जयपुर. उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं और इसकी स्थाई समिति की 19वीं बैठक शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah in Northern Zonal Council meeting) की अध्यक्षता में जयपुर में हुई. बैठक मैं 8 राज्यों के मुख्यमंत्री , उप मुख्यमंत्री, राज्यपाल, उप राज्यपाल और कैबिनेट मंत्री शामिल हुए. परिषद की इस बैठक में कुल 47 मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें से 4 मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण विषयों के रूप में चिह्नित किया गया. 47 मुद्दों में से 35 मामलों का समाधान निकाल लिया गया .
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह सहकारी संघवाद की भावना से राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के प्रति मोदी सरकार के संकल्प और कटिबद्धता को दर्शाता है . उन्होंने कहा कि विवादित अंतर्राज्यीय मुद्दों का आम सहमति से समाधान निकालने, राज्यों के बीच क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने और देशभर में लागू किए जाने वाले साझा राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विचार विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती हैं क्षेत्रीय परिषदें .
देश में 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का इस बात पर जोर रहा है कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकें नियमित हों, परिणामलक्षी हों और लंबित मुद्दों का समाधान निकालने में सफल हों. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर अंतर्राज्य परिषद, केंद्रीय गृह मंत्रालय और भारत सरकार के सभी मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस कार्य को गति देने का काम कर रहे हैं.
2006 से 2013 के बीच क्षेत्रीय परिषद की 6 और इसकी स्थाई समिति की 8 बैठकें हुईं. जबकि 2014 से 2022 तक क्षेत्रीय परिषद की 19 और स्थायी समिति की 24 बैठकें हुईं. गृह मंत्री ने कहा कि हमने परिषद की बैठकों की गति को काफी बढ़ाया है और इन्हें परिणामलक्षी भी बनाया है. इस गति और परिणाम लाने के रिकार्ड को जारी रखना चाहिए. उत्तरी क्षेत्र में राज्यों के परस्पर और केंद्र तथा राज्यों के बीच मुद्दों का समाधान देश के विकास और संघीय ढ़ांचे को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण .
47 में से 35 मुद्दों पर सहमतिः अमित शाह ने कहा कि उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं और इसकी स्थायी समिति की 19वीं बैठक में कुल 47 मुद्दों पर चर्चा हुई. जिनमें से 4 मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण विषयों के रूप में चिह्नित किया गया . कुल 47 मुद्दों में से 35 मामलों का समाधान निकाल लिया गया.
गृह मंत्री ने कहा कि उत्तरी क्षेत्र में राज्यों के बीच परस्पर और केंद्र तथा राज्यों के बीच समस्याओं का समाधान देश के विकास और संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इससे पहले 2019 में चंडीगढ़ में हुई उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में 18 मुद्दों पर चर्चा हुई थी. इनमें से 16 मुद्दों का समाधान निकाल लिया गया.
साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति पर जोरः बैठक में साइबर अपराध से निपटने के लिए सभी स्टेकहोल्डर को मिलकर एक प्रभावी रणनीति बनाने पर बल दिया गया. गृह मंत्री ने केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में वित्तीय धोखाधड़ी और सोशल मीडिया के जरिए किए गए साइबर अपराधों को रोकने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने के लिए एक समिति गठित करने को कहा.
साइबर अपराध के बढ़ते खतरों और इनकी रोकथाम की रणनीति और विभिन्न माध्यमों के जरिए साइबर सावधानी संबंधी जागरूकता अभियान चलाने पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि संगठित और समन्वित साइबर हमलों से राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और आर्थिक गतिविधि पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इसके मद्देनज़र राष्ट्रीय साइबर स्पेस और समग्र नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सबको मिलकर कार्य करने की जरूरत है.
केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय होः अमित शाह ने केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय करके साइबर अपराध की अधिकता वाले विभिन्न हॉट-स्पॉट्स में साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग नेटवर्क के विस्तार के विजन अनुसार, सभी गांवों में 5 किमी के भीतर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काफी प्रगति हासिल की गई है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने पुलिस अधिकारियों, पब्लिक प्रोसीक्यूटरों और टेलकॉम कंपनियों, उनके POS एजेंट्स सहित कटिंग ऐज एजेंसियों को नई टेक्नोलोजी और उन्नत स्किल से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया. उन्होंने साइबर अपराधों का पता लगाने के लिए आईटी टूल्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने और उनकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए व्यवस्थित उपाय करने के लिए कहा.
जल बटवारें पर भी चर्चाः बैठक में सदस्य राज्यों के बीच नदी जल बंटवारे की जटिल समस्या पर भी चर्चा हुई. अमित शाह ने संबंधित राज्यों से इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए समयबद्ध समाधान निकालने को भी कहा. अमित शाह ने कहा कि सभी स्टेकहोल्डर एक साथ मिलकर विकास के लिए एक मजबूत सहयोगी तंत्र की स्थापना करें. इस उद्देश्य से ही क्षेत्रीय परिषदों की रचना की गई. उन्होंने कहा कि वैसे तो परिषद की भूमिका सलाहकारी है, लेकिन उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि उनके तीन साल के अनुभव में परिषद में 75 प्रतिशत से ज्यादा मसलों का आम सहमति से समाधान किया गया है. इस प्रकार से एक बहुत अच्छी प्रक्रिया शुरू हुई है और हम सबको इसे जारी रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय सहमति के मुद्दों पर शत-प्रतिशत परिणाम हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं .
बैठक में यह रहे मौजूद: जयपुर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई. इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्ण माथुर मौजूद थे. इसी प्रकार चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्रियों ने भाग लिया. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव,अंतर्राज्य परिषद सचिवालय की सचिव,उत्तरी क्षेत्र में सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.
शाह को काले झंडे दिखाने की फिराक में थे एनएसयूआई कार्यकर्ता, पहले ही हिरासत में लिए गए
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को राजधानी जयपुर पहुंचे थे. जयपुर एयरपोर्ट से होटल रामबाग आते समय अमित शाह को रास्ते में एनएसयूआई की ओर से अग्नीपथ योजना के विरोध में काले झंडे दिखाने की प्लानिंग थी, लेकिन पुलिस ने पहले ही कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने राजस्थान विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में ही हिरासत में ले लिया. एनएसयूआई के कार्यकर्ता अमित शाह को काले झंडे दिखाने के लिए गांधी सर्किल के कोने पर अमित शाह के आने का इंतजार कर रहे थे. पुलिस को भनक लगते ही राजस्थान विश्वविद्यालय के इकाई अध्यक्ष अमरदीप परिहार, छात्र नेता जयदीप मिर्धा, गोविंद मलिंडा और भूपेंद्र शेखावत को हिरासत में ले लिया. चारों एनएसयूआई कार्यकर्ता हैं.