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कृषि कानूनों के समर्थन में BJP ने बनाया माहौल, रामकुमार वालिया ने की केंद्र सरकार से कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग - केंद्रीय कृषि कानूनों के समर्थन में भाजपा

केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन पर इंडियन किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी नेता चौधरी राम कुमार वालिया ने कहा कि अब केंद्रीय कृषि सुधार बिल ने कानून की शक्ल ले ली है और इस पर महामहिम राष्ट्रपति के हस्ताक्षर भी हो गए हैं. ऐसे में अब यह कानून वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है. हालांकि, हम किसानों से वार्ता के जरिए इसमें संशोधन करने को जरूर तैयार हैं, लेकिन कई दौर की वार्ता के बावजूद इस पर सहमति नहीं बन पाई है, क्योंकि विपक्षी दल भोले-भाले किसानों को बरगला रहे हैं.

केंद्रीय कृषि कानूनों के समर्थन में भाजपा, Central Agricultural Laws
इंडियन किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी राम कुमार वालिया
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Published : Jan 18, 2021, 2:29 PM IST

जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून को लेकर देशभर में चल रही सियासत के बीच अब भाजपा ने इन कानूनों के पक्ष में माहौल बनाने का काम शुरू कर दिया है. उत्तराखंड के पूर्व राज्यमंत्री और इंडियन किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी राम कुमार वालिया ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वे इन कृषि कानूनों को लेकर एक कोआर्डिनेशन कमेटी बनाए, जो आंदोलनरत किसानों, सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सदस्यों और सरकार के बीच समन्वय का काम करे और इस आंदोलन को समाप्त कराए.

इंडियन किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी राम कुमार वालिया

प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रू-ब-रू हुए चौधरी वालिया ने कहा कि इस पूरे किसान आंदोलन से देश तंग आ चुका है और 350 करोड़ से ज्यादा का नुकसान भी इससे हुआ है. वालिया के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलन को देखते हुए कमेटी का गठन कर दिया, लेकिन ना तो आंदोलनरत किसान और ना ही विपक्षी राजनीतिक दल के लोग इस कमेटी को मानने को तैयार हैं, जो सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना भी कर रहे हैं.

'दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली पर सुप्रीम कोर्ट लगाए रोक'

राम कुमार वालिया ने कहा कि आंदोलनरत किसान संगठनों ने आगामी 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली की अनुमति मांगी, लेकिन मैं सुप्रीम कोर्ट से यह मांग करता हूं कि वह इस प्रकार की रैली की इजाजत ना दें और आज ही उसे तत्काल रोके.

यह भी पढ़ेंः किसानों के साथ खड़ी है आरएलपी, केंद्र और सुप्रीम कोर्ट समझे किसानों की भावना: हनुमान बेनीवाल

वालिया ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानून, किसानों के हित में हैं और इसमें किसानों को पहले की तुलना में बहुत कुछ देने का प्रयास भी किया गया है, लेकिन विपक्षी दल के कुछ लोग किसानों को बरगला रहे हैं. ऐसे में किसानों को उनकी बातों में नहीं आना चाहिए.

'वापस नहीं होगा कानून, संशोधन के लिए हम तैयार'

चौधरी राम कुमार वालिया ने कहा कि अब केंद्रीय कृषि सुधार बिल ने कानून की शक्ल ले ली है और इस पर महामहिम राष्ट्रपति के हस्ताक्षर भी हो गए हैं. ऐसे में अब यह कानून वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है. हालांकि, हम किसानों से वार्ता के जरिए इसमें संशोधन करने को जरूर तैयार हैं, लेकिन कई दौर की वार्ता के बावजूद इस पर सहमति नहीं बन पाई है, क्योंकि विपक्षी दल भोले-भाले किसानों को बरगला रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः राबर्ट वाड्रा पर फिर मुसीबत: राजस्थान हाई कोर्ट में ED की अर्जी पर सोमवार को होगी सुनवाई

वहीं, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरिराम रिणवा ने भी प्रदेश के किसान भाइयों से अपील की कि वे केंद्रीय कृषि कानून को लेकर भ्रम फैलाने वाले राजनीतिक दलों के बहकावे में ना आएं, मौजूदा कृषि कानून किसानों के हित में है.

जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून को लेकर देशभर में चल रही सियासत के बीच अब भाजपा ने इन कानूनों के पक्ष में माहौल बनाने का काम शुरू कर दिया है. उत्तराखंड के पूर्व राज्यमंत्री और इंडियन किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी राम कुमार वालिया ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वे इन कृषि कानूनों को लेकर एक कोआर्डिनेशन कमेटी बनाए, जो आंदोलनरत किसानों, सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सदस्यों और सरकार के बीच समन्वय का काम करे और इस आंदोलन को समाप्त कराए.

इंडियन किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी राम कुमार वालिया

प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रू-ब-रू हुए चौधरी वालिया ने कहा कि इस पूरे किसान आंदोलन से देश तंग आ चुका है और 350 करोड़ से ज्यादा का नुकसान भी इससे हुआ है. वालिया के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलन को देखते हुए कमेटी का गठन कर दिया, लेकिन ना तो आंदोलनरत किसान और ना ही विपक्षी राजनीतिक दल के लोग इस कमेटी को मानने को तैयार हैं, जो सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना भी कर रहे हैं.

'दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली पर सुप्रीम कोर्ट लगाए रोक'

राम कुमार वालिया ने कहा कि आंदोलनरत किसान संगठनों ने आगामी 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली की अनुमति मांगी, लेकिन मैं सुप्रीम कोर्ट से यह मांग करता हूं कि वह इस प्रकार की रैली की इजाजत ना दें और आज ही उसे तत्काल रोके.

यह भी पढ़ेंः किसानों के साथ खड़ी है आरएलपी, केंद्र और सुप्रीम कोर्ट समझे किसानों की भावना: हनुमान बेनीवाल

वालिया ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानून, किसानों के हित में हैं और इसमें किसानों को पहले की तुलना में बहुत कुछ देने का प्रयास भी किया गया है, लेकिन विपक्षी दल के कुछ लोग किसानों को बरगला रहे हैं. ऐसे में किसानों को उनकी बातों में नहीं आना चाहिए.

'वापस नहीं होगा कानून, संशोधन के लिए हम तैयार'

चौधरी राम कुमार वालिया ने कहा कि अब केंद्रीय कृषि सुधार बिल ने कानून की शक्ल ले ली है और इस पर महामहिम राष्ट्रपति के हस्ताक्षर भी हो गए हैं. ऐसे में अब यह कानून वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है. हालांकि, हम किसानों से वार्ता के जरिए इसमें संशोधन करने को जरूर तैयार हैं, लेकिन कई दौर की वार्ता के बावजूद इस पर सहमति नहीं बन पाई है, क्योंकि विपक्षी दल भोले-भाले किसानों को बरगला रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः राबर्ट वाड्रा पर फिर मुसीबत: राजस्थान हाई कोर्ट में ED की अर्जी पर सोमवार को होगी सुनवाई

वहीं, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरिराम रिणवा ने भी प्रदेश के किसान भाइयों से अपील की कि वे केंद्रीय कृषि कानून को लेकर भ्रम फैलाने वाले राजनीतिक दलों के बहकावे में ना आएं, मौजूदा कृषि कानून किसानों के हित में है.

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