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भाजपा को बढ़े हुए विद्युत टैरिफ पर बोलने का अधिकार ही नहीं हैः मंत्री सुखराम विश्नोई

विधानसभा सत्र से ठीक पहले बढ़ी विद्युत टैरिफ ने जहां विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया है तो वहीं कांग्रेस भी इससे मुकाबला करने के लिए पूरी तरीके से तैयार दिख रही है. मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी तो 5 साल में 3 बार विद्युत की टैरिफ बढ़ाई गई थी. उन्होंने कहा कि भाजपा को तो इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार ही नहीं है.

मंत्री सुखराम विश्नोई न्यूज,  Minister Sukhram Vishnoi News
भाजपा को बढ़े हुए विद्युत टैरिफ पर बोलने का अधिकार ही नहीं हैः मंत्री सुखराम विश्नोई
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Published : Feb 7, 2020, 8:34 PM IST

जयपुर. प्रदेश में बिजली की दरों में करीब 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, ये काम विद्युत विनियामक आयोग का होता है कि टैरिफ कितनी बढ़ाई जाए, लेकिन विधानसभा के पहले जिस तरह से विद्युत दरों में बढ़ोतरी हुई है, इससे विधानसभा में भाजपा को कांग्रेस सरकार को घेरने का एक मौका जरूर मिलेगा.

भाजपा को बढ़े हुए विद्युत टैरिफ पर बोलने का अधिकार ही नहीं हैः मंत्री सुखराम विश्नोई

ऐसे में राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी यह जानती है कि विधानसभा में भाजपा इसे मुद्दा बना सकती है. इसके कारण कांग्रेस भी पूरी तैयारी कर रही है. मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि महंगाई जिस तरह से बढ़ी है, उसे देखते हुए कम भार विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ा है. इसके साथ ही जिस तरह से किसानों और बीपीएल परिवारों को राहत दी गई है, वह जनता के लिए सीधी राहत है.

पढ़ें- कुछ इस तरह समझें बढ़ी हुई बिजली की दरों को...

मंत्री ने कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी तो 5 साल में 3 बार विद्युत की टैरिफ बढ़ाई गई थी. उन्होंने कहा कि भाजपा को तो इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार ही नहीं है. मंत्री जिस तरह से विद्युत बढ़ने के बाद अपनी बात रख रहे हैं. इससे साफ है कि उपभोक्ताओं की जेब पर यह नया टैरिफ डालेगा. तो वहीं 1 अप्रैल 2019 के बाद कनेक्शन लेने वाले उद्योगों को कुल उपभोग पर 55 पैसे जबकि एमआईपी और एलआईपी कैटेगरी को 85 पैसे प्रति यूनिट की छूट कांग्रेस सरकार को बचाव का रास्ता देगी.

जयपुर. प्रदेश में बिजली की दरों में करीब 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, ये काम विद्युत विनियामक आयोग का होता है कि टैरिफ कितनी बढ़ाई जाए, लेकिन विधानसभा के पहले जिस तरह से विद्युत दरों में बढ़ोतरी हुई है, इससे विधानसभा में भाजपा को कांग्रेस सरकार को घेरने का एक मौका जरूर मिलेगा.

भाजपा को बढ़े हुए विद्युत टैरिफ पर बोलने का अधिकार ही नहीं हैः मंत्री सुखराम विश्नोई

ऐसे में राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी यह जानती है कि विधानसभा में भाजपा इसे मुद्दा बना सकती है. इसके कारण कांग्रेस भी पूरी तैयारी कर रही है. मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि महंगाई जिस तरह से बढ़ी है, उसे देखते हुए कम भार विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ा है. इसके साथ ही जिस तरह से किसानों और बीपीएल परिवारों को राहत दी गई है, वह जनता के लिए सीधी राहत है.

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मंत्री ने कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी तो 5 साल में 3 बार विद्युत की टैरिफ बढ़ाई गई थी. उन्होंने कहा कि भाजपा को तो इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार ही नहीं है. मंत्री जिस तरह से विद्युत बढ़ने के बाद अपनी बात रख रहे हैं. इससे साफ है कि उपभोक्ताओं की जेब पर यह नया टैरिफ डालेगा. तो वहीं 1 अप्रैल 2019 के बाद कनेक्शन लेने वाले उद्योगों को कुल उपभोग पर 55 पैसे जबकि एमआईपी और एलआईपी कैटेगरी को 85 पैसे प्रति यूनिट की छूट कांग्रेस सरकार को बचाव का रास्ता देगी.

Intro:विधानसभा सत्र से ठीक पहले बड़ी विद्युत टैरिफ ने जहां विपक्ष को दिया एक और मुद्दा तो कांग्रेस भी इस से मुकाबला करने के लिए दिख रही है पूरी तरीके से तैयार किसानों और 50 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले बीपीएल परिवारों के साथ ही 1 अप्रैल 2019 के बाद कनेक्शन लेने वाले उद्योगों को दी गई राहत को गिन आएगी सरकार साथ ही बताएगी भाजपा सरकार जब सत्ता में थी तो तीन बार बढ़ाई थी विद्युत दरें


Body:प्रदेश में बिजली की दरों में तकरीबन 11 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है ।हालांकि यह काम विद्युत नियामक आयोग का होता है कि टेरिफ कितनी बढ़ाई जाए लेकिन विधानसभा सत्र से पहले जिस तरह से विद्युत दरों में बढ़ोतरी हुई है भाजपा को बैठे-बैठे विधानसभा में एक मौका जरूर मिलेगा ।ऐसे में राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी यह जानती है कि विधानसभा में भाजपा इसे मुद्दा बना सकती है इसके चलते कांग्रेस भी तैयारी पूरी कर रही है, कि कैसे विपक्ष का मुकाबला विधानसभा में विद्युत टैरिफ के मुद्दे पर किया जा सके। मंत्री सुखराम विश्नोई ने आज कहा कि महंगाई जिस तरह से बड़ी है उसे देखते हुए कम भार विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ा है। इसके साथ ही जिस तरह से किसानों और बीपीएल परिवारों को राहत दी गई है वह जनता के लिए सीधी राहत है ।उन्होंने कहा कि जब भाजपा पार्टी सत्ता में थी तो 5 साल में तीन बार विद्युत की टैरिफ बढ़ाई गई भाजपा को तो इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार ही नहीं है ।मंत्री जिस तरह से विद्युत पढ़ने के बाद अपनी बात रख रहे हैं साफ है कि उपभोक्ता की जेब पर यह नया टैरिफ तो डालेगा लेकिन जिस तरह से बढ़ोतरी हुई है और उससे जिस तरह से किसानों बीपीएल उपभोक्ताओं तक विद्युत खर्च करते हैं और 1 अप्रैल 2019 के बाद कनेक्शन लेने वाले उद्योगों को कुल उपभोग पर 55 पैसे जबकि एम आई पी और एल आई पी केटेगरी को 85 पैसे प्रति यूनिट की छूट कांग्रेस सरकार को बचाव का रास्ता देगी।
बाइट सुखराम विश्नोई वन एवं पर्यावरण मंत्री


Conclusion:दरअसल बिजली की दरों में बढ़ोतरी कभी भी हो इसे लेकर बेचैनी उपभोक्ताओं के साथ ही विपक्ष और सत्ता पक्ष में भी होती है लेकिन इस बार टैरिफ की टाइमिंग ने विपक्ष को ज्यादा मौका दिया क्योंकि विधानसभा का सत्र 10 फरवरी से फिर शुरू होने वाला है ऐसे में विपक्ष को सत्तापक्ष को घेरने का मौका मिल गया और विपक्ष इसकी तैयारियों में जुट गया है कि कैसे विपक्ष के सवालों का उन्हें जवाब देना है
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