जयपुर. बनारस हिंदू विवि में एक मुस्लिम शिक्षक के द्वारा संस्कृत की शिक्षा देने को लेकर हो रहे विरोध के बीच यह बहस का मुद्दा पूरी तरह गरमा गया है. इस पर हर कोई अपने-अपने तर्क दे रहा है. इन तर्कों के बीच कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख ये है कि क्या कोई मुसलमान छात्रों को संस्कृत की शिक्षा नहीं दे सकता.
इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले को लेकर ट्वीट किया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा कि वे यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम के संपर्क में हैं. बीएचयू में डॉ. फिरोज खान द्वारा संस्कृत पढ़ाने को लेकर जो इश्यू बना हुआ है, वह जल्द ही समाप्त किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम को इस पर इंटरवीन करना चाहिए.
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मैं यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम के संपर्क में हूँ। बीएचयू में डॉ फिरोज खान द्वारा संस्कृत पढ़ाने को लेकर जो इश्यू बना हुआ है वह जल्द ही समाप्त किया जाना चाहिए, यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम को इस पर इंटरवीन करना चाहिए।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 21, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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">मैं यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम के संपर्क में हूँ। बीएचयू में डॉ फिरोज खान द्वारा संस्कृत पढ़ाने को लेकर जो इश्यू बना हुआ है वह जल्द ही समाप्त किया जाना चाहिए, यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम को इस पर इंटरवीन करना चाहिए।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 21, 2019
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वहीं उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति संस्कृत में स्कॉलर बना है, तो ऐसे में बीजेपी और आरएसएस सबको इसका स्वागत करना चाहिए था. साथ ही हिन्दू समाज के लिए गर्व की बात होनी चाहिए थी. उन्होंने ये भी कहा कि बनारस तो गंगा-जमुनी संस्कृति का ध्वजवाहक माना गया है.
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मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति संस्कृत में स्कॉलर बना है तो ऐसे में बीजेपी और आरएसएस सबको इसका स्वागत करना चाहिए था, हिन्दू समाज के लिए गर्व की बात होनी चाहिए थी।
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बनारस तो गंगा-जमुनी संस्कृति का ध्वजवाहक माना गया है।
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बनारस तो गंगा-जमुनी संस्कृति का ध्वजवाहक माना गया है।
2/3मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति संस्कृत में स्कॉलर बना है तो ऐसे में बीजेपी और आरएसएस सबको इसका स्वागत करना चाहिए था, हिन्दू समाज के लिए गर्व की बात होनी चाहिए थी।
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बनारस तो गंगा-जमुनी संस्कृति का ध्वजवाहक माना गया है।
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ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा कि हमारे देश में हिन्दू भी जाने-माने शायर हुए हैं, जब एक-दूसरे के धर्म में इस प्रकार से रूचि रखते हैं, एक्सपर्टाइज करते हैं तो ऐसे में तो दायरा व्यापक हो जाता है. हम सर्वधर्म समभाव की बात करते हैं, इससे हमारे समाज में सर्वधर्म का ताना-बाना मजबूत होता है और यह देशहित में है.
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हमारे देश में हिन्दू भी जाने-माने शायर हुए हैं, जब एक-दूसरे के धर्म में इस प्रकार से रूचि रखते हैं, एक्सपर्टाइज करते हैं तो ऐसे में तो दायरा व्यापक हो जाता है, हम सर्वधर्म समभाव की बात करते हैं इससे हमारे समाज में सर्वधर्म का ताना-बाना मजबूत होता है और यह देशहित में है।
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">हमारे देश में हिन्दू भी जाने-माने शायर हुए हैं, जब एक-दूसरे के धर्म में इस प्रकार से रूचि रखते हैं, एक्सपर्टाइज करते हैं तो ऐसे में तो दायरा व्यापक हो जाता है, हम सर्वधर्म समभाव की बात करते हैं इससे हमारे समाज में सर्वधर्म का ताना-बाना मजबूत होता है और यह देशहित में है।
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3/3हमारे देश में हिन्दू भी जाने-माने शायर हुए हैं, जब एक-दूसरे के धर्म में इस प्रकार से रूचि रखते हैं, एक्सपर्टाइज करते हैं तो ऐसे में तो दायरा व्यापक हो जाता है, हम सर्वधर्म समभाव की बात करते हैं इससे हमारे समाज में सर्वधर्म का ताना-बाना मजबूत होता है और यह देशहित में है।
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