जयपुर. कोरोना काल के चलते गहलोत सरकार ने बेरोजगारों को आने वाली भर्तियों में 2 साल की छूट दी है. छूट सितम्बर के आखिरी सप्ताह में जारी हुई नोटिफिकेशन के बाद निकलने वाली भर्तियों पर लागू होगी. लेकिन स्कूल व्याख्याता भर्ती सहित एक दर्जन भर्तियां ऐसी हैं जो (no relaxation in dozen under process recruitments) इस छूट की घोषणा से पहले ही प्रक्रियाधिन हो चुकी हैं. जिससे लाखों बेरोजगारों को सरकार की इस छूट का लाभ इन भर्तियों में नहीं मिल पाई है.
इन दिनों बेरोजगारों की पुकार सुनाई दे रही है. बेरोजगार कह रहे हैं आधी अधूरी राहत पर हमारी भी पुकार सुनो सरकार. हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एलिवेटेड रोड का उद्घाटन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में बेरोजगारों ने नारे लगाते हुए सरकार (unemployed demand to Rajasthan government) से पुकार लगाई. इस तरह के नारे न केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बल्कि सरकार के मंत्री जहां भी जा रहे हैं वहां पर सुनाई दे रहे हैं. दरअसल प्रदेश की गहलोत सरकार ने कोरोना काल के चलते भर्तियों में हुई देरी पर बेरोजगारों को आने वाली भर्तियों में 2 साल तक कि उम्र छूट दी है. लेकिन ये छूट सितम्बर के आखिरी सप्ताह में जारी हुई नोटिफिकेशन के बाद निकलने वाली भर्तियों पर लागू होगी. जबकि इस नोटिफिकेशन से पहले स्कूल व्याख्याता सहित करीब एक दर्जन भर्तियां प्रक्रियाधीन हो चुकी है. प्रक्रियाधीन भर्तियों में 2 वर्ष की छूट का लाभ नहीं मिलने से लाखों अभ्यार्थी इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो चुके हैं.
क्या कहते हैं बेरोजगारः बेरोजगार राकेश गढ़वाल कहते हैं कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने आयु सीमा में 2 वर्ष की छूट देकर बेरोजगारों को बड़ी राहत दी है. लेकिन यह राहत आधी अधूरी है. सरकार सितंबर में जारी हुई नोटिफिकेशन के बाद होने वाली भर्तियों में यह राहत देना चाह रही है. जबकि इससे 2 महीने पहले ही स्कूल व्याख्याता भर्ती के आवेदन भरे गए हैं. प्रदेश में ऐसे करीब ढाई से तीन लाख बेरोजगार हैं जो उम्र अधिक होने के कारण स्कूल व्याख्याता के लिए आवेदन नहीं कर सके हैं. अगर सरकार एक बार फिर फॉर्म रिओपन कर दे तो लाखों अभ्यर्थी इस प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने इससे पहले भी जब बेरोजगार पानी की टंकी पर चढ़े थे, उस वक्त सरकार ने कहा था कि उनकी जो मांगें हैं उसे पूरा किया जाएगा. लेकिन अब लगातार अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद भी बेरोजगारों की सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अपना वादा भूल चुकी है , उसी वादे को याद दिलाने के लिए हम हर दिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों के दर पर मांग (unemployed protest in jaipur) कर रहे हैं.
बेरोजगार बोले क्या दूसरा जन्म लें एक भर्ती के लिएः बेरोजगार नीलम ने कहा कि जब हम गांधीवादी तरीके से अपनी बात सरकार के सामने रख रहे हैं. तब भी सरकार हमारी नहीं सुन रही है . इससे पहले जब पानी की टंकी पर चढ़े थे तो सरकार ने कहा था कि पानी की टंकी पर नहीं चढ़ाना चाहिए. अगर आपकी कोई भी समस्या है तो आप सीधा सरकार से बात करें. आपकी हर समस्या का समाधान होगा.
लेकिन पिछले 10 दिन से हम गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. फिर भी सरकार के कानों तक हमारी बात नहीं पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि मजबूरन हमें फिर से दूसरे रास्ते अपनाने होंगे. नीलम ने कहा कि व्याख्याता भर्ती के लिए हम अभ्यार्थियों के पास में यह आखिरी मौका है. हम पिछले 2 साल से इसकी तैयारी कर रहे थे. अगर सरकार ने हमें व्याख्याता भर्ती में छूट नहीं दी तो हमें भर्ती से अयोग्य हो जाएंगे. सरकार ने जब घोषणा कर दी है कि वह 2 साल की उम्र में राहत दे रही है तो प्रक्रियाधीन भर्तियों में भी राहत दे. जिससे सभी बेरोजगारों को राहत मिल सके. नीलम ने कहा कि अधिकारियों के पास जाते हैं तो वह कहते हैं कि जब तक मुख्यमंत्री से निर्देश नहीं मिलेंगे वे कुछ नहीं कर सकते. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आप ही बताइये क्या बेरोजगारों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए फिर से जन्म लेना पड़ेगा. क्योंकि अगर इस बार भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया तो हमारे पास में इसके बाद कोई अवसर नहीं आएगा.
सड़कों पर चक्कर काटने को मजबूरः बेरोजगार रामस्वरूप ने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्राध्यापक भर्ती परीक्षा फॉर्म रीओपन करने की मांग को लेकर हजारों बेरोजगार सड़कों पर हैं. सरकार को इन बेरोजगारों की पुकार सुननी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग की हठधर्मिता के चलते बेरोजगारों को खामियाजा उठाना पड़ रहा है. 2020 में स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा तिथि को स्थगित करने को लेकर आंदोलन स्थगित इस शर्त पर हुआ था कि अभ्यर्थियों की आयु सीमा में राहत दी जाएगी , लेकिन अब लाखों बेरोजगार इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं .
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युवाओं पर समर्पित बजट किस काम काः राकेश गढ़वाल ने कहा कि स्कूल व्याख्याता भर्ती सहित आधा दर्जन भर्ती ऐसी है जिनमें आयु सीमा में छूट का लाभ नहीं मिल रहा है. एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि आगामी बजट युवाओं को समर्पित होगा. वहीं दूसरी ओर लाखों बेरोजगार सरकार के बजट से पहले ही मायूस, निराश और हताश हो चुके हैं.
इन भर्तियों पर पड़ रहा असर
व्याख्याता भर्ती
द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती
रेवेन्यू और एक्जिक्यूटिव ऑफिसर भर्ती
पीटीआई भर्ती
वनपाल वनरक्षक भर्ती
प्रोटेक्शन ऑफिसर भर्ती
हॉस्पिटल केयरटेकर भर्ती
ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट भर्ती
वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक भर्ती
एईएन सिविल भर्ती
ये मिलती है छूट
भर्तियों में अधिकतम आयु सीमा 40 साल है. एससी, एसटी, ओबीसी, एमबीसी, ईडब्ल्यूएस के पुरुषों को 5 साल और महिलाओं को 10 साल की छूट दी जाती है. सामान्य वर्ग की महिलाओं को 5 साल की छूट देय है. एकल महिला के लिए आयु सीमा नहीं है. कोई भर्ती 3 या इससे अधिक साल के बाद निकलती है तो भी अधिकतम आयु सीमा में 3 साल तक की छूट दी जाती है. लेकिन सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के बाद इसके अतिरिक्त 2 साल की आयु सीमा में छूट दी गई है.