठक में राजे और शेखवात की अनुपस्थिति पर ये बोले पूनिया...
बैठक में राजस्थान से जुड़े कुछ अहम नेता जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ ही राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर और राष्ट्रीय प्रवक्ता जयपुर ग्रामीण, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शामिल नहीं थे. इससे जुड़े सवाल पर पूनिया ने कहा कि पार्टी का एक डेडिकेटेड फोरम होता है, जिस नाते संगठन मंत्री, प्रतिपक्ष के नेता, उप नेता, हम लोग जो प्रत्येक तौर पर काम करते हैं. इसके अलावा केंद्र के मंत्री और पार्टी के पदाधिकारी वो अनेक फोरम पर अध्यक्ष जी से संवाद करते ही रहते हैं. आवश्यकता लगेगी तो दोबारा जब कभी बुलाएंगे तो समग्र रूप से बैठेंगे, लेकिन इस फोरम में हम सदन में और सदन के बाहर काम करते हैं. ऐसे में संगठनात्मक तौर पर चर्चा के लिए हमें बुलाया था. वहीं, केंद्रीय कृषि कानून के पक्ष में बोलते हुए पुनिया ने कहा कि यह कानून किसानों के हित में है और केंद्रीय की परिवर्तित सूची में भी है. इसलिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस पर केवल सियासत कर रही है.
कानूनी दृष्टि से बसपा से कांग्रेस में विलय हुए विधायको की सदस्यता समाप्त होगी, इसमें कोई दो राय नहीं : कटारिया
बैठक के बाद पत्रकारों से मुखातिब हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बसपा से कांग्रेस में विलय हुए विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए विधानसभा स्पीकर व विधायकों को नोटिस से जुड़े सवाल पर कहा कि कानूनी दृष्टि से तो बसपा से कांग्रेस में विलय हुए विधायकों की सदस्यता समाप्त होगी और इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन जो कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए अंतिम फैसला वहीं से होगा. कटारिया ने कहा कि हमारी समाज और अनुभव के आधार पर तो किसी भी राष्ट्रीय दल का मर्जर बिना राष्ट्रीय नेतृत्व के सहमति से नहीं हो सकता. अब क्योंकि मामला कोर्ट में है तो निर्णय वहीं से आएगा. बैठक के बाद बुलाते में कटारिया ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी मुलाकात की.
गुटबाजी की कोई बात नहीं : राजेंद्र राठौड़
वहीं, प्रतियोगिता राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान भाजपा में गुटबाजी की बात से इनकार किया. उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है, इसमें गुटबाजी शब्द का कोई स्थान नहीं है. राठौड़ ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने याद किया और ये शेड्यूल बैठक थी, इसलिए यहां आए. राठौड़ ने उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी चयन के सवाल पर कहा कि प्रत्याशी चयन भाजपा की संसदीय बोर्ड ही तय करेगा और उपचुनाव का परिणाम भाजपा के पक्ष में ही आएगा.