जयपुर. पेगासस जासूसी (Pegasus Spying) मामले में गुरुवार को हुए कांग्रेस के राजभवन घेराव कार्यक्रम में विधायक गणेश घोघरा की ओर से राज्यपाल, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल का मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया है. भाजपा नेताओं ने अशोक नगर थाने में इस संबंध में शिकायत देकर घोघरा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी घोघरा के अमर्यादित बोल की निंदा की और इसे कांग्रेस की परंपरागत भाषा करार दिया.
पूनिया ने इस मामले में बयान जारी कर कहा कि यह पहला अवसर नहीं था जब संवैधानिक संस्थाओं पर कांग्रेस ने इस किस्म का आक्रमण किया हो. 70 साल से राजनीति में लूट और झूठ का खेल करने वाली कांग्रेस इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन के जरिए केवल गुमराह करने का काम ही करती है. पूनिया ने चेतावनी दी कि राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, किसान कर्ज माफी सहित ऐसे कई मुद्दे हैं जिस पर जनता कभी भी मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर सड़कों पर उतर सकती है.
पूनिया ने कहा कि यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने जिस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल राज्यपाल, देश के प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री के लिए किया है वो कांग्रेस की परंपरागत भाषा है क्योंकि कांग्रेस संविधानिक संस्थाओं के अपमान करना अपना गौरव समझती है.
वहीं, गुरुवार देर शाम बीजेपी एसटी मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मीणा के नेतृत्व में जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज, भाजपा वरिष्ठ नेता नाहर सिंह महेश्वरी, युवा मोर्चा प्रदेश महामंत्री राजकुमार भिवाल और मोर्चा उपाध्यक्ष नरेंद्र पिलानिया सहित कई युवा मोर्चा कार्यकर्ता अशोक नगर थाने पहुंचे. भाजपा नेताओं ने घोघरा के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग पर अड़ गए.
हालांकि, वहां मौजूद थाना अधिकारी ने FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया, जिससे नाराज भाजपा कार्यकर्ता थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए. कुछ ही देर बाद समझाइश पर थानाधिकारी ने भाजपा कार्यकर्ताओं की लिखित शिकायत लेकर उन्हें रवाना किया.
मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मीणा के अनुसार राज्यपाल जैसे पद पर बैठे व्यक्ति के लिए एजेंट जैसे शब्द का इस्तेमाल अलोकतांत्रिक है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के लिए जिस प्रकार की भाषा और शब्दों का इस्तेमाल कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने किया वो सवैधानिक परंपराओं को भी तार-तार करता है. मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में सभी FIR दर्ज होने की बात कहते हैं, लेकिन यहां पर हम जो FIR देने आए उसे पुलिस अधिकारी लेने से इनकार कर रहे हैं. इससे साफ हो चुका है कि मुख्यमंत्री का कथन भी गलत था.
पढ़ें- पेगासस जासूसी मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए केंद्र सरकार: पायलट
गौरतलब है कि गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस (Rajasthan Congress) से जुड़े नेता और कार्यकर्ताओं ने पेगासस फोन जासूसी (Pegasus Snooping) मामले में राजभवन का घेराव किया था. इस दौरान विधायक गणेश घोघरा ने विवादित भाषण दिया. वहीं, राज्यपाल कलराज मिश्र को लेकर भी उन्होंने विवादित बयान दिया था.