जयपुर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन से राजधानी का परकोटा सूनसान है. यही नहीं जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर भी सूना पड़ा है. मंदिर प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए ठाकुर जी की सेवा जरूर कर रहा है. वहीं भक्तों के लिए भी सातों झांकियों के ऑनलाइन और टीवी पर दर्शन की व्यवस्था कर रखी है.
प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों को 22 मार्च से श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था. जिन मंदिरों में हर दिनों भक्तों का सैलाब नजर आता था, वो मंदिर भी सूने पड़े हुए हैं. जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर के भी यही हालात हैं. हालांकि, मंदिर प्रशासन ने ठाकुर जी की सेवा जारी रखी है. मंदिर की परंपरा रही सात झांकी भी हर दिन हो रही है और तीज त्योहार भी उसी तरह मनाए जा रहे हैं. इस संबंध में मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि ठाकुर जी की सेवा का कार्य अनवरत जारी है. इसी क्रम में आखातीज का उत्सव किया. इसके अलावा जलयात्रा की झांकी प्रारंभ हुई.
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वहीं सेवादारों और भोग बनाने वालों को लॉकडाउन के दौरान मंदिर में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं. उनकी सेवा के दिन भी निर्धारित किए गए हैं. जिससे वो और उनका परिवार सुरक्षित रहे. वहीं मानस गोस्वामी ने बताया कि वृद्धजनों की सहूलियत के लिए करीब 12 साल से ठाकुर जी की ऑनलाइन और टेलीविजन पर दर्शन की सुविधा है, जो अभी भी निरंतर जारी है. ठाकुर जी की झांकियों की सेवा और भोग राग में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है.
गोस्वामी कहते हैं कि आज भी बहुत सी माता बहन ठाकुर जी को अपना प्रथम पुत्र मानती हैं. ऐसे में ठाकुर जी से बिना लाड दुलार किए वो रह नहीं सकती. श्रद्धालुओं को इंतजार है कि लॉकडाउन खुले और वो मंदिर आए, भगवान के दर्शन करें. साथ ही उनके लिए भजन गाएं लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए लॉकडाउन किया है, उसकी पालना भी आवश्यक है. ऐसे में उन्होंने भक्तों से भगवान के ऑनलाइन दर्शन करने का ही निवेदन किया है. साथ ही उन्होंने प्रातःकाल और सांयकाल ठाकुर जी के महामंत्र का जप करने की अपील की. जिससे ये विघ्न जल्द से जल्द सभी के जीवन से निकले.
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गोविंद देव जी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंचती है. ऐसे में 7 झांकियों में भी उन्हें लाइन बनाकर दर्शन कराना असंभव कार्य है. मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्रथम ध्यान में रखते हुए प्रशासन के निर्देशों की पालना की बात कही. ऐसे में अब भक्तों को इंतजार रहेगा कि कब ये महामारी खत्म हो, लॉकडाउन खुले, और वो अपने भगवान के दर्शन कर सके.