जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम - 7 ने फर्जी दस्तावेज बनाकर मुआवजे के तौर पर भूमि लेने के मामले में पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल सहित एक दर्जन से अधिक आरोपियों के विरुद्ध जमानती वारंट जारी कर 23 जनवरी को तलब किया है.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अधिकांश आरोपियों पर समन तामील हो चुके हैं. वहीं सभी आरोपियों ने एडीजे कोर्ट में अपील दायर की थी. जिससे साफ है की उन्हें अदालत के आदेश की जानकारी थी. इसके बावजूद भी उनकी ओर से अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई.
मामले के अनुसार संजय किशोर की ओर से वर्ष 2012 में परिवाद पेश कर कहा गया कि वर्ष 1953 में राज्य सरकार ने करीब 218 एकड़ भूमि सामूहिक कृषि कार्य के लिए किसान सामूहिक कृषि सहकारी समिति को 25 साल के लिए आवंटित की गई थी. वर्ष 1978 में यह अवधि स्वत: समाप्त हो गई.
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इस समिति के मूल सदस्यों को दरकिनार कर आरोपियों ने भूमि पर कब्जा जमा लिया. वहीं जेडीए ने करधनी और पृथ्वीराज नगर योजना के लिए इस भूमि में से कुछ भूमि को अवाप्त किया. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर भूमि पर स्वामित्व बताते हुए मुआवजे के तौर पर पन्द्रह सौ मीटर के भूखंड प्राप्त कर लिए.
मामले में सुनवाई करते हुए अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-7 ने गत 15 जुलाई को कमला बेनीवाल सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में प्रसंज्ञान लिया गया था. जिसे आरोपियों की ओर से रिवीजन अर्जी दायर कर चुनौती दी गई थी. आरोपियों की अर्जी को एडीजे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.