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अयोध्या राम मंदिर मसले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार, जयपुर राजपरिवार ने साधी चुप्पी

देशभर की निगाहें अयोध्या राम मंदिर मामले पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिकी है. उम्मीद की जा रही है कि 15 नवंबर तक कोर्ट इस बारे में अपना फैसला सुना देगा. लेकिन, उससे पहले श्री राम के वंशज होने का दावा करने वाले जयपुर राजपरिवार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है.

अयोध्या मंदिर फैसला न्यूज , Ayodhya ram temple verdict news
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Published : Nov 8, 2019, 7:39 PM IST

जयपुर. देशभर की निगाहें अयोध्या राम मंदिर मामले पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिकी है. उम्मीद की जा रही है कि 15 नवंबर तक कोर्ट इस बारे में अपना फैसला सुना देगा. लेकिन, उससे पहले श्री राम के वंशज होने का दावा करने वाले जयपुर राजपरिवार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है. जानकारी के अनुसार चुप्पी इसलिए साधी है क्योंकि एक बड़ा कारण भाजपा नेतृत्व का इस मामले में मीडिया के समक्ष कोई प्रतिक्रिया नहीं देने का निर्देश भी है.

अयोध्या राम मंदिर मसले पर जयपुर राजपरिवार ने साधी चुप्पी

राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राम मंदिर को लेकर जयपुर राज परिवार से फिलहाल कोई तथ्य या दस्तावेज नहीं मांगे हैं. लेकिन जब साल 1992 में यह मामला कोर्ट में गया था तो उस समय जरूर जयपुर राजपरिवार ने अपने पोथी खाने में रखे राम मंदिर और वंशावली से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराए थे.

पढ़ें- अयोध्याः सुरक्षा व्यवस्था पर केन्द्र की नजर, राज्य सरकार चौकस

बता दें कि जयपुर राजपरिवार के सदस्य दीया कुमारी ने दावा किया था कि वह श्रीराम की वंशज हैं. दीया कुमारी के पिता ब्रिगेडियर भवानी सिंह भगवान श्री राम की संतान की 307वीं पीढ़ी थी और वे खुद 308वीं और उनके पुत्र 309वीं पीढ़ी में आते हैं. जयपुर राजपरिवार की सिटी पैलेस स्थिति खाने में भी इससे जुड़े दस्तावेज मौजूद हैं.

जानकारी के अनुसार आशीर्वाद वंशावली और अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर से जुड़े नक्शे के आधार पर जयपुर राजपरिवार ने खुद को भगवान श्री राम का वंशज बताया था. वहीं, अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने वाला है और माना जा रहा है कि न्यायाधीश गोगोई ही 15 नवंबर को अपने रिटायरमेंट से पहले इस मामले में फैसला सुना देंगे.

जयपुर. देशभर की निगाहें अयोध्या राम मंदिर मामले पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिकी है. उम्मीद की जा रही है कि 15 नवंबर तक कोर्ट इस बारे में अपना फैसला सुना देगा. लेकिन, उससे पहले श्री राम के वंशज होने का दावा करने वाले जयपुर राजपरिवार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है. जानकारी के अनुसार चुप्पी इसलिए साधी है क्योंकि एक बड़ा कारण भाजपा नेतृत्व का इस मामले में मीडिया के समक्ष कोई प्रतिक्रिया नहीं देने का निर्देश भी है.

अयोध्या राम मंदिर मसले पर जयपुर राजपरिवार ने साधी चुप्पी

राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राम मंदिर को लेकर जयपुर राज परिवार से फिलहाल कोई तथ्य या दस्तावेज नहीं मांगे हैं. लेकिन जब साल 1992 में यह मामला कोर्ट में गया था तो उस समय जरूर जयपुर राजपरिवार ने अपने पोथी खाने में रखे राम मंदिर और वंशावली से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराए थे.

पढ़ें- अयोध्याः सुरक्षा व्यवस्था पर केन्द्र की नजर, राज्य सरकार चौकस

बता दें कि जयपुर राजपरिवार के सदस्य दीया कुमारी ने दावा किया था कि वह श्रीराम की वंशज हैं. दीया कुमारी के पिता ब्रिगेडियर भवानी सिंह भगवान श्री राम की संतान की 307वीं पीढ़ी थी और वे खुद 308वीं और उनके पुत्र 309वीं पीढ़ी में आते हैं. जयपुर राजपरिवार की सिटी पैलेस स्थिति खाने में भी इससे जुड़े दस्तावेज मौजूद हैं.

जानकारी के अनुसार आशीर्वाद वंशावली और अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर से जुड़े नक्शे के आधार पर जयपुर राजपरिवार ने खुद को भगवान श्री राम का वंशज बताया था. वहीं, अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने वाला है और माना जा रहा है कि न्यायाधीश गोगोई ही 15 नवंबर को अपने रिटायरमेंट से पहले इस मामले में फैसला सुना देंगे.

Intro:अयोध्या राम मंदिर मसले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का बेसब्री से इंतजार
श्रीराम के वंशज का दावा करने वाले जयपुर राजपरिवार से नहीं मांगे कोई भी दस्तावेज
कोर्ट के निर्णय से पहले जयपुर राजपरिवार की चुप्पी लेकिन सकारात्मक निर्णय की है उम्मीद

जयपुर (इंट्रो)
देशभर की निगाहें अयोध्या राम मंदिर मामले पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिकी है। उम्मीद की जा रही है कि 15 नवंबर तक कोर्ट इस बारे में अपना फैसला सुना देगा, लेकिन उससे पहले श्री राम के वंशज होने का दावा करने वाले जयपुर राजपरिवार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है। चुप्पी इसलिए क्योंकि आदमी का एक बड़ा कारण भाजपा नेतृत्व का इस मामले में मीडिया के समक्ष कोई प्रतिक्रिया नहीं देने का निर्देश भी है। वही आपको बता दे कि राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राम मंदिर को लेकर जयपुर राज परिवार से फिलहाल कोई तथ्य या दस्तावेज नहीं मांगे लेकिन जब साल 1992 में ये मामला कोर्ट में गया था तो उस समय जरूर जयपुर राजपरिवार ने अपने पोथी खाने में रखे राम मंदिर और वंशावली से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराए थे।

जयपुर राजपरिवार में श्रीराम के 309 वंशज-

यहां आपको बता दें कि जयपुर राजपरिवार के सदस्य दीया कुमारी ने दावा किया था कि वह श्रीराम के वंशज है। दीया कुमारी के पिता ब्रिगेडियर भवानी सिंह भगवान श्री राम की संतान की 307 वी पीढ़ी थी और वे खुद 308 वीं और उनके पुत्र 309 वीं पीढ़ी में आते हैं। जयपुर राजपरिवार किस सिटी पैलेस स्थिति खाने में भी इससे जुड़े दस्तावेज मौजूद है आशीर्वाद वंशावली और अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर से जुडे नक्शे। इन्हीं तमाम दस्तावेजों क्या घर पर जयपुर राजपरिवार ने खुद को भगवान श्री राम का वंशज बताया था चुकी अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने वाला है और माना जा रहा है कि न्यायाधीश गोगोई ही 15 नवंबर को अपने रिटायरमेंट से पहले इस मामले में सुना देंगे।

Reporter ptc -पीयूष शर्मा,सीनियर रिपोर्टर
(Edited vo pkg)




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