जयपुर. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जो पहला बजट पेश किया गया था, उसमें सीएम गहलोत ने साफ तौर पर घोषणा की थी कि प्रदेश में जन आधार कार्ड बनेगा. वहीं, इसके बाद से ही कहा जा रहा था कि जन आधार कार्ड गत भाजपा सरकार के समय वसुंधरा राजे की सबसे प्रमुख योजना भामाशाह के नाम को परिवर्तित कर लागू होगी.
वहीं, बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर अंतिम फैसला भी हो गया. कैबिनेट में तय किया गया कि 31 मार्च के बाद कोई भी भामाशाह कार्ड काम नहीं करेगा. 31 मार्च 2020 को प्रदेश में भामाशाह कार्ड पूरी तरीके से बंद हो जाएगा और उसकी जगह नया जन आधार कार्ड ले लेगा.
पढ़ें- स्पेशल: भामाशाह के सहयोग से 100 साल पुराने ब्वायज स्कूल का हुआ जीर्णोद्धार...
हालांकि, गत 30 मार्च तक प्रदेश में जन आधार कार्ड और भामाशाह कार्ड दोनों ही काम करेंगे क्योंकि भामाशाह कार्ड को रिप्लेस करने में इतना समय लगेगा. वहीं, जन आधार कार्ड का नंबर भी अलग से बनाया जाएगा और भामाशाह कार्ड का जो नंबर है उसे बंद कर दिया जाएगा. इसके साथ ही राज्य सरकार ने जन आधार कार्ड को हेल्थ कार्ड के साथ जोड़ने का भी निर्णय लिया है, जिससे जन आधार कार्डधारी हर व्यक्ति की बीमारियों से जुड़ी केस स्टडी भी उसमें शामिल हो जाए.