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3 दिन तक लगातार सचिन पायलट से बात करने का प्रयास किया गयाः रणदीप सिंह सुरजेवाला

राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मंगलवार को खूब नारेबाजी हुई. विधायकों ने हाथ खड़े कर सचिन पायलट को अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव पास किया. इस दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 3 दिन तक लगातार सचिन पायलट से बात करने का प्रयास किया गया, क्योंकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी का उन पर व्यक्तिगत स्नेह था.

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रणदीप सुरजेवाला
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Published : Jul 14, 2020, 3:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान की राजनीतिक उठापटक में मंगलवार बड़ा दिन रहा. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद से बागी तेवर दिखाने वाले सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के साथ ही उपमुख्यमंत्री पद से भी छुट्टी कर दी गई है. मंगलवार को विधायक दल की बैठक में पहले यह प्रस्ताव पास किया गया कि पायलट समेत तीनों मंत्रियों को पद से हटाया जाए. साथ ही संगठन के पदों से भी सचिन पायलट, राकेश पारीक और मुकेश भाकर को हटा दिया जाए.

रणदीप सुरजेवाला का बयान-1

इसके बाद कांग्रेस ने बड़ा निर्णय लेते हुए सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर गोविंद सिंह डोटासरा को नया अध्यक्ष बना दिया है. बता दें कि विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने हाथ खड़े कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की और सचिन पायलट के खिलाफ प्रस्ताव पास किया.

रणदीप सुरजेवाला का बयान-2

पढ़ें- सियासी घमासान के बीच CM गहलोत का बयान, BJP के इशारों पर काम कर रहे पायलट

वहीं, बैठक के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया के सामने आकर पार्टी की ओर से लिए गए निर्णय से अवगत करवाया. इस दौरान सुरजेवाला के साथ संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे और राजस्थान कांग्रेस के नए अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद रहे.

पढ़ें- सचिन पायलट की PCC चीफ से छुट्टी, डोटासरा की लगी नेम प्लेट

इस दौरान पार्टी के निर्णय से अवगत कराते हुए सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट को बीते 72 घंटे में कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि पायलट ही नहीं दोनों मंत्रियों और बाकी विधायकों से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया. सीडब्ल्यूसी के मेंबर्स और राजस्थान के संगठन महामंत्री अविनाश पांडे ने भी उनसे कई बार बात की.

सोनिया और राहुल का व्यक्तिगत स्नेह

सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट जो 2003 में राजनीति में आए थे, उन्हें 2004 में 26 साल की उम्र में सांसद बनाया, 32 साल की उम्र में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया और 36 साल की उम्र में उन्हें राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो 40 साल की उम्र में उन्हें कांग्रेस पार्टी ने उपमुख्यमंत्री जैसा पद दिया. इसका कारण यह था कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी का उन पर व्यक्तिगत स्नेह था.

पढ़ें- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे राजभवन, राज्यपाल से मुलाकात कर सौंपेंगे यह पत्र

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इसी के चलते बीते 4 दिनों से यह प्रयास हो रहा था कि अगर कोई परिवार का सदस्य रास्ता भटक जाए तो उसे वापस लाने का प्रयास होना चाहिए. लेकिन वह इनमें सफल नहीं हुए तो ऐसे में उन्हें मजबूरी में यह निर्णय लेना पड़ा. इसके साथ ही पायलट के करीबी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पदों से हटा दिया गया है.

जयपुर. राजस्थान की राजनीतिक उठापटक में मंगलवार बड़ा दिन रहा. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद से बागी तेवर दिखाने वाले सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के साथ ही उपमुख्यमंत्री पद से भी छुट्टी कर दी गई है. मंगलवार को विधायक दल की बैठक में पहले यह प्रस्ताव पास किया गया कि पायलट समेत तीनों मंत्रियों को पद से हटाया जाए. साथ ही संगठन के पदों से भी सचिन पायलट, राकेश पारीक और मुकेश भाकर को हटा दिया जाए.

रणदीप सुरजेवाला का बयान-1

इसके बाद कांग्रेस ने बड़ा निर्णय लेते हुए सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर गोविंद सिंह डोटासरा को नया अध्यक्ष बना दिया है. बता दें कि विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने हाथ खड़े कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की और सचिन पायलट के खिलाफ प्रस्ताव पास किया.

रणदीप सुरजेवाला का बयान-2

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वहीं, बैठक के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया के सामने आकर पार्टी की ओर से लिए गए निर्णय से अवगत करवाया. इस दौरान सुरजेवाला के साथ संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे और राजस्थान कांग्रेस के नए अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद रहे.

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इस दौरान पार्टी के निर्णय से अवगत कराते हुए सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट को बीते 72 घंटे में कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि पायलट ही नहीं दोनों मंत्रियों और बाकी विधायकों से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया. सीडब्ल्यूसी के मेंबर्स और राजस्थान के संगठन महामंत्री अविनाश पांडे ने भी उनसे कई बार बात की.

सोनिया और राहुल का व्यक्तिगत स्नेह

सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट जो 2003 में राजनीति में आए थे, उन्हें 2004 में 26 साल की उम्र में सांसद बनाया, 32 साल की उम्र में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया और 36 साल की उम्र में उन्हें राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो 40 साल की उम्र में उन्हें कांग्रेस पार्टी ने उपमुख्यमंत्री जैसा पद दिया. इसका कारण यह था कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी का उन पर व्यक्तिगत स्नेह था.

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रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इसी के चलते बीते 4 दिनों से यह प्रयास हो रहा था कि अगर कोई परिवार का सदस्य रास्ता भटक जाए तो उसे वापस लाने का प्रयास होना चाहिए. लेकिन वह इनमें सफल नहीं हुए तो ऐसे में उन्हें मजबूरी में यह निर्णय लेना पड़ा. इसके साथ ही पायलट के करीबी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पदों से हटा दिया गया है.

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