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एक और संगीत के युग का अंत : बप्पी लाहिड़ी का राजस्थान से था गहरा लगाव, राजस्थानी कलाकारों में शोक की लहर

बुधवार की सुबह देश के संगीतकार और संगीत प्रेमियों के लिए बड़ी दुख की खबर लेकर आई. स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से अभी संगीत प्रेमी उबरे भी नहीं थे कि सिनेमा जगत की एक और महान हस्ती बप्पी लाहिड़ी का निधन हो गया. विख्यात गायक और संगीतकार बप्पी लाहिड़ी के निधन से (Bappi Lahiri Passed Away) देश भर के संगीत प्रेमियों में तो शोक की लहर तो है ही, राजस्थान के कलाकारों में भी शोक की लहर दौड़ गई.

Wave of Mourning Among Rajasthani Artists
एक कार्यक्रम के दौरान बप्पी लाहिड़ी
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Published : Feb 16, 2022, 3:41 PM IST

Updated : Feb 16, 2022, 7:00 PM IST

जयपुर. हिंदी सिनेमा के मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी ने बुधवार (16फरवरी) को दुनिया से अलविदा कह दिया. वह काफी समय से बीमारी से जूझ रहे थे. बप्पी दा के निधन से (Bappi Lahiri Death) राजस्थान के कलाकारों में भी शोक की लहर दौड़ गई. कलाकारों ने कहा कि संगीत के एक और युग का अंत हो गया है.

बप्पी लाहिड़ी के कई कार्यक्रमों में मंच साझा कर चुके फिल्म मेकर विजय सुथार ने बताया कि बप्पी दा का राजस्थान से भी गहरा नाता रहा है. वह हमेशा राजस्थान आने का मौका तलाशते थे. जब भी कभी उनसे मुलाकात होती तो अक्सर यही कहते कि राजस्थान कब बुला रहे हो. विजय बताते हैं कि जब मैं उनके पास मेरी फिल्म 'The Pushkar Lodge' ट्रेलर लांच कराने के लिए समय लेने गया तो उन्होंने बड़ी सहजता के साथ पहली ही मुलाकात में मुझे आने का वादा किया.

क्या कहते हैं विजय सुथार...

उन्होंने कहा कि आप राजस्थान के हो, राजस्थान से मेरा गहरा लगाव है. मुझे राजस्थान और राजस्थान की कला-संस्कृति बहुत ज्यादा (Bappi Lahiri Deep Attachment From Rajasthan) पसंद है. बप्पी दा के लगाव का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि जब मेरे कार्यक्रम का जो समय था, उससे 15 मिनट पहले वह कार्यक्रम में पहुंचे. पहले लता मंगेशकर का निधन और अब बप्पी दा के चले जाने से संगीत के इन महानायकों की कमी हमेशा रहेगी जो कभी पूरी नहीं हो सकती.

पढ़ें : Bappi Lahiri Death: बप्पी दा का कल होगा अंतिम संस्कार, ये है कारण

राजस्थान में था बप्पी दा का ससुराल...
बहुत कम लोगों को मालूम है कि जयपुर में बप्पी दा का ससुराल भी रहा है, जिसके चलते उनका मुंबई से राजस्थान आना-जाना लगा रहता था. बप्पी दा राजस्थान में संगीत को आगे बढ़ाने को लेकर हमेशा चर्चा करते थे. बप्पी दा के नजदीकी लोग बताते हैं कि वह राजस्थान में एक संगीत अकादमी खोलने को लेकर अकसर इच्छा जताते थे. बप्पी दा कहते थे कि राजस्थान के कण-कण में कला-संस्कृति और साहित्य बसा हुआ है. यहां का संगीत अपने आप में सबको अपना दीवाना बना देता है.

पढ़ें : 'उ ला ला' से 'तूने मारी एंट्री' तक बप्पी दा के रोमांटिक-डिस्को सॉन्ग का कॉम्बो कलेक्शन

'कभी अलविदा ना कहना' गीत से दी श्रद्धांजलि...
सिंगर रविंद्र उपाध्याय ने उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए, 'कभी अलविदा ना कहना' गीत से बप्पी दा को श्रद्धांजलि दी. रविंद्र उपाध्याय ने कहा कि आज भारतीय सिनेमा जगत का चमकता-दमकता सितारा सबको छोड़कर चला गया. उनकी शख्सियत की वजह से वो पूरे फिल्म जगत और संगीत जगत में जाने जाते थे. उनकी एक अलग आइडेंटिटी थी. उनके संगीत और गायन की अलग पहचान थी. उपाध्याय ने कहा कि भारतीय संगीत जगत का ये सबसे बुरा टाइम चल रहा है.

सिंगर रविंद्र उपाध्याय ने क्या कहा...

कुछ दिन पहले लता मंगेशकर और आज बप्पी लहिड़ी हमें छोड़कर चले गए. बप्पी दा और उनके परिवार के साथ उनका नजदीकी जुड़ाव रहा. उनके संगीत में गाने का उन्हें मौका भी मिला. उनके घर पर ही गाने को रिकॉर्ड किया गया था. आज बप्पी दा के चले जाने से उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं हैं. रविंद्र उपाध्याय ने बप्पी दा के संगीतबद्ध किए गए गीत 'चलते-चलते मेरे ये गीत याद रखना, कभी अलविदा ना कहना' से उन्हें श्रद्धांजलि दी.

Wave of Mourning Among Rajasthani Artists
सिंगर रविंद्र उपाध्याय ने जताया दुख...

इसके अलावा राजस्थान कला जगत ने भी बप्पी दा का जाना एक अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि बप्पी दा ने अपने संगीत के माध्यम से भारतीय फिल्मों में पॉप म्यूजिक के जरिए नए आयाम स्थापित किए थे. उनके म्यूजिक में कई गायकों ने अपनी पहचान बनाई. ग्रेमी अवॉर्ड विजेता पं. विश्वमोहन भट्ट, ध्रुवपद गायक पद्मश्री उस्ताद वासिफउद्दीन डागर, डागर ब्रदर्स, साहित्यकार अंशु हर्ष सहित कई कलाकारों ने बप्पी दा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया.

पढ़ें : bappi lahiri death : डॉ कुमार विश्वास ने कहा- बेबाक और प्रयोगधर्मी संगीत के दौर का अंत

जयपुर. हिंदी सिनेमा के मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी ने बुधवार (16फरवरी) को दुनिया से अलविदा कह दिया. वह काफी समय से बीमारी से जूझ रहे थे. बप्पी दा के निधन से (Bappi Lahiri Death) राजस्थान के कलाकारों में भी शोक की लहर दौड़ गई. कलाकारों ने कहा कि संगीत के एक और युग का अंत हो गया है.

बप्पी लाहिड़ी के कई कार्यक्रमों में मंच साझा कर चुके फिल्म मेकर विजय सुथार ने बताया कि बप्पी दा का राजस्थान से भी गहरा नाता रहा है. वह हमेशा राजस्थान आने का मौका तलाशते थे. जब भी कभी उनसे मुलाकात होती तो अक्सर यही कहते कि राजस्थान कब बुला रहे हो. विजय बताते हैं कि जब मैं उनके पास मेरी फिल्म 'The Pushkar Lodge' ट्रेलर लांच कराने के लिए समय लेने गया तो उन्होंने बड़ी सहजता के साथ पहली ही मुलाकात में मुझे आने का वादा किया.

क्या कहते हैं विजय सुथार...

उन्होंने कहा कि आप राजस्थान के हो, राजस्थान से मेरा गहरा लगाव है. मुझे राजस्थान और राजस्थान की कला-संस्कृति बहुत ज्यादा (Bappi Lahiri Deep Attachment From Rajasthan) पसंद है. बप्पी दा के लगाव का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि जब मेरे कार्यक्रम का जो समय था, उससे 15 मिनट पहले वह कार्यक्रम में पहुंचे. पहले लता मंगेशकर का निधन और अब बप्पी दा के चले जाने से संगीत के इन महानायकों की कमी हमेशा रहेगी जो कभी पूरी नहीं हो सकती.

पढ़ें : Bappi Lahiri Death: बप्पी दा का कल होगा अंतिम संस्कार, ये है कारण

राजस्थान में था बप्पी दा का ससुराल...
बहुत कम लोगों को मालूम है कि जयपुर में बप्पी दा का ससुराल भी रहा है, जिसके चलते उनका मुंबई से राजस्थान आना-जाना लगा रहता था. बप्पी दा राजस्थान में संगीत को आगे बढ़ाने को लेकर हमेशा चर्चा करते थे. बप्पी दा के नजदीकी लोग बताते हैं कि वह राजस्थान में एक संगीत अकादमी खोलने को लेकर अकसर इच्छा जताते थे. बप्पी दा कहते थे कि राजस्थान के कण-कण में कला-संस्कृति और साहित्य बसा हुआ है. यहां का संगीत अपने आप में सबको अपना दीवाना बना देता है.

पढ़ें : 'उ ला ला' से 'तूने मारी एंट्री' तक बप्पी दा के रोमांटिक-डिस्को सॉन्ग का कॉम्बो कलेक्शन

'कभी अलविदा ना कहना' गीत से दी श्रद्धांजलि...
सिंगर रविंद्र उपाध्याय ने उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए, 'कभी अलविदा ना कहना' गीत से बप्पी दा को श्रद्धांजलि दी. रविंद्र उपाध्याय ने कहा कि आज भारतीय सिनेमा जगत का चमकता-दमकता सितारा सबको छोड़कर चला गया. उनकी शख्सियत की वजह से वो पूरे फिल्म जगत और संगीत जगत में जाने जाते थे. उनकी एक अलग आइडेंटिटी थी. उनके संगीत और गायन की अलग पहचान थी. उपाध्याय ने कहा कि भारतीय संगीत जगत का ये सबसे बुरा टाइम चल रहा है.

सिंगर रविंद्र उपाध्याय ने क्या कहा...

कुछ दिन पहले लता मंगेशकर और आज बप्पी लहिड़ी हमें छोड़कर चले गए. बप्पी दा और उनके परिवार के साथ उनका नजदीकी जुड़ाव रहा. उनके संगीत में गाने का उन्हें मौका भी मिला. उनके घर पर ही गाने को रिकॉर्ड किया गया था. आज बप्पी दा के चले जाने से उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं हैं. रविंद्र उपाध्याय ने बप्पी दा के संगीतबद्ध किए गए गीत 'चलते-चलते मेरे ये गीत याद रखना, कभी अलविदा ना कहना' से उन्हें श्रद्धांजलि दी.

Wave of Mourning Among Rajasthani Artists
सिंगर रविंद्र उपाध्याय ने जताया दुख...

इसके अलावा राजस्थान कला जगत ने भी बप्पी दा का जाना एक अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि बप्पी दा ने अपने संगीत के माध्यम से भारतीय फिल्मों में पॉप म्यूजिक के जरिए नए आयाम स्थापित किए थे. उनके म्यूजिक में कई गायकों ने अपनी पहचान बनाई. ग्रेमी अवॉर्ड विजेता पं. विश्वमोहन भट्ट, ध्रुवपद गायक पद्मश्री उस्ताद वासिफउद्दीन डागर, डागर ब्रदर्स, साहित्यकार अंशु हर्ष सहित कई कलाकारों ने बप्पी दा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया.

पढ़ें : bappi lahiri death : डॉ कुमार विश्वास ने कहा- बेबाक और प्रयोगधर्मी संगीत के दौर का अंत

Last Updated : Feb 16, 2022, 7:00 PM IST
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