जयपुर. प्रदेश में बिजली की दरों में करीब 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, ये काम विद्युत विनियामक आयोग का होता है कि टैरिफ कितनी बढ़ाई जाए, लेकिन विधानसभा के पहले जिस तरह से विद्युत दरों में बढ़ोतरी हुई है, इससे विधानसभा में भाजपा को कांग्रेस सरकार को घेरने का एक मौका जरूर मिलेगा.
ऐसे में राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी यह जानती है कि विधानसभा में भाजपा इसे मुद्दा बना सकती है. इसके कारण कांग्रेस भी पूरी तैयारी कर रही है. मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि महंगाई जिस तरह से बढ़ी है, उसे देखते हुए कम भार विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ा है. इसके साथ ही जिस तरह से किसानों और बीपीएल परिवारों को राहत दी गई है, वह जनता के लिए सीधी राहत है.
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मंत्री ने कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी तो 5 साल में 3 बार विद्युत की टैरिफ बढ़ाई गई थी. उन्होंने कहा कि भाजपा को तो इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार ही नहीं है. मंत्री जिस तरह से विद्युत बढ़ने के बाद अपनी बात रख रहे हैं. इससे साफ है कि उपभोक्ताओं की जेब पर यह नया टैरिफ डालेगा. तो वहीं 1 अप्रैल 2019 के बाद कनेक्शन लेने वाले उद्योगों को कुल उपभोग पर 55 पैसे जबकि एमआईपी और एलआईपी कैटेगरी को 85 पैसे प्रति यूनिट की छूट कांग्रेस सरकार को बचाव का रास्ता देगी.