जयपुर. संसदीय लोकतंत्र में बड़ी ताकत होती है. इसके माध्यम से समस्याओं का निराकरण आसानी से कराया जा सकता है. सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य अपनी भूमिका का प्रभावशाली ढंग से निर्वहन कर सकते हैं. यह बात राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के दौरान कही.
उन्होंने प्रभावी और सार्थक लोकतंत्र को बढ़ावा देने में विधायिका की भूमिका’’ विषय पर सम्बोधन दिया. सम्मेलन के दौरान सीपी जोशी ने कहा कि जनप्रतिनिधि से क्षेत्र के मतदाताओं को अपेक्षा होती है कि उनके प्रतिनिधि क्षेत्र की समस्याओं को सदन में प्रभावशाली तरीके से रखें. जिससे समस्याओं का निराकरण हो सके.
उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में समस्याओं को अलग-अलग तरीके से उठाया जा सकता है. जनप्रतिनिधि की यह जिम्मेदारी होती है कि वे क्षेत्र की समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करें और समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास करें. प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, शून्यकाल और विभिन्न मुद्दों पर चल रही बहस में समस्याओं को प्रभावी तरीके से रखा जा सकता है.