जयपुर. देशभर की निगाहें अयोध्या राम मंदिर मामले पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिकी है. उम्मीद की जा रही है कि 15 नवंबर तक कोर्ट इस बारे में अपना फैसला सुना देगा. लेकिन, उससे पहले श्री राम के वंशज होने का दावा करने वाले जयपुर राजपरिवार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है. जानकारी के अनुसार चुप्पी इसलिए साधी है क्योंकि एक बड़ा कारण भाजपा नेतृत्व का इस मामले में मीडिया के समक्ष कोई प्रतिक्रिया नहीं देने का निर्देश भी है.
राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राम मंदिर को लेकर जयपुर राज परिवार से फिलहाल कोई तथ्य या दस्तावेज नहीं मांगे हैं. लेकिन जब साल 1992 में यह मामला कोर्ट में गया था तो उस समय जरूर जयपुर राजपरिवार ने अपने पोथी खाने में रखे राम मंदिर और वंशावली से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराए थे.
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बता दें कि जयपुर राजपरिवार के सदस्य दीया कुमारी ने दावा किया था कि वह श्रीराम की वंशज हैं. दीया कुमारी के पिता ब्रिगेडियर भवानी सिंह भगवान श्री राम की संतान की 307वीं पीढ़ी थी और वे खुद 308वीं और उनके पुत्र 309वीं पीढ़ी में आते हैं. जयपुर राजपरिवार की सिटी पैलेस स्थिति खाने में भी इससे जुड़े दस्तावेज मौजूद हैं.
जानकारी के अनुसार आशीर्वाद वंशावली और अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर से जुड़े नक्शे के आधार पर जयपुर राजपरिवार ने खुद को भगवान श्री राम का वंशज बताया था. वहीं, अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने वाला है और माना जा रहा है कि न्यायाधीश गोगोई ही 15 नवंबर को अपने रिटायरमेंट से पहले इस मामले में फैसला सुना देंगे.